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यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को चन्दौली लोकसभा में गठबंधन दे सकता है कड़ी टक्कर - महेंद्रनाथ पांडेय

पीजी कॉलेज के पॉलिटिकल साइंस के विभागाध्यक्ष डॉ. ए के उपाध्याय ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि इस बार सरकार विरोधी लहर भी है. साथ ही चन्दौली लोकसभा सीट पर सपा-बसपा का कैडर वोट भी काफी मजबूत है, जो महेंद्र नाथ पांडेय के लिए चुनौती बन सकता है.

डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष.
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Published : Apr 2, 2019, 12:17 AM IST

चन्दौली: लोकसभा से बीजेपी ने पार्टी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडेय को फिर से टिकट दिया है. इस बार उनकी टक्कर बीएसपी और सपा से अलग- अलग नहीं बल्कि उस गठबंधन से है जिसमें दोनो दल एक साथ हैं. चुनावी पंडित इस बात को मान रहै हैं कि सपा और बसपा के एक साथ आने से तैयार जातीय आकंड़ों के अनुसार वर्तमान लोकसभा चुनाव में चंदौली लोकसभा की राह बीजेपी के लिए कठिन होने वाली है.


चन्दौली लोकसभा से इस बार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय को गठबंधन सेकड़ी टक्कर मिलनेवालीहै. यहां से कांग्रेस ने अपना कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारतेहुएजनाधार पार्टी के उम्मीदवार शिवकन्या कुशवाहा को समर्थन दिया है. वहीं दूसरी तरफ सपा और बसपा का गठबंधन है जोअपने कैडर वोट के जरिए बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है. इन आंकड़ों को लेकरचुनाव विश्लेषक के तौर पर सकलडीहा पीजी कॉलेज के पॉलिटिकल साइंस के विभागाध्यक्ष डॉ. ए के उपाध्याय बताते हैं कि पिछली बार मोदी लहर के चलते कई सीटों पर बीजेपी ने काफी अंतर से जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बारसपा-बसपा का गठबंधन बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन रहा है.

यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को चन्दौली लोकसभा में गठबंधन दे सकता है कड़ी टक्कर


डॉ ए के उपाध्याय ने कहाकि पिछलेसमय में सांसद डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय द्वारा विकास के लिए किए गए शिलान्यास और लोकार्पण उनके पक्ष में जा सकता है औरबीजेपी का बूथ मैनेजमेंट भी उनके लिए बेहतर साबित हो सकता है. फिर भी उनका यही मानना है कि इस बार सपा - बसपा गठबंधन के चलते सामने आ रहे जातीय आकंड़े चुनाव में जातीय समीकरण को काफी प्रभावशाली बनाएंगे.

चंदौली लोकसभा क्षेत्र में प्रमुख जातीय आंकड़े (लगभग में)

ब्राह्मण - 1.10 लाख
क्षत्रिय - 1.25 लाख
दलित - 2.40 लाख
मुस्लिम - 1.50 लाख
राजभर - 1.20 लाख
कुर्मी - 75 हज़ार
निषाद - 80 हज़ार
कुशवाहा (मौर्य) - 80 हज़ार
चौहान - 65 हज़ार
पाल - 30 हज़ार
कायस्थ - 15 हज़ार
विश्वकर्मा -25 हज़ार
कुम्हार - 30 हज़ार
भूमिहार - 15 हज़ार

1952 से अब तक कौन -कौन रहा सांसद

1952 - त्रिभुवन नारायण सिंह - कांग्रेस
1957 - त्रिभुवन नारायण सिंह - कांग्रेस
1962 - बालकृष्ण सिंह - कांग्रेस
1967 - निहाल सिंह- संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
1971 - सुधाकर पांडेय -कांग्रेस
1977 - नरसिंह यादव - जनता पार्टी
1980 - निहाल सिंह -जनता पार्टी
1984 -चंद्रा त्रिपाठी -कांग्रेस
1989 - कैलाशनाथ सिंह - जनता दल
1999 -जवाहर जायसवाल - समाजवादी पार्टी
2004 -कैलाश नाथ सिंह यादव - बहुजन समाज पार्टी
2009 -रामकिशुन यादव - समाजवादी पार्टी
2014 - डॉ महेंद्र नाथ पांडेय-भाजपा

चन्दौली: लोकसभा से बीजेपी ने पार्टी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडेय को फिर से टिकट दिया है. इस बार उनकी टक्कर बीएसपी और सपा से अलग- अलग नहीं बल्कि उस गठबंधन से है जिसमें दोनो दल एक साथ हैं. चुनावी पंडित इस बात को मान रहै हैं कि सपा और बसपा के एक साथ आने से तैयार जातीय आकंड़ों के अनुसार वर्तमान लोकसभा चुनाव में चंदौली लोकसभा की राह बीजेपी के लिए कठिन होने वाली है.


चन्दौली लोकसभा से इस बार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय को गठबंधन सेकड़ी टक्कर मिलनेवालीहै. यहां से कांग्रेस ने अपना कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारतेहुएजनाधार पार्टी के उम्मीदवार शिवकन्या कुशवाहा को समर्थन दिया है. वहीं दूसरी तरफ सपा और बसपा का गठबंधन है जोअपने कैडर वोट के जरिए बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है. इन आंकड़ों को लेकरचुनाव विश्लेषक के तौर पर सकलडीहा पीजी कॉलेज के पॉलिटिकल साइंस के विभागाध्यक्ष डॉ. ए के उपाध्याय बताते हैं कि पिछली बार मोदी लहर के चलते कई सीटों पर बीजेपी ने काफी अंतर से जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बारसपा-बसपा का गठबंधन बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन रहा है.

यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को चन्दौली लोकसभा में गठबंधन दे सकता है कड़ी टक्कर


डॉ ए के उपाध्याय ने कहाकि पिछलेसमय में सांसद डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय द्वारा विकास के लिए किए गए शिलान्यास और लोकार्पण उनके पक्ष में जा सकता है औरबीजेपी का बूथ मैनेजमेंट भी उनके लिए बेहतर साबित हो सकता है. फिर भी उनका यही मानना है कि इस बार सपा - बसपा गठबंधन के चलते सामने आ रहे जातीय आकंड़े चुनाव में जातीय समीकरण को काफी प्रभावशाली बनाएंगे.

चंदौली लोकसभा क्षेत्र में प्रमुख जातीय आंकड़े (लगभग में)

ब्राह्मण - 1.10 लाख
क्षत्रिय - 1.25 लाख
दलित - 2.40 लाख
मुस्लिम - 1.50 लाख
राजभर - 1.20 लाख
कुर्मी - 75 हज़ार
निषाद - 80 हज़ार
कुशवाहा (मौर्य) - 80 हज़ार
चौहान - 65 हज़ार
पाल - 30 हज़ार
कायस्थ - 15 हज़ार
विश्वकर्मा -25 हज़ार
कुम्हार - 30 हज़ार
भूमिहार - 15 हज़ार

1952 से अब तक कौन -कौन रहा सांसद

1952 - त्रिभुवन नारायण सिंह - कांग्रेस
1957 - त्रिभुवन नारायण सिंह - कांग्रेस
1962 - बालकृष्ण सिंह - कांग्रेस
1967 - निहाल सिंह- संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
1971 - सुधाकर पांडेय -कांग्रेस
1977 - नरसिंह यादव - जनता पार्टी
1980 - निहाल सिंह -जनता पार्टी
1984 -चंद्रा त्रिपाठी -कांग्रेस
1989 - कैलाशनाथ सिंह - जनता दल
1999 -जवाहर जायसवाल - समाजवादी पार्टी
2004 -कैलाश नाथ सिंह यादव - बहुजन समाज पार्टी
2009 -रामकिशुन यादव - समाजवादी पार्टी
2014 - डॉ महेंद्र नाथ पांडेय-भाजपा

Intro:चन्दौली लोकसभा से बीजेपी ने पार्टी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडेय को फिर से टिकट दिया है. इस बार उनकी टक्कर बीएसपी और सपा से अलग- अलग नही बल्कि उस गठबंधन से है जिसमे दोनो दल एक साथ है. चुनावी पंडित इस बात को मान रहै हैं कि सपा और बसपा के एक साथ आने से तैयार जातीय आकंड़ों के अनुसार वर्तमान लोकसभा चुनाव में चंदौली लोकसभा की राह बीजेपी के लिए कठिन होने वाले है जैसा कि पिछली बार नही था.


Body: one to one with political analyist dr. a k upadhyay , HOD , political science dept. sakaldiha pg college.

चन्दौली लोकसभा से इस बार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय को गठबंधन कड़ी टक्कर देने वाला है. यहां से काँग्रेस ने अपना कोई भी प्रत्याशी नही उतरा है लेकिन जनाधार पार्टी के उम्मीदवार शिवकन्या कुशवाहा को समर्थन दिया है. वहीं दूसरी तरफ सपा और बसपा का गठबंधन मैदान है जो की अपने कैडर वोट के आधार पर बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए काफी है . चुनाव विश्लेषक के तौर पर सकलडीहा पीजी कॉलेज के पॉलीटिकल साइंस के विभागाध्यक्ष डॉ. ए के उपाध्याय बताते है कि पिछली बार मोदी लहर के चलते कई सीटों पर बीजेपी ने काफी अंतर से जीत दर्ज की थी, जबकि सपा और बसपा का गठबंधन भी नही था. लेकिन इस बार जहां सपा और बसपा का गठबंधन बीजेपी के लिए चुनौती बन रहा है.

उन्होंने ई टीवी से बातचीत में कहा कि इस बार सरकार विरोधी लहर भी है साथ ही चन्दौली लोकसभा सीट पर सपा और बसपा का कैडर वोट भी काफी मजबूत है. जो की महेंद्र पांडेय के लिए चुनौती बन सकता है.

डॉ एके उपाध्याय बताते है कि अंतिम समय में सांसद डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय द्वारा विकास के लिए किए गए शिलान्यास और लोकार्पण उमके पक्ष में जाते है वही बीजेपी का बूथ मैनेजमेंट भी बीजेपी उम्मीदवार के लिए बेहतर साबित हो सकता है. फिर भी उनका यही मानना है कि इस बार सपा - बसपा गठबंधन के चलते सामने आ रहे जातीय आकंड़े चुनाव में जातीय समीकरण को काफी प्रभावशाली बनाएंगे


चंदौली लोकसभा क्षेत्र में प्रमुख जातीय आंकड़े (लगभग में)
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ब्राह्मण - 1.10 लाख
क्षत्रिय - 1.25 लाख
दलित - 2.40 लाख
मुस्लिम - 1.50 लाख
राजभर - 1.20 लाख
कुर्मी - 75 हज़ार
निषाद - 80 हज़ार
कुशवाहा (मौर्य) - 80 हज़ार
चौहान - 65 हज़ार
पाल - 30 हज़ार
कायस्थ - 15 हज़ार
विश्वकर्मा -25 हज़ार
कुम्हार - 30 हज़ार
भूमिहार - 15 हज़ार

1952 से अबतक कौन -कौन रहा सांसद
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1952 - त्रिभुवन नारायण सिंह - कांग्रेस
1957 - त्रिभुवन नारायण सिंह - कांग्रेस
1962 - बालकृष्ण सिंह - कांग्रेस
1967 - निहाल सिंह- संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
1971 - सुधाकर पांडेय -कांग्रेस
1977 - नरसिंह यादव - जनता पार्टी
1980 - निहाल सिंह -जनता पार्टी
1984 -चंद्रा त्रिपाठी -कांग्रेस
1989 - कैलाशनाथ सिंह - जनता दल

1991 से 1998 तक लगातार तीन बार आनंद रत्न मौर्य - भाजपा

1999 -जवाहर जायसवाल - समाजवादी पार्टी
2004 -कैलाश नाथ सिंह यादव - बहुजन समाज पार्टी
2009 -रामकिशुन यादव - समाजवादी पार्टी
2014 - डॉ महेंद्र नाथ पांडेय-भाजपा



कमलजीत सिंह
चन्दौली
07376915474









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