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विक्की त्यागी हत्याकांड: हत्यारोपी सागर मलिक को किशोर न्याय बोर्ड ने बालिग करार दिया

किशोर न्याय बोर्ड ने विक्की त्यागी हत्यारोपी सागर मलिक को बालिग करार दिया है. 2015 में हत्यारोपी के बालिग न होने के कारण सुनवाई आगे नहीं बढ़ी थी.

हत्यारोपी सागर मलिक
हत्यारोपी सागर मलिक
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Published : Nov 23, 2022, 10:33 PM IST

मुजफ्फरनगर: किशोर न्याय बोर्ड ने सुनवाई पूरी कर विक्की त्यागी के हत्यारोपी सागर मलिक उर्फ सागर बहावड़ी को बालिग करार दिया है. सागर मलिक पर कोर्ट परिसर में कुख्यात विक्की त्यागी पर गोलियां बरसाकर हत्या करने का आरोप है. 2015 में हुए विक्की त्यागी हत्याकांड के मामले में सागर पर सुनवाई इसलिए आगे नहीं बढी थी. क्योकि किशोर न्याय बोर्ड में सागर के बालिग होने का मामला साफ नहीं हो पाया था.

विक्की त्यागी को 16 फरवरी 2015 को जेल से लाकर कड़ी सुरक्षा में एडीजे-10 कोर्ट में पेश किया गया था. दोपहर करीब 2:30 बजे कोर्ट परिसर में ही अधिवक्ता बनकर आए एक सिख वेशधारी युवक ने विक्की त्यागी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी. उसके बाद उसने मौजूद पुलिस को पिस्टल सौंपकर आत्मसमर्पण कर दिया था. गोलियां लगने से विक्की त्यागी की मौके पर ही मौत हो गई थी. इस मामले में विक्की त्यागी की मां सुप्रभा ने सिख वेशधारी अधिवक्ता का रूप बनाकर आए सागर मलिक उर्फ सागर बहावड़ी सहित कई अन्य के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था.

विक्की त्यागी हत्याकांड के मामले में मौके से अरेस्ट हुए सागर बहावड़ी की आयु को लेकर मामला फंस गया था. सागर के स्वजन की और से दावा किया गया था कि विक्की त्यागी हत्याकांड के समय वह नाबालिग था इसलिए सागर को नैनी जेल भेज दिया गया था. जबकि स्वजन के प्रार्थना पत्र पर उसके बालिग न होने के मामले में सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में चल रही थी.

किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर कुछ माह पहले तत्कालीन न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सागर की मेडिकल रिपोर्ट तलब की थी. मंगलवार को किशोर न्याय बोर्ड की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट विभा धामा ने सुनवाई पूरी कर सागर मलिक उर्फ सागर बहावड़ी के मामले में फैसला सुनाते हुए विक्की त्यागी हत्याकांड के समय उसे बालिग करार दिया.

यह भी पढ़ें:विक्की त्यागी की हत्या का आरोपी सागर कोर्ट में हुआ पेश, अवैध शस्त्र में आरोप तय

मुजफ्फरनगर: किशोर न्याय बोर्ड ने सुनवाई पूरी कर विक्की त्यागी के हत्यारोपी सागर मलिक उर्फ सागर बहावड़ी को बालिग करार दिया है. सागर मलिक पर कोर्ट परिसर में कुख्यात विक्की त्यागी पर गोलियां बरसाकर हत्या करने का आरोप है. 2015 में हुए विक्की त्यागी हत्याकांड के मामले में सागर पर सुनवाई इसलिए आगे नहीं बढी थी. क्योकि किशोर न्याय बोर्ड में सागर के बालिग होने का मामला साफ नहीं हो पाया था.

विक्की त्यागी को 16 फरवरी 2015 को जेल से लाकर कड़ी सुरक्षा में एडीजे-10 कोर्ट में पेश किया गया था. दोपहर करीब 2:30 बजे कोर्ट परिसर में ही अधिवक्ता बनकर आए एक सिख वेशधारी युवक ने विक्की त्यागी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी. उसके बाद उसने मौजूद पुलिस को पिस्टल सौंपकर आत्मसमर्पण कर दिया था. गोलियां लगने से विक्की त्यागी की मौके पर ही मौत हो गई थी. इस मामले में विक्की त्यागी की मां सुप्रभा ने सिख वेशधारी अधिवक्ता का रूप बनाकर आए सागर मलिक उर्फ सागर बहावड़ी सहित कई अन्य के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था.

विक्की त्यागी हत्याकांड के मामले में मौके से अरेस्ट हुए सागर बहावड़ी की आयु को लेकर मामला फंस गया था. सागर के स्वजन की और से दावा किया गया था कि विक्की त्यागी हत्याकांड के समय वह नाबालिग था इसलिए सागर को नैनी जेल भेज दिया गया था. जबकि स्वजन के प्रार्थना पत्र पर उसके बालिग न होने के मामले में सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में चल रही थी.

किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर कुछ माह पहले तत्कालीन न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सागर की मेडिकल रिपोर्ट तलब की थी. मंगलवार को किशोर न्याय बोर्ड की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट विभा धामा ने सुनवाई पूरी कर सागर मलिक उर्फ सागर बहावड़ी के मामले में फैसला सुनाते हुए विक्की त्यागी हत्याकांड के समय उसे बालिग करार दिया.

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