मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश पुलिस ने मथुरा थाना क्षेत्र के मांड टोल प्लाजा पर संदिग्ध वाहनों की चेकिंग के दौरान पीएफआई के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. इनमें से एक कार्यकर्ता अतीक उर रहमान मुजफ्फरनगर के रतनपुरी थाना क्षेत्र के गांव नंगला का रहने वाला है. इस मामले में अतीक के भाई का कहना है कि यूपी पुलिस उसके भाई को झूठे आरोपों में फंसा रही है.
मथुरा थाना क्षेत्र की पुलिस ने चेकिंग के दौरान दिल्ली से हाथरस की ओर जा रही एक कार से चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने इन संदिग्धों के कब्जे से मोबाइल, लैपटॉप और शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला संदिग्ध साहित्य भी बरामद किया है.
पुलिस के अनुसार चारों संदिग्ध एक साजिश के तहत हाथरस जा रहे थे. इनका उद्देश्य हाथरस कांड के बहाने जातीय संघर्ष और प्रदेश सरकार की छवि धूमिल करना था. पुलिस के मुताबिक चारों युवक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के कार्यकर्ता हैं. पुलिस ने इन चारों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की है.
गिरफ्तार किए गए युवक अतीक उर रहमान के भाई मतीन ने बताया कि वह शुक्रवार को दिल्ली एम्स अस्पताल में दवाई लेने के लिए गया था. अतीक हार्ट पेशेंट है और हर महीन दवाई लेने जाता है. मतीन के मुताबिक अतीक पीएचडी की पढ़ाई कर रहा है. यूपी पुलिस अतीक को झूठे आरोप में फंसा रही है, वह पीएफआई का सदस्य नहीं है. भाई के मुताबिक अतीक कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया में काम करता है.