चंदौली: समान कार्य, समान वेतन की मांग को लेकर शिक्षामित्रों ने सोमवार को प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग की है कि महंगाई देखते हुए शिक्षामित्रों के मानदेय को बढ़ाया जाए. साथ ही उनके नियमितीकरण को दोबारा से लागू कराया जाए. इसके बाद शिक्षामित्रों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा. जिलाध्यक्ष इंद्रजीत यादव अजीत की अगुवाई में शिक्षामित्रों ने जिलाधिकारी ईशा दुहन को ज्ञापन सौंपा.
इस दौरान प्रांतीय मंत्री हेमंत मौर्य ने बताया कि शिक्षामित्र प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की कमान संभाले हुए हैं. बावजूद इसके उन्हें बतौर पारिश्रमिक अल्प मानदेय के रूप में 10 हजार रुपये दिया जाता है, जो बढ़ती महंगाई को देखते हुए परिवार चलाने के लिए पर्याप्त नहीं है. वहीं, मंडल अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों को इसी मानदेय में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई समेत अन्य जिम्मेदारियां निभानी पड़ रही है. ऐसे में शिक्षामित्र हर दिन आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं. शिक्षामित्रों को सम्मानजनक मानदेय मिलना चाहिए जो उनका है.
जिलाध्यक्ष इंद्रजीत यादव अजीत ने बताया कि पिछली सरकार ने शिक्षामित्रों का समायोजन कर उन्हें समान करने का मौका दिया. लेकिन बाद में समायोजन को रद्द कर दिया गया. जिससे शिक्षामित्रों को बड़ी क्षति पहुंची. कई साथी इस आघात को बर्दाश्त नहीं कर सके और अब वे हमारे बीच नहीं है. लिहाजा वर्तमान में शिक्षामित्रों की आर्थिक दिक्कतों को देखते हुए सरकार अध्यापकों की तरह सम्मानजनक मानदेय प्रदान करें. इसके अलावा शिक्षामित्रों का समायोजन कर नियमित किया जाए, जिसके लिए शिक्षामित्रों की नियमावली में संशोधन किया जाए.
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