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मुजफ्फरनगर: 35 वर्ष बाद मिला पाकिस्तान की बेटी को हिंदुस्तानी बहू का दर्जा - 35 साल बाद मिला जुबैदा बेगम को भारतीय नागरिकता

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 35 साल से भारतीय नागरिकता का इंतजार करती जुबैदा बेगम को आखिरकार लम्बे समय के बाद भारत की नागरिकता मिल गई. जुबैदा बेगम पाकिस्तान के हैदराबाद शहर की है.

35 साल का इंतजार हुआ खत्म.
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Published : Oct 5, 2019, 8:34 PM IST

मुजफ्फरनगर: 35 साल पहले पाकिस्तान से बहू बनकर मुजफ्फरनगर आई जुबैदा बेगम को आखिरकार लम्बे समय के बाद भारत की नागरिकता मिल गई. भारत की नागरिकता लेने के लिए पिछले 35 साल से जुबैदा बेगम और उनके शौहर जावेद ने सरकारी महकमों में न जाने कितनी बार चक्कर काटे हैं. जावेद जिले के कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला रहमतनगर के योगेंद्रपुरी में अपने परिवार के साथ रहते हैं.

पाकिस्तान की जुबैदा बेगम उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर कोतवाली क्षेत्र के रहमतनगर के योगेन्द्रपुरी निवासी जावेद से विवाह करने के बाद वीजा पर आई थीं. यहां आने के बाद उन्होंने दीर्घकालीन वीजा के लिए भारत सरकार में अपना आवेदन किया था.

35 साल का इंतजार हुआ खत्म.

1994 में जुबैदा बेगम को दीर्घकालीन वीजा स्वीकृत कर दिया गया. तब से उनका दीर्घकालीन वीजा लगातार प्रत्येक वर्ष बढ़ाया जा रहा था. अब केंद्र सरकार ने जुबैदा बेगम को भारत सरकार की नागरिकता को स्वीकृति दे दी. वहीं स्थानीय प्रशासन को उनकी नागरिकता के संबंध में सूचना प्राप्त हो गई है.

वहीं जुबैदा बेगम अब यहां की वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज करा सकती हैं. अब उनका राशन कार्ड और आधार कार्ड भी बन सकेगा. बीते 35 वर्षों में ज़ुबैदा ने दो बेटियों को जन्म दिया, जिनका वह बालिग होने पर शादी कर चुकी हैं. जुबैदा बेगम का जन्म 1960 में पाकिस्तान के हैदराबाद शहर में हुआ था. उनके पिता का नाम मोहम्मद अयूब सिद्द्की और माता का नाम अजीज फातिमा है. जुबैदा के पति जावेद का कहना है कि स्थायी नागरिकता लेने के लिए उन्हें लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़े थे.

जुबैदा 1985 में शादी कर यहां आई थी. उसके बाद उन्होंने नागरिकता के लिए 1994 में अप्लाई किया था. नियमानुसार जरूरी प्रक्रिया पूरा होने के बाद ही उन्हें नागरिकता प्रदान की गई है.
-नरेश कुमार, एलआईयू इंस्पेक्टर -विदेश/पाक सेक्शन

मुजफ्फरनगर: 35 साल पहले पाकिस्तान से बहू बनकर मुजफ्फरनगर आई जुबैदा बेगम को आखिरकार लम्बे समय के बाद भारत की नागरिकता मिल गई. भारत की नागरिकता लेने के लिए पिछले 35 साल से जुबैदा बेगम और उनके शौहर जावेद ने सरकारी महकमों में न जाने कितनी बार चक्कर काटे हैं. जावेद जिले के कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला रहमतनगर के योगेंद्रपुरी में अपने परिवार के साथ रहते हैं.

पाकिस्तान की जुबैदा बेगम उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर कोतवाली क्षेत्र के रहमतनगर के योगेन्द्रपुरी निवासी जावेद से विवाह करने के बाद वीजा पर आई थीं. यहां आने के बाद उन्होंने दीर्घकालीन वीजा के लिए भारत सरकार में अपना आवेदन किया था.

35 साल का इंतजार हुआ खत्म.

1994 में जुबैदा बेगम को दीर्घकालीन वीजा स्वीकृत कर दिया गया. तब से उनका दीर्घकालीन वीजा लगातार प्रत्येक वर्ष बढ़ाया जा रहा था. अब केंद्र सरकार ने जुबैदा बेगम को भारत सरकार की नागरिकता को स्वीकृति दे दी. वहीं स्थानीय प्रशासन को उनकी नागरिकता के संबंध में सूचना प्राप्त हो गई है.

वहीं जुबैदा बेगम अब यहां की वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज करा सकती हैं. अब उनका राशन कार्ड और आधार कार्ड भी बन सकेगा. बीते 35 वर्षों में ज़ुबैदा ने दो बेटियों को जन्म दिया, जिनका वह बालिग होने पर शादी कर चुकी हैं. जुबैदा बेगम का जन्म 1960 में पाकिस्तान के हैदराबाद शहर में हुआ था. उनके पिता का नाम मोहम्मद अयूब सिद्द्की और माता का नाम अजीज फातिमा है. जुबैदा के पति जावेद का कहना है कि स्थायी नागरिकता लेने के लिए उन्हें लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़े थे.

जुबैदा 1985 में शादी कर यहां आई थी. उसके बाद उन्होंने नागरिकता के लिए 1994 में अप्लाई किया था. नियमानुसार जरूरी प्रक्रिया पूरा होने के बाद ही उन्हें नागरिकता प्रदान की गई है.
-नरेश कुमार, एलआईयू इंस्पेक्टर -विदेश/पाक सेक्शन

Intro:मुजफ्फरनगर: 35 वर्ष बाद मिला पाकिस्तान की बेटी को हिंदुस्तानी बहु का दर्जा
मुजफ्फरनगर। 35 साल पहले पाकिस्तान से बहू बनकर मुजफ्फरनगर आई जुबैदा बेगम को आखिरकार लम्बे समय बाद भारत की नागरिकता मिल गई है। भारत की नागरिकता लेने के लिए पिछले 35 साल से जुबैदा बेगम और उनका शौहर जावेद ने सरकारी महकमों में ना जाने कितनी बार चक्कर काटने पड़े। जावेद यहां कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला रहमतनगर—योगेंद्रपुरी में अपने परिवार के साथ रहता है।
Body:पाकिस्तान की जुबैदा बेगम उत्तर प्रदेश के जनपद मुज़फ्फरनगर कोतवाली क्षेत्र के रहमतनगर—योगेन्द्रपुरी निवासी जावेद से विवाह करने के बाद वीजा पर आई थी। यहां आने के बाद उसने दीर्घकालीन वीजा के लिए भारत सरकार में अपना आवेदन किया था। 1994 में जुबैदा बेगम को दीर्घकालीन वीजा स्वीकृत कर दिया गया। तब से उनका दीर्घकालीन वीजा लगातार प्रत्येक वर्ष बढ़ाया जा रहा था। अब केंद्र सरकार ने जुबैदा बेगम को भारत सरकार की नागरिकता को स्वीकृति दे दी। स्थानीय प्रशासन को उनकी नागरिकता के संबंध में सूचना प्राप्त हो गई है। जुबैदा बेगम अब यहां की वोटर लिस्ट में अपना नाम दज्र करा सकती है। अब उसका राशन कार्ड व आधार कार्ड भी अब बन सकेगा। बीते 35 वर्षों में ज़ुबैदा ने दो बेटियों को जन्म दिया जिनकी वह बालिग होने पर शादी कर चुकी है। जुबैदा बेगम का जन्म 1960 में पाकिस्तान के हैदराबाद शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहम्मद अयूब सिद्द्की और माता का नाम अज़ीज़ फातिमा है। जुबैदा के पति जावेद का कहना है कि स्थायी नागरिकता लेने के लिए उन्हें लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़े।
Conclusion:वहीं इस संबंध में एलआईयू इंस्पेक्टर नरेश कुमार का कहना है कि जुबैदा 1985 में शादी कर यहां आई थी। उसके बाद उन्होंने नागरिकता के लिए 1994 में अप्लाई किया था। नियमानुसार जरूरी प्रक्रिया हैं, उनके पूरा होने के बाद ही नागरिकता प्रदान की गई है।


बाइट— जुबैदा बेगम (पीड़ित महिला )
बाइट— मोहम्मद सईद जावेद, (जुबैदा बेगम का पति)
बाइट— नरेश कुमार (एलआईयू इंस्पेक्टर -विदेश/पाक सेक्शन)

अजय चौहान
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