मुजफ्फरनगर: एक दौर था जब श्रावण मास की शिवरात्रि पर जिले के कस्बा खतौली के प्राचीन झारखंड महादेवालय पर हजारों की तदाद में कांवड़िया जुटते थे और हर-हर, बम-बम के जयघोष के साथ अपने आराध्य भगवान महादेव का जलाभिषेक करते थे, लेकिन इस बार कोराना संक्रमण के चलते मंगिर में सन्नाटा पसरा रहा.
इस बार की सावन की शिवरात्रि पिछले वर्षों से बेहद अलग रही. ना तो कांवड़ियों की भीड़ दिखी और ना ही हर-हर महादेव की गूंज सुनाई दी. कोरोना आस्था पर भारी पड़ता दिखाई दिया. खतौली के पास झारखंड महादेवालय में पिछले वर्षों में जलाभिषेक के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे. वहीं इस बार मंदिर में सन्नाटा पसरा रहा.
मंदिर परिसर के बाहर पूर्व के वर्षों में भव्य मेले जैसा माहौल रहता था. श्रद्धालुओं के लिए भंडारे और प्रसाद की व्यवस्था मंदिर समिति करती थी, लेकिन इस बार ऐसी कोई व्यवस्था देखने को नहीं मिली. सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर परिसर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था.