चंदौलीः एशिया की सबसे बड़ी चंदासी कोल मंडी अपने कालिख के साथ अपने काले कारोबार को लेकर भी सुर्खियों में रहता है. जीएसटी की एसआईबी टीम कोल मंडी के एक बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान के यहां गुरुवार की देर रात छापेमारी की. इस दौरान एसआईबी की टीम ने कोयले के लिंकेज कारोबार संबंधित प्रपत्रों की जांच की. वहीं, एसआईबी की इस छापेमारी से कोल मंडी में हड़कंप की स्थिति है.
दरअसल, सरकार की ओर से फैक्ट्रियों के संचालन के लिए सब्सिडी के दर पर कोयले की आपूर्ति की जाती है. जिससे उद्योग-धंधों को बढ़ावा और लोगों को रोजगार मिल सकें. लेकिन कोल कारोबारी इस सस्ती दर पर मिलने वाले कोयले को मंडी में खपाकर मोटा मुनाफा कमाते हैं. इसे कोयले का लिंकेज कारोबार भी कहा जाता है.
बता दें कि चंदासी कोल में भी कई व्यापारी फैक्ट्री और फर्म के नाम पर कोयला मंगवाकर उसे बाजार में खपा देते हैं. इस तरह के मामलों की पड़ताल के लिए गुरुवार को तीन गाड़ियों से एसआईबी टीम के अधिकारी कोयला मंडी स्थित एक बड़े व्यापारी के कार्यालय पर पहुंचे. जहां उन्होंने लिंकेज के आपूर्ति से संबंधित दस्तावेजों को खंगाला. घण्टों तक एसआईबी की टीम कार्यालय में रहकर दस्तावेजों की जांच करती रही.
गौरतलब है कि इसके पूर्व भी लिंकेज के अवैध कारोबार को लेकर यहां छापेमारी हो चुकी है. पिछले दिनों सीबीआई की टीम ने झारखंड से निकलने वाले कोयले में हेराफेरी के मामले में मंडी में छापा मारा था. इसमें कुछ व्यापारियों पर मुकदमे भी हुए थे. उस वक्त भी कोयले के लिंकेज कारोबार का मामला सामने आया था.
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कोल मंडी के अध्यक्ष धर्मराज यादव ने बताया कि जीएसटी की एसआईबी टीम ने छापेमारी में थी. इस दौरान स्टॉक की अधिकता और प्रपत्रों में अनियमितता के आरोप में 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
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