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अफ्रीका से 72 दिन बाद चंदौली लाया गया युवक का शव

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पहल पर 72 दिन बाद अफ्रीका से एक युवक का शव चंदौली लाया गया. युवक अफ्रीका में एक माइनिंग कंपनी में काम करता था. काम के दौरान 2 अप्रैल को उसकी मौत हो गई थी. रक्षा मंंत्री ने कंपनी से परिजनों को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दिलाई है.

young man dead body reached chandauli from africa
अफ्रीका से चंदौली पहुंचा युवक का शव.
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Published : Jun 22, 2020, 4:06 PM IST

चंदौली: लॉकडाउन के दौरान अफ्रीका में माइनिंग कंपनी में काम करते समय एक युवक की मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने शव को लाने के लिए रक्षा मंत्री से मदद की गुहार लगाई थी. इस पर रक्षा मंत्री ने मृतक के शव को 72 दिन बाद अफ्रीका से उसके घर पहुंचवाया. यही नहीं, सरकार के प्रयास के बाद मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दिलाने में सहायता की. सोमवार को जब शव मृतक के पैतृक गांव बड़गांव लाया गया तो परिजनों में कोहराम मच गया. वहीं रक्षा मंत्री के प्रयासों की लोग सराहना कर रहे हैं.

गांव में छाया मातम.

कंपनी के मैनेजर ने परिवार को दी सूचना
शहाबगंज ब्लॉक के बड़ागांव के रहने वाले महातिम विश्वकर्मा अफ्रीका महाद्वीप के गैबन देश की राजधानी लिब्रेविल में एक माइनिंग कंपनी में काम करते थे. बीते 2 अप्रैल को कंपनी के मैनेजर ने परिवार को सूचना दी कि उनके बेटे की दुर्घटना में मौत हो गई है. मेडिकल और अन्य कागजी कार्रवाई के बाद उनके बेटे का शव सुरक्षित रखा गया है. कोरोना काल में लॉकडाउन और गरीबी के चलते परिवार के लोग वहां शव लेने के लिए नहीं जा सके. इस दौरान परिजनों ने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मदद की गुहार लगाई.

बिजली का खंभा गिरने से हुई थी दुर्घटना
रक्षा मंत्री ने परिवार को बेटे का शव दिलाने में मदद की. मृतक महातिम विश्वकर्मा अल्फा सेंचुरी के माइनिंग कंपनी (NDJOLE ) में कार्यरत थे. काम करने के दौरान एक दुर्घटना में बिजली का खम्बा उनके ऊपर गिर गया था. उनके सिर में गंभीर चोटें आई थीं, जिसके कारण उनकी मौत हो गई.

मृतक का शव 72 दिन बाद गांव लाया गया
महातिम के परिवार में उनकी पत्नी और 2 बेटे हैं. घटना के बाद परिवार गंभीर भावनात्मक और आर्थिक संकट से गुजर रहा था, जिसके बाद पत्नी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मदद की गुहार लगाई. इसके 72 दिन बाद शव गांव लाया गया. शव के पहुंचते ही गांव में मातम छा गया. लोग कोरोना काल में सरकार की इस मदद पर भाव विभोर हैं.

स्थानीय जनप्रतिनिधि ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
दुर्घटना के बाद से ही परिवार गहरे दुःख और संकट में था, लेकिन इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि और बीजेपी नेता सूर्यमुनि तिवारी ने महती भूमिका निभाई. हर कोई इस आस में था कि उसका बेटा एक न एक दिन जरूर आएगा. घर के इकलौते कामगार की असमय मौत के बाद परिवार में भावनात्मक संकट के साथ साथ आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया था. ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मदद से अब परिवार को उसके बेटे के शव के साथ कम्पनी की तरफ से 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी मिली है.

चंदौली: कहीं कोरोना काल में सेहत पर भारी न पड़ जाए केमिकल से पके आम

चंदौली रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का गृह जनपद है और चकिया तहसील के ही भभौरा में उनका पैतृक घर भी है. यहां भाई समेत उनका पूरा परिवार रहता है. इससे पहले भी कई बार स्थानीय लोगों की उन्होंने संकट के समय सहायता की है.

चंदौली: लॉकडाउन के दौरान अफ्रीका में माइनिंग कंपनी में काम करते समय एक युवक की मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने शव को लाने के लिए रक्षा मंत्री से मदद की गुहार लगाई थी. इस पर रक्षा मंत्री ने मृतक के शव को 72 दिन बाद अफ्रीका से उसके घर पहुंचवाया. यही नहीं, सरकार के प्रयास के बाद मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दिलाने में सहायता की. सोमवार को जब शव मृतक के पैतृक गांव बड़गांव लाया गया तो परिजनों में कोहराम मच गया. वहीं रक्षा मंत्री के प्रयासों की लोग सराहना कर रहे हैं.

गांव में छाया मातम.

कंपनी के मैनेजर ने परिवार को दी सूचना
शहाबगंज ब्लॉक के बड़ागांव के रहने वाले महातिम विश्वकर्मा अफ्रीका महाद्वीप के गैबन देश की राजधानी लिब्रेविल में एक माइनिंग कंपनी में काम करते थे. बीते 2 अप्रैल को कंपनी के मैनेजर ने परिवार को सूचना दी कि उनके बेटे की दुर्घटना में मौत हो गई है. मेडिकल और अन्य कागजी कार्रवाई के बाद उनके बेटे का शव सुरक्षित रखा गया है. कोरोना काल में लॉकडाउन और गरीबी के चलते परिवार के लोग वहां शव लेने के लिए नहीं जा सके. इस दौरान परिजनों ने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मदद की गुहार लगाई.

बिजली का खंभा गिरने से हुई थी दुर्घटना
रक्षा मंत्री ने परिवार को बेटे का शव दिलाने में मदद की. मृतक महातिम विश्वकर्मा अल्फा सेंचुरी के माइनिंग कंपनी (NDJOLE ) में कार्यरत थे. काम करने के दौरान एक दुर्घटना में बिजली का खम्बा उनके ऊपर गिर गया था. उनके सिर में गंभीर चोटें आई थीं, जिसके कारण उनकी मौत हो गई.

मृतक का शव 72 दिन बाद गांव लाया गया
महातिम के परिवार में उनकी पत्नी और 2 बेटे हैं. घटना के बाद परिवार गंभीर भावनात्मक और आर्थिक संकट से गुजर रहा था, जिसके बाद पत्नी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मदद की गुहार लगाई. इसके 72 दिन बाद शव गांव लाया गया. शव के पहुंचते ही गांव में मातम छा गया. लोग कोरोना काल में सरकार की इस मदद पर भाव विभोर हैं.

स्थानीय जनप्रतिनिधि ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
दुर्घटना के बाद से ही परिवार गहरे दुःख और संकट में था, लेकिन इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि और बीजेपी नेता सूर्यमुनि तिवारी ने महती भूमिका निभाई. हर कोई इस आस में था कि उसका बेटा एक न एक दिन जरूर आएगा. घर के इकलौते कामगार की असमय मौत के बाद परिवार में भावनात्मक संकट के साथ साथ आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया था. ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मदद से अब परिवार को उसके बेटे के शव के साथ कम्पनी की तरफ से 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी मिली है.

चंदौली: कहीं कोरोना काल में सेहत पर भारी न पड़ जाए केमिकल से पके आम

चंदौली रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का गृह जनपद है और चकिया तहसील के ही भभौरा में उनका पैतृक घर भी है. यहां भाई समेत उनका पूरा परिवार रहता है. इससे पहले भी कई बार स्थानीय लोगों की उन्होंने संकट के समय सहायता की है.

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