मुजफ्फरनगर: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार करते हुए एक युवक से अवैध उगाही के मामले में फंसे खालापार चौकी प्रभारी के अलावा 4 सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया है. पीड़ित युवक की ओर से की गई शिकायत के बाद कराई गई जांंच में मामला सही पाए जाने पर एसएसपी ने यह बड़ा कदम उठाया है. एसएसपी के आदेश के बाद पुलिस ने चौकी पर खड़ी पीड़ित की स्कूटी को भी वापस कर दिया है. पीड़ित युवक का आरोप था कि, खालापार चौकी पुलिस ने युवक को गांजे की तस्करी में जेल भेजने की धमकी देकर उससे एक लाख रुपये ऐंठ लिए थे. उससे 2 लाख की मांग भी की जा रही थी.
सूत्रों की मानें तो खालापार की दर्जियों वाली गली निवासी जुनैद ने हाल में ही एक स्कूटी खरीदी थी. 3 दिन पहले खालापार चौकी पर तैनात कुछ सिपाही जुनैद के पास पहुंचे और मारपीट करते हुए उससे उसकी स्कूटी लेकर चले गए. आरोप है कि खालापार चौकी पुलिस ने स्कूटी चोरी की बताते हुए उससे रुपये की मांग की. लेकिन जुनैद ने स्कूटी के कागज पुलिस को दिखा दिए.
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इसके बाद पुलिस ने उस पर नशा करने तथा गांजा की तस्करी करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की धमकी दी. पुलिस ने कार्रवाई से बचाने के लिए जुनैद से 3 लाख रुपये की मांग की. इस मामले में पीड़ित जुनैद ने खालापार चौकी पुलिस को एक लाख रुपये दिए. बावजूद इस पर उगाही का दबाव बनाया जाता रहा. इससे परेशान होकर जुनैद ने सारे मामले की शिकायत एसएसपी अभिषेक यादव से की.
इस मामले की जांच एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय को दी गई. जांच में खालापार चौकी पुलिस की संलिप्तता पाई गई. जिसके उपरांत देर रात एसएसपी ने पांचों पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया. एसएसपी अभिषेक यादव का कहना है कि शिकायत की जांच कराई गई थी. इसी के आधार पर कार्रवाई करते हुए एसआई राकेश शर्मा को खालापार चौकी प्रभारी के तौर पर तैनाती दी है.
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