चंदौलीः भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष प्रांशु दत्त (BJYM State President Pranshu Dutt Dwivedi) द्विवेदी बुधवार को जिले के दौरे पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पड़ाव स्थित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन पहुंचकर दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं, मीडिया से बातचीत के दौरान प्रांशु दत्त द्विवेदी ने ओमप्रकाश राजभर के विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में 350 सीटे जीतेंगे और यहीं उनका जवाब भी होगा. मिशन 2022 के मद्देनजर सभी जिलों के दौरे पर निकले बीजेपी युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष प्रांशु दत्त द्विवेदी ने कहा कि सीएम योगी (CM Yogi) भगवान परशुराम की तरह आतताइयों (अत्याचारियों) का संहार कर रहे हैं. इस सरकार में सभी को संरक्षण प्राप्त है.
सपा को ब्राह्मणों के विषय में बोलने का अधिकार नहीं
ब्राह्मण सम्मेलन को लेकर सपा हमला बोलते हुए प्रांशु दत्त द्विवेदी ने कहा कि ब्राह्मणों का सर काटने वाले आज परशुराम जी की मूर्ति लगाने की बात कर रहे हैं. सपा को ब्राह्मणों के विषय में बोलने का अधिकार नहीं है. हम भी इसी क्षेत्र से आते है. फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज आसपास के इलाकों में परसुराम के वंशजों की हत्या समाजवादी पार्टी ने कराई है. राजनीतिक विरोधाभास के चलते जेलों में डाला गया है. यह किसी से छिपी नहीं है. इसलिए सपा को ब्राह्मण के विषय में बोलने का अधिकार नहीं है.
मायावती सरकार में हुआ सबसे ज्यादा ब्राह्मणों का शोषण
प्रांशु दत्त द्विवेदी ने मायावती ने कहा कि गेस्ट हाउस कांड में जान बचाने वाले ब्राह्मण से मायावती ने किनारा कर लिया. यहीं नहीं बाद में उसी पार्टी से हाथ मिलाकर चुनाव लड़ा. यहीं मेरे बड़े भाई को भी बेवजह पार्टी से बाहर निकाला और रासुका लगाकर 9 महीने तक जेल में रखा. बसपा सरकार में फर्जी एससी/एसटी मुकदमा दर्ज कर ब्राह्मणों का उत्पीड़न किया गया. इसी के रिएक्शन में सपा की सरकार बनी थी.
ब्राह्मणों का सम्मान सिर्फ बीजेपी में
प्रांशु दत्त द्विवेदी ने कहा कि विरोधी सरकारों के कामों का नतीजा 2012 में आया. सपा के कामकाज के चलते भाजपा प्रचंड बहुमत से जीती है. प्रांशु दत्त ने कहा कि ब्राह्मण राष्ट्रवाद और हिंदू संरक्षण के नाम पर बीजेपी को वोट करेंगे. ब्राह्मणों का सम्मान सिर्फ बीजेपी में सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 4 लाख लोगों को रोजगार दिया है, जबकि पिछली सरकारों में केवल एक बिरादरी को नौकरी मिलती थी.