मुजफ्फरनगर: भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख सचिव गन्ना संजय भूसररेड्डी से मिलकर गन्ना भुगतान की मांग की. उन्होंने कहा कि कुछ चीनी मिलों के समूह किसानों का आधा भुगतान भी नहीं कर पाए हैं. इससे किसानों को परेशानी हो रही है.
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि प्रदेश में मिलों की क्षमता वृद्धि और नई चीनी मिलों की स्थापना न होने के कारण किसानों को गन्ने का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. हालाकि, प्रदेश में कई चीनी मिलों की क्षमता वृद्धि की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई चीनी मिलों को लगाए जाने की जरूरत है. इस पर गन्ना आयुक्त ने भुगतान कराने का आश्वासन दिया. साथ ही कहा कि मिलों पर सख्ती की जाएगी. बिजनौर की नजीबाबाद और मुजफ्फरनगर की मोरना मिल की क्षमता वृद्धि के साथ-साथ कोजन और डिस्टरली की स्थापना जल्द किए जाने का आश्वासन दिया.
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि प्रदेश की कुछ चीनी मिलों और समूहों द्वारा गन्ना किसानों का भुगतान इस वर्ष का भी 50 प्रतिशत से कम किया गया है, जिससे बच्चों के शादी विवाह और बीमारियों तक का इलाज कराना संभव नहीं हो पा रहा है. प्रदेश के बजाज समूह, मवाना शुगर, सिंभावली शुगर, मोदीनगर, मलकपुर सहित अन्य चीनी मिलों में भुगतान की स्थिति दयनीय है, जिससे किसानों को सरकारी बकाया में डिफाल्टर होना पड़ रहा है.
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भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसान हित में बिजली के बकाया बिल और गन्ना सहकारी समितियों में ऋण के भुगतान पर एकमुश्त समाधान योजना लागू की है, जिससे किसान को लाभ होगा. लेकिन, चीनी मिलों के भुगतान न करने से किसान सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा, युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह आदि शामिल रहे.
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