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भाकियू में 2 फाड होने से सदमे में थे बाबा गुलाम मोहम्मद, हार्ट अटैक से निधन

भारतीय किसान मजदूर मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलाम मोहम्मद जौला की सुबह अखबार पढ़ते वक्त हार्ट अटैक से मौत हो गई. 1988 बने भारतीय किसान यूनियन संगठन में भी इनकी अहम भूमिका रह चुकी है. 2013 के दंगों के बाद भारतीय किसान मजदूर मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलाम मोहम्मद ने अपना मंच अलग खड़ा कर लिया था.

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बाबा गुलाम मौहम्मद
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Published : May 16, 2022, 10:39 PM IST

मुजफ्फरनगर: भारतीय किसान मजदूर मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलाम मोहम्मद जौला की सुबह अखबार पढ़ते वक्त हार्ट अटैक से मौत हो गई. उनकी मौत की खबर क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और परिवार में कोहराम मच गया.

गौरतलब है कि 1988 बने भारतीय किसान यूनियन संगठन में भी इनकी अहम भूमिका रह चुकी है. वहीं, भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक स्व. चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत से कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले गुलाम मोहम्मद ने बहुत से आंदोलनों में अहम भूमिका निभाई है. 2013 के दंगों के बाद भारतीय किसान मजदूर मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलाम मोहम्मद ने अपना मंच अलग खड़ा कर लिया था, जिसमें उन्होंने आपसी सौहार्द बनाने की भी काफी कोशिशें की थी पर वह कामयाब रहे थे.

भाकियू के संस्थापक सदस्य स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत संग किया काम, 2013 दंगे में हुए थे अलग

मुजफ्फरनगर के वयोवृद्ध किसान नेता गुलाम मोहम्मद जौला का 87 साल की आयु में निधन हो गया. उनके पुत्र मुन्ना प्रधान ने निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि सोमवार को सुबह करीब 7 बजे अखबार पढ़ते हुए दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ. उनका शव सायं 6 बजे सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.

इसे भी पढ़ेंः ज्ञानवापी में मिला शिवलिंग, कोर्ट ने उस स्थान को किया सील, CRPF ने लिया सुरक्षा घेरे में

राज्यपाल रहे वीरेन्द्र वर्मा के साथ की थी सियासत की शुरुआत

बुढाना क्षेत्र के गांव जौला निवासी संपन्न किसान परिवार से संबंध रखने वाले गुलाम मोहम्मद जौला के निधन से सभी स्तब्ध हैं. किसान हको की पैरोकारी के मामले में जौला को काफी आगे माना जाता था. उनकी राजनीति की शुरुआत हिमाचल प्रदेश और पंजाब के राज्यपाल रहे वीरेन्द्र वर्मा के साथ हुई थी. पूर्व राज्यपाल स्व. वीरेन्द्र वर्मा के साथ शाना-ब-शाना सियासत करने वाले गुलाम मोहम्मद जौला 27 साल तक उनके साथ जुड़े रहे.

भाकियू के संस्थापक सदस्य, 2013 के दंगे में हो गए थे अलग

गुलाम मोहम्मद जौला ने पूरा जीवन किसान हक में आवाज बुलंद करने और आंदोलन में बिता दिया. 1987 में भाकियू के गठन के दौरान वह स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत के साथ थे. भाकियू के संस्थापक सदस्य रहे गुलाम मोहम्मद जौला कई बार स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत के साथ जेल भी गए. टिकैत की पुण्यतिथि 15 मई से ठीक एक दिन बाद सोमवार सुबह ह्रदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया.

गुलाम मोहम्मद जौला ने 2013 में हुए दंगों के बाद भाकियू का साथ छोड़ दिया था. 1 नवंबर 2013 को उन्होंने भाकियू से अलग होकर भारतीय किसान मजदूर मंच का गठन किया था. जौला मंच के आजीवन अध्यक्ष रहे.

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मुजफ्फरनगर: भारतीय किसान मजदूर मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलाम मोहम्मद जौला की सुबह अखबार पढ़ते वक्त हार्ट अटैक से मौत हो गई. उनकी मौत की खबर क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और परिवार में कोहराम मच गया.

गौरतलब है कि 1988 बने भारतीय किसान यूनियन संगठन में भी इनकी अहम भूमिका रह चुकी है. वहीं, भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक स्व. चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत से कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले गुलाम मोहम्मद ने बहुत से आंदोलनों में अहम भूमिका निभाई है. 2013 के दंगों के बाद भारतीय किसान मजदूर मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलाम मोहम्मद ने अपना मंच अलग खड़ा कर लिया था, जिसमें उन्होंने आपसी सौहार्द बनाने की भी काफी कोशिशें की थी पर वह कामयाब रहे थे.

भाकियू के संस्थापक सदस्य स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत संग किया काम, 2013 दंगे में हुए थे अलग

मुजफ्फरनगर के वयोवृद्ध किसान नेता गुलाम मोहम्मद जौला का 87 साल की आयु में निधन हो गया. उनके पुत्र मुन्ना प्रधान ने निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि सोमवार को सुबह करीब 7 बजे अखबार पढ़ते हुए दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ. उनका शव सायं 6 बजे सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.

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राज्यपाल रहे वीरेन्द्र वर्मा के साथ की थी सियासत की शुरुआत

बुढाना क्षेत्र के गांव जौला निवासी संपन्न किसान परिवार से संबंध रखने वाले गुलाम मोहम्मद जौला के निधन से सभी स्तब्ध हैं. किसान हको की पैरोकारी के मामले में जौला को काफी आगे माना जाता था. उनकी राजनीति की शुरुआत हिमाचल प्रदेश और पंजाब के राज्यपाल रहे वीरेन्द्र वर्मा के साथ हुई थी. पूर्व राज्यपाल स्व. वीरेन्द्र वर्मा के साथ शाना-ब-शाना सियासत करने वाले गुलाम मोहम्मद जौला 27 साल तक उनके साथ जुड़े रहे.

भाकियू के संस्थापक सदस्य, 2013 के दंगे में हो गए थे अलग

गुलाम मोहम्मद जौला ने पूरा जीवन किसान हक में आवाज बुलंद करने और आंदोलन में बिता दिया. 1987 में भाकियू के गठन के दौरान वह स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत के साथ थे. भाकियू के संस्थापक सदस्य रहे गुलाम मोहम्मद जौला कई बार स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत के साथ जेल भी गए. टिकैत की पुण्यतिथि 15 मई से ठीक एक दिन बाद सोमवार सुबह ह्रदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया.

गुलाम मोहम्मद जौला ने 2013 में हुए दंगों के बाद भाकियू का साथ छोड़ दिया था. 1 नवंबर 2013 को उन्होंने भाकियू से अलग होकर भारतीय किसान मजदूर मंच का गठन किया था. जौला मंच के आजीवन अध्यक्ष रहे.

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