चंदौली: जम्मू के राजौरी में शहीद हुए जनपद के शहीद का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार न किए जाने पर लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया था. शहीद के परिजनों और स्थानीय लोगों ने धानापुर चौराहे पर प्रदर्शन भी किया. तमाम जद्दोजहद के बाद मंगलवार की देर शाम जवान की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि हुई.
जिले के रहने वाले आर्मी के एक जवान का रविवार की सुबह निधन होने के बाद जब जवान का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा तो एक तरफ जहां ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ गई, वहीं दूसरी तरफ उनका आक्रोश भी दिखाई दिया. सेना के जवान को शहीद का दर्जा दिलाने और अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कराए जाने की मांग को लेकर परिजन और ग्रामीण सड़क पर उतर गए.
उन्होंने जिले के धानापुर में वाराणसी जमानिया सड़क मार्ग को जाम कर दिया. दिल्ली के अधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद ग्रामीणों ने 6 घंटे बाद जाम को समाप्त किया. इसके बाद शव सेना की गाड़ी से उनके पैतृक गांव मिश्रपुरा ले जाया गया.
राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार
एडीएम अतुल कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विसंगतियां देख परिजनों ने फिर से शव को लेने से इनकार कर दिया था. हालांकि बाद में दिल्ली से सेना के अधिकारियों के समझाने पर वह मान गए और राजकीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार किया गया.
तबीयत बिगड़ने से हुई थी मौत
धानापुर क्षेत्र के रहने वाले आर्मी के जवान रहे कुलदीप मौर्य राजौरी के पुंछ सेक्टर में सूबेदार के पद पर कार्यरत थे. कुलदीप मौर्य अपने पांच भाइयों में दूसरे नंबर पर थे और 1995 में सेना में भर्ती हुए थे. उनके दो बेटे हैं. कुलदीप का रविवार की सुबह तबीयत खराब होने की वजह से मौत हो गई थी.