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मुजफ्फरनगर: किसान को कागजों में किया मृत घोषित, जिंदा होने का मांगा सबूत - मुजफ्फरनगर

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक किसान को मृत घोषित कर दिया गय है. किसान का कहना है कि जब उसे गन्ना की ऑनलाइन पर्ची नहीं मिली तो उसने अधिकारियों से इसकी जानकारी मांगी, जिसके बाद उसे कहा गया कि वह मृत है और उससे जीवित होने का सबूत मांगा गया.

किसान से मांगा जिंदा होने का सबूत.
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Published : Nov 24, 2019, 1:05 PM IST

मुजफ्फरनगर: जिले के खामपुर खुड्डा गांव के किसान रामपाल सिंह खुद के जिन्दा होने का सबूत लिए सहकारी गन्ना समिति रोहाना के रोज चक्कर काट रहे हैं. पिछले आठ दिनों से किसान रामपाल सिंह गन्ना समिति के अधिकारियों से मिलने आते हैं और लम्बी कतार में लगे रहते हैं. रामपाल का कहना है कि उन्हें ऑनलाइन पर्ची नहीं मिल पा रही है. वहीं इसकी शिकायत करने पर उनसे जिंदा होने का सबूत मांगा जा रहा है.

किसान से मांगा जिंदा होने का सबूत.

खामपुर खुड्डा गांव के रहने वाले किसान रामपाल को इस सीजन में गन्ना की ऑनलाइन पर्ची नहीं मिली. रामपाल सिंह ने सहकारी गन्ना समिति के कर्मचारियों से इस बारे में बात की तो उन्हें बताया गया कि वह मर चुका है और उसका कार्ड गन्ना समिति द्वारा बंद कर दिया गया है. रामपाल ने कई बार अधिकारियों से मिलने की कोशिश भी की, लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया. मीडिया में मामला सामने आने के बाद सहकारी गन्ना समिति में हडकंप मच गया.

इसे भी पढ़ें- सर्व शिक्षा अभियान की खुली पोल, बच्चों से काम करवाने का वीडियो वायरल

मामले की गंभीरता को देखते हुए गन्ना समिति के सेक्रेटरी ने पीड़ित किसान से उनके जिंदा होने का सबूत मांगा और उनके कागजात समिति में जमा कर लिए. हालांकि अपनी सफाई पेश करते हुए समिति के सेक्रेटरी ने 28,700 किसानों के रजिस्ट्रेशन के दौरान होने वाली मामूली त्रुटि होने का हवाला दिया. फिलहाल रामपाल सिंह को सहकारी गन्ना समिति के अधिकारियों द्वारा उसके जिंदा होने का सबूत मांगा गया है, जो रामपाल सिंह ने समिति के अधिकारियों के समक्ष पेश कर दी है.

पिछले आठ दिन से मैं लगातार कर्मचारियों से और अधिकारियों से मिलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मेरी समस्या से किसी को कोई लेना-देना नहीं था. गन्ना समिति के दस्तावेजों में मुझे मृतक घोषित कर मेरे कार्ड को बंद कर दिया गया. मैं खुद को जिन्दा साबित करने के लिए पिछले कई दिनों से समिति के चक्कर काट रहा हूं.
-रामपाल सिंह, किसान

मुजफ्फरनगर: जिले के खामपुर खुड्डा गांव के किसान रामपाल सिंह खुद के जिन्दा होने का सबूत लिए सहकारी गन्ना समिति रोहाना के रोज चक्कर काट रहे हैं. पिछले आठ दिनों से किसान रामपाल सिंह गन्ना समिति के अधिकारियों से मिलने आते हैं और लम्बी कतार में लगे रहते हैं. रामपाल का कहना है कि उन्हें ऑनलाइन पर्ची नहीं मिल पा रही है. वहीं इसकी शिकायत करने पर उनसे जिंदा होने का सबूत मांगा जा रहा है.

किसान से मांगा जिंदा होने का सबूत.

खामपुर खुड्डा गांव के रहने वाले किसान रामपाल को इस सीजन में गन्ना की ऑनलाइन पर्ची नहीं मिली. रामपाल सिंह ने सहकारी गन्ना समिति के कर्मचारियों से इस बारे में बात की तो उन्हें बताया गया कि वह मर चुका है और उसका कार्ड गन्ना समिति द्वारा बंद कर दिया गया है. रामपाल ने कई बार अधिकारियों से मिलने की कोशिश भी की, लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया. मीडिया में मामला सामने आने के बाद सहकारी गन्ना समिति में हडकंप मच गया.

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मामले की गंभीरता को देखते हुए गन्ना समिति के सेक्रेटरी ने पीड़ित किसान से उनके जिंदा होने का सबूत मांगा और उनके कागजात समिति में जमा कर लिए. हालांकि अपनी सफाई पेश करते हुए समिति के सेक्रेटरी ने 28,700 किसानों के रजिस्ट्रेशन के दौरान होने वाली मामूली त्रुटि होने का हवाला दिया. फिलहाल रामपाल सिंह को सहकारी गन्ना समिति के अधिकारियों द्वारा उसके जिंदा होने का सबूत मांगा गया है, जो रामपाल सिंह ने समिति के अधिकारियों के समक्ष पेश कर दी है.

पिछले आठ दिन से मैं लगातार कर्मचारियों से और अधिकारियों से मिलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मेरी समस्या से किसी को कोई लेना-देना नहीं था. गन्ना समिति के दस्तावेजों में मुझे मृतक घोषित कर मेरे कार्ड को बंद कर दिया गया. मैं खुद को जिन्दा साबित करने के लिए पिछले कई दिनों से समिति के चक्कर काट रहा हूं.
-रामपाल सिंह, किसान

Intro:मुजफ्फरनगर: जिंदा किसान को कागजो में मारा
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के जनपद मुज़फरनगर का रहने वाला एक किसान इन दिनों सहकारी गन्ना समिति के दफ्तर में चीख चीख कर कह रहा है, साहब मैं जिन्दा हूँ...... लेकिन गन्ना समिति के अधिकारी है कि पिछले आठ दिन उसे मृतक घोषित किए बैठे हैं। खामपुर खुड्डा गांव का निवासी रामपाल सिंह खुद के जिन्दा होने का सबूत लिए सहकारी गन्ना समिति रोहाना के रोज चक्कर काट रहा हैं। पिछले आठ दिन से किसान रामपाल सिंह पुत्र रामचद्र गन्ना समिति के अधिकारी से मिलने आता और लम्बी कतार में लगा रहता उसके बाद मिलने का नंबर नहीं आने से मायूस होकर वापस रोज की तरह अपने गांव चला जाता।Body: किसान रामपाल की मानें तो वो जनपद मुज़फ्फरनगर के खामपुर खुड्डा गांव का निवासी है। जो खेती कर अपना और अपने पुरे परिवार का पालन पोषण करता है। सरकार के द्वारा दिए गए गन्ना सप्लाई कार्ड को लेकर वो मिल में अपने गन्ने को डालने के लिए ऑनलाइन पर्ची का इस्तेमाल करता था। लेकिन इस सीजन से ऑनलाइन पर्ची नहीं मिलने से वो परेशान था। जिसके चलते किसान रामपाल सिंह सहकारी गन्ना समिति के कर्मचारियों से इस बारे में पूछा तो उसको बताया गया की वह मर चुका है। जिसके बाद उसका कार्ड गन्ना समिति द्वारा बंद कर दिया गया है। इस जानकारी के बाद पीड़ित किसान ने अधिकारियों से मिलने की कोशिश की लेकिन उसकी समस्या का कोई समाधान नहीं पाया। पीड़ित किसान की सच्चाई मीडिया में आने के बाद सहकारी गन्ना समिति में हडकंप मच गया। मामले की जानकारी होते ही पीड़ित किसान रामपाल सिंह से उसकी समस्या सुनी गई तो सहकारी गन्ना समिति के सेकेटरी विनोद कुमार हाथ पाव फूल गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए गन्ना समिति के सेकेटरी ने पीड़ित किसान से उसके ज़िंदा होने का सबूत मांगा और उसके कागजात समिति में जमा कर लिए। हालांकि अपनी सफाई पेश करते हुए समिति सैकेट्री 28 हज़ार 700 किसानों के रजिस्ट्रेशन के दौरान होने वाली मामूली त्रुटि होने का हवाला दिया और अपनी गलती पर पर्दा डालने का प्रयास किया। जबकि पीड़ित किसान रामपाल सिंह का कहना है की पिछले आठ दिन से वो लगातार कर्मचारियों से अधिकारियो से मिलने को कोशिश कर रहा था लेकिन मेरी समस्या से किसी को कोई लेना देना नहीं था। गन्ना समिति के दस्तावेजों में मुझे मृतक घोषित कर मेरे कार्ड को बंद कर दिया गया। पिछले कई दिन से परेशान पीड़ित किसान रामपाल सिंह ने बताया की वो खुद को जिन्दा साबित करने के लिए पिछले कई दिनों से समिति के चक्कर काट रहा है। सहकारी गन्ना समिति रोहाना कलां की इस लापरवाही के चलते वो अपने खेतों में गेहूं की फसल भी नहीं बो पा रहा है। क्योकि समिति के दस्तावेजों में मृतक रामपाल सिंह कब और कैसे जिन्दा होगा उसके लिए क्या करना होगा उसकी जानकारी देने वाले अन्य कर्मचारी भी उसको बरगलाने के सिवा और कुछ नहीं कर रहे है।Conclusion: फिलहाल रामपाल सिंह को सहकारी गन्ना समिति के अधिकारियो द्वारा उसके जिन्दा होने का सबूत मांगा है। जो रामपाल सिंह ने समिति के अधिकारियो के समक्ष पेश कर दी है। अब देखने वाली बात ये होगी की गन्ना समिति के कागजों में मृतक रामपाल सिंह कब जिन्दा होकर अपनी गेहूँ की फसल को बोकर अपने गन्ना सप्लाई कार्ड का लाभ उठा पाएँगे।
ज़िन्दा को मुर्दा बनाने वाले विभाग का तर्क, कहा ये थी मामूली त्रुटि पीड़ित जिन्दा किसान को मृतक घोषित करने वाले सहकारी गन्ना समिति रोहाना कलां के सेकेट्री ने अपने विभाग की इस बड़ी लापरवाही को मामूली त्रुटि करार दिया। समिति के सेकेट्री कहते हैं - की उनके विभाग में 28 हज़ार 700 किसान रजिस्टर्ड है। जिनपर समिति के फील्ड वर्कर बड़ी मेहनत से काम भी करते है। लेकिन किसी वजह से ये त्रुटि हो गई है। पीड़ित किसान से उसका आई कार्ड माँगा गया हैं। जिसको देखने के बाद उसकी पहचान की गई है। इस पर कुछ किसानो को आपत्ति हुई थी मेरे द्वारा पीड़ित किसान के दस्तावेज ले लिए गए है और उसके काम को करने का दे दिया है।।।


BYTE=रामपाल(कागजो में मरा हुआ किसान)

BYTE=संजीव भारद्वाज(किसान नेता)

BYTE=विनोद कुमार सिंह(सैकेट्री सहकारी गन्ना समिति रोहाना )

अंकित मित्तल
9719007272
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