चंदौली: जिले में वित्तविहीन शिक्षक महासभा के बैनर तले निजी विद्यालयों के शिक्षकों ने डीआईओएस कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया. वहीं उन लोगों ने सरकार से मांग की है कि लॉकडाउन के दौरान निजी विद्यालयों के शिक्षकों को भी 15 हजार रुपये महीना मानदेय दिया जाए. डीआईओएस के माध्यम से मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और शिक्षामंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा है.
प्राइवेट विद्यालयों के शिक्षकों को नहीं मिल रहा वेतन
वित्त विहीन शिक्षक महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष बनवारी पांडेय ने बताया कि यूपी के प्राइवेट विद्यालयों में कार्य कर रहे शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है. आपदा राहत कोष से कोविड-19 महामारी में विद्यालय बंद होने के कारण किसी प्रकार से शिक्षकों को वेतन प्राप्त नहीं हो रहा है. बच्चों द्वारा शुल्क जमा न होने से कठिनाई उत्पन्न हो रही है. इसलिए प्रदेश स्तर पर माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा संगठन ने सरकार से मदद दिलाने हेतु शिक्षा-शिक्षक बचाओ आग्रह आंदोलन किया गया. इसी कार्यक्रम के तहत शिक्षकों ने जिला विद्यालय निरीक्षक चंदौली के माध्यम से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा है.
प्रधानाचार्य महासभा के प्रधान महासचिव फौजदार सिंह ने कहा की महामारी के चलते सबसे ज्यादा प्राइवेट स्कूल के शिक्षक पीड़ित हैं. यदि सरकारों ने उन शिक्षकों के ऊपर कोई ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में यह शिक्षक आंदोलन के माध्यम से सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेंगे. आज शिक्षक समझ चुके हैं कि पुरानी सरकारों की भांति यह सरकार भी उसी तरह का कार्य कर रही है.
प्रदेश महासचिव डॉक्टर कृष्ण मोहन यादव ने बताया कि ये आंदोलन शिक्षकों को हक और सम्मान दिलाने के लिए है. माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा संगठन द्वारा पूरे प्रदेश में यह आंदोलन चलाया जा रहा है. शिक्षकों को विश्वास दिलाया है कि संगठन शिक्षक हित के लिए समर्पित है. ये संगठन हमेशा संघर्षों के माध्यम से सरकार से दो-दो हाथ करने का काम समय-समय पर करता आया है. इस कोरोना महामारी में प्रति शिक्षक को 15 हजार रुपए आपदा राहत कोष से सरकार मदद करे.