मुजफ्फरनगर: जिले के खामपुर खुड्डा गांव के किसान रामपाल सिंह खुद के जिन्दा होने का सबूत लिए सहकारी गन्ना समिति रोहाना के रोज चक्कर काट रहे हैं. पिछले आठ दिनों से किसान रामपाल सिंह गन्ना समिति के अधिकारियों से मिलने आते हैं और लम्बी कतार में लगे रहते हैं. रामपाल का कहना है कि उन्हें ऑनलाइन पर्ची नहीं मिल पा रही है. वहीं इसकी शिकायत करने पर उनसे जिंदा होने का सबूत मांगा जा रहा है.
खामपुर खुड्डा गांव के रहने वाले किसान रामपाल को इस सीजन में गन्ना की ऑनलाइन पर्ची नहीं मिली. रामपाल सिंह ने सहकारी गन्ना समिति के कर्मचारियों से इस बारे में बात की तो उन्हें बताया गया कि वह मर चुका है और उसका कार्ड गन्ना समिति द्वारा बंद कर दिया गया है. रामपाल ने कई बार अधिकारियों से मिलने की कोशिश भी की, लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया. मीडिया में मामला सामने आने के बाद सहकारी गन्ना समिति में हडकंप मच गया.
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मामले की गंभीरता को देखते हुए गन्ना समिति के सेक्रेटरी ने पीड़ित किसान से उनके जिंदा होने का सबूत मांगा और उनके कागजात समिति में जमा कर लिए. हालांकि अपनी सफाई पेश करते हुए समिति के सेक्रेटरी ने 28,700 किसानों के रजिस्ट्रेशन के दौरान होने वाली मामूली त्रुटि होने का हवाला दिया. फिलहाल रामपाल सिंह को सहकारी गन्ना समिति के अधिकारियों द्वारा उसके जिंदा होने का सबूत मांगा गया है, जो रामपाल सिंह ने समिति के अधिकारियों के समक्ष पेश कर दी है.
पिछले आठ दिन से मैं लगातार कर्मचारियों से और अधिकारियों से मिलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मेरी समस्या से किसी को कोई लेना-देना नहीं था. गन्ना समिति के दस्तावेजों में मुझे मृतक घोषित कर मेरे कार्ड को बंद कर दिया गया. मैं खुद को जिन्दा साबित करने के लिए पिछले कई दिनों से समिति के चक्कर काट रहा हूं.
-रामपाल सिंह, किसान