चंदौली : सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद जिले में कोरोना का संक्रमण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या के साथ मरीजों की मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. इस बीच राजकीय महिला चिकित्सालय में कार्यरत स्टाफ नर्स मेहरूनिशां (45 वर्ष) बृहस्पतिवार को हॉस्पिटल की दुर्व्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गई. जिले का स्वास्थ्य महकमा अपने ही स्टाफ नर्स को नहीं बचा सका. पति का आरोप है कि लचर स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण उनकी पत्नी की मौत हो गई. वहीं स्टाफ नर्स की मौत के बाद सहकर्मियों में भी आक्रोश देखने को मिल रहा है.
कोविड हॉस्पिटल में चल रहा था इलाज
राजकीय महिला चिकित्सालय में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत मेहरूनिशां की तबीयत खराब होने के बाद उनका एंटीजन टेस्ट किया गया था. जिसमें रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी. इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. मेहरूनिशां के पति शहाबुद्दीन ने बताया कि 18 अप्रैल को विभाग की ओर से उनकी पत्नी को चकिया स्थित एल टू अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां आरटी-पीसीआर जांच के लिए उनका सैंपल भेजा गया.
चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी देखने भी नहीं आए
उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनकी पत्नी को कुछ दवाइयां खाने को दे दी गई. इसके बाद कोई भी चिकित्सक उन्हें देखने नहीं आया. इस बीच मेहरूनिशां का ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरने लगा, बावजूद इसके कोई भी डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी उसे देखने नहीं आया. मृतक स्टाफ नर्स के पति का आरोप है कि वो बार-बार चिकित्सकों से गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. जिसके बाद अस्पताल में भर्ती होने के पांचवें दिन उनकी मौत हो गई.
मौत के बाद मिली आरटी पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट
कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बढ़ रहे आंकड़ों के पीछे की वजहों की बात करें तो उसमें बड़ा कारण आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने में देरी को माना जा रहा है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है. इसके चलते रिपोर्ट आने में 4 से 5 दिन का वक्त लग रहा है. आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए स्टाफ नर्स मेहरूनिशां का सैंपल 18 अप्रैल को लिया गया था. जिसकी रिपोर्ट 5वें दिन बृहस्पतिवार को आई, तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी.
सीएमएस ने दुर्व्यवस्था के आरोप को किया खारिज
वहीं एल-2 अस्पताल के प्रभारी और सीएमएस डॉ. सीपी कश्यप ने कहा कि एल-2 कोविड अस्पताल में सभी व्यवस्थाएं सही हैं. उन्होंने किसी भी तरह की दुर्व्यवस्था और लापरवाही के आरोप को सिरे से खारिज किया.
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