चन्दौली: वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए देशभर में लॉकडाउन लगाया गया है, जिसकी भयावहता भी देखने को मिल रही है. लॉकडाउन के दौरान दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है. बीमार पति की मौत के बाद जब गांव वालों ने अंतिम संस्कार में जाने से मना कर दिया तो पत्नी ने खुद ही पति को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार की रस्म निभाई.
कोरोना का दिखा भय
दरअसल, दीनदयाल नगर के वार्ड नंबर 3 की रहने वाली गुड़िया जायसवाल की शादी बबुरी में हुई थी. गुड़िया के पति संतोष जायसवाल की तबीयत 15 दिनों से खराब चल रही थी. उनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा था. इलाज के दौरान संतोष जायसवाल की मौत हो गई. बात जब अंतिम संस्कार की आई तो गांव वालों ने कोरोना के भय से अंतिम संस्कार में जाने से मना कर दिया.
पत्नी ने निभाई अंतिम संस्कार की रस्म
गांव वालों के मना करने और रिश्तेदारों के न पहुंचने पर गुड़िया ने खुद ही अपने पति का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया. गुड़िया और अपने भाई लालू जायसवाल के साथ पति का शव ऑटो में लादकर पड़ाव स्थित गंगा नदी के किनारे श्मशान घाट पर पहुंचे, जहां पर गुड़िया ने अपने पति को मुखाग्नि देते हुए अंतिम संस्कार की रस्म निभाई.
हालांकि बीजेपी नेता सूर्यमुनि तिवारी ने अंतिम संस्कार में मदद की और अंतिम संस्कार के लिए घाट पर सभी जरूरी इंतजाम किए. दरअसल, मृतक संतोष जायसवाल सूर्यमुनि के यहां काम कर चुके थे. ऐसे में मृतक की पत्नी ने फोन पर अपनी आपबीती बताई, जिसके बाद उन्होंने सारा इंतजाम करवाया, लेकिन लॉकडाउन के चलते घाट पर नहीं पहुंच सके. गुड़िया की तीन साल की बेटी है. ऐसे में अब वह ये सोचकर परेशान है कि अब पति की मौत के बाद उसके भरण पोषण की जिम्मेदारी कौन उठाएगा.
पति की बीमारी के बाद जब मौत हुई तो लॉकडाउन के चलते न तो उसके ससुराल पक्ष के गांव वाले आये और न ही मायके पक्ष के लोग ही अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आए.यहीं नहीं परिवार के लोग भी नहीं पहुंच सके, जिसके बाद उसने खुद भाई की मदद से अंतिम संस्कार किया.
गुड़िया जायसवाल , मृतक की पत्नी
चन्दौली: दिल्ली से पैदल पलायन कर रहे कामगार, पैरों में पड़े छाले