मुजफ्फरनगरः जनपद में शनिवार को एक बीमार गोवंश की दुर्दशा को लेकर बजरंग दल और अन्य हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने थानाभवन मार्ग जाम कर दिया. सड़क जाम की सूचना पर आला अधिकारियों में हड़कंप मच गया. किसी तरह हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं को समझा बुझाकर जाम को खुलवाया. इसके बाद बीमार गोवंश को गोशाला में भिजवाया.
बता दें कि मामला चरथावल थाना क्षेत्र का है. जहां एक बीमार गोवंश की दुर्दशा से हिन्दू संगठनों और बजरंग दल के कार्यकर्ता नाराज हो गए. इसके बाद थानाभवन रोड को जाम कर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की. दल के कार्यकर्ताओं का आरोप था, कि नगर पंचायत गोशाला चरथावल लगातार गोवंशों की निर्मम हत्या कर रही है. आए दिन पशुओं को गोशाला से बाहर निकाल देते हैं. इसके बाद रात को भी पशु आवारा सड़कों पर घूमते रहते हैं. लोग इन्हें मारते और काटते हैं. इन गोवंशों को चारा नहीं मिलता है.
शुक्रवार की रात बजरंग दल के कार्यकर्ताओ ने बरसात में बीमारी के कारण तड़प रहे एक गोवंश की सूचना चरथावल अधिशासी अधिकारी नीलम पांडेय को फोन पर दी. उन्होंने गोवंश को गोशाला में रखने से साफ साफ मना कर दिया. इसके बाद उन्होंने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को आदेश देकर उस गोवंश को एक शमशान में रखवा दिया था जहां सुबह देखने को मिला कि उस गौवंश को कुत्ते नोच रहे थे. इसके चलते रोड जाम करते हुए हिंदू संगठन के लोगों ने चरथावल अधिशासी अधिकारी नीलम पांडे को सस्पेंड करने की मांग की.
अधिशासी अधिकारी नीलम पांडे का कहना है कि रात 8:00 बजे मुझे फोन आया था, कि एक गाय घायल अवस्था में चरथावल क्षेत्र में पड़ी हुई है. जब उसका पता किया गया तो वह हमारी सीमा से बाहर थी. इसके बाद भी विश्व हिंदू परिषद के लोगों के फोन आ रहे थे. तो मैंने अपने कर्मचारियों को आदेश देकर उस गोवंश को सड़क से उठाकर एक उचित स्थान पर रखवा दिया. इसपर कर्मचारियों ने उस गोवंश को अबीपुर गांव की पुलिया से उठाकर गांव के शमशान के चैनल में रख दिया था. उन्होंने बताया कि लंपी बीमारी के चलते अग्रिम आदेशों तक गोशाला में बाहर पशु रखने की मनाही है इसलिए बाहर इस गोवंश की व्यवस्था कराई गई थी.
यह भी पढ़ें-वंदे भारत समेत कई वीआईपी ट्रेनों में कानपुर के बोगी फ्रेम, जानिए खासियत
इस मामले में खंड विकास अधिकारी चरथावल सतीश कुमार सैनी ने बताया कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को एक गोवंश को लेकर रोड जाम किया. उनका कहना था कि रात एक घायल गोवंश की जानकारी अधिशासी अधिकारी दी गई थी जिन्होंने उस गोवंश को गोशाला में न रखवाकर किसी अन्य स्थान पर रखवा दिया था. यह कहकर की लंपी बीमारी के चलते बाहर के गोवंश को गौशाला में रखने के आदेश नहीं है. रात में उस गोवंश को कुत्ते ने नोचकर घायल कर दिया था. जिसे हमने अब अपनी डेडीकेटेड गोशाला में रखवा दिया है. हम लोग इनकी बात को जिला स्तर पर भेजेंगे जो भी कार्रवाई उच्चस्तर से होगी इसमें कराई जाएगी.