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अपह्रत इंजीनियर का नहीं लगा सुराग, अपहरण या प्रोपेगैंडा के तिलिस्म में उलझी पुलिस

चंदौली जिले में टॉवर इंजीनियर के अपहरण केस में पुलिस को अभी तक कोई सुराग नहीं मिला और न ही इंजीनियर का कोई पता चला है. पुलिस इस के संदिग्ध मानकर अपहरण की अफवाह होने पर जांच कर रही है.

अपह्रत इंजीनियर का नहीं लगा सुराग
अपह्रत इंजीनियर का नहीं लगा सुराग
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Published : Oct 14, 2021, 10:06 PM IST

Updated : Oct 14, 2021, 10:48 PM IST

चंदौली : मोबाइल टॉवर इंजीनियर के अपहरण केस में पुलिस को अभी तक कोई सुराग नहीं मिला. घटना के 24 घंटे बीत चुके है और पुलिस खाली हाथ है. हालांकि पुलिस की तफ्दीश के बाद अपहरण से जुड़ी परतें खुलने लगीं हैं. अब तक हुई पुलिस जांच में इंजीनियर के अपहरण की पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस की टीम सीओ सदर अनिल राय के नेतृत्व में इस घटना का अनावरण करने के लिए छानबीन कर रही है. सीओ सदर द्वारा की जा रही कार्रवाई की मॉनिटरिंग खुद जिले के कप्तान अमित कुमार कर रहे हैं.

बता दें, कि पुलिस को बीते बुधवार की रात इंजीनियर के अपहरण होने की सूचना मिली थी. इंजीनियर दीपक सिंह के साले ने घटना की सूचना पुलिस को दी थी. इंजीनियर दीपक सिंह के साले ने पुलिस को तहरीर दी थी. जिसमें अपहरण का आरोप बीजेपी नेता व जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह बबलू व उसके भाइयों पर लगाया गया था.

तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर घटना की छानबीन कर रही थी. मिली जानकारी के मुताबिक, अपह्रत इंजी. दीपक सिंह इंडस कंपनी में तैनात था. उसके पास आस-पास क्षेत्र के 27 टावर की जिम्मेदारी थी. जिसमें से 3 टावर का काम गोपाल सिंह बबलू के हाथों में था. आरोप है, कि बीजेपी नेता व जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह बबलू टावर पर तेल का गबन करता था.

तेल के खेल में गोपाल सिंह बबलू इंजीनियर दीपक सिंह को हिस्सा नहीं देता था. गोपाल सिंह की इस करतूत के कारण इंजीनियर दीपक सिंह टावर की जिम्मेदारी गोपाल के स्थान पर अपने किसी परिचित को दिलाना चाहता था. आरोप है, कि इसी बात को लेकर गोपाल सिंह बबलू ने इंजीनियर का अपहरण करवा दिया.

अपहरण की कहानी में आया नया मोड़

इंजीनियर की अपहरण की गुत्थी पुलिस ने अभी सुलझा नहीं पाई है. इसी बीच अपहरण के कहानी में एक नया मोड़ आ गया है. सबसे खास बात यह है, कि पुलिस की 24 घंटे की छानबीन के बाद अब तक गोपाल सिंह द्वारा अपहरण किए जाने का कोई सुराग नहीं मिला है और ना ही अपह्रत इंजीनियर का कोई पता चला है. ऐसे में पुलिस इस पूरे घटनाक्रम को संदिग्ध मानकर दूसरे एंगल पर भी जांच कर रही है. इस घटना में वास्तव में अपहरण किया गया या कोई साजिश है, यह तो पुलिस जांच के बाद ही पता चल सकेगा.

इस बाबत सीओ सदर अनिल राय ने बताया कि पुलिस जांच में जुटी है, जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा. वास्तव में यह पूरा मामला टावर वर्चस्व को लेकर है. अन्य खुलासे भी सामने आ सकते है. फिलहाल अब तक की जांच में गोपाल सिंह के खिलाफ कोई ठोस सुबूत या साक्ष्य नहीं मिले है. जिससे कारण गोपाल को हिरासत में लेकर कार्रवाई की बजाय पूछताछ की जा रही है. अभी कुछ भी कह पाना जल्दबाजी होगी. पुलिस सभी पहलुओं पर जांच में जुटी है.

अपहरण की थ्योरी पर उठे सवाल

घटना की जांच में अपह्रत दीपक सिंह के साले सुजीत सिंह ने करीब एक महीने पहले का एक ऑडियो पुलिस को दिया है. जिसमें अपहृत इंजीनियर व गोपाल सिंह बबलू के बीच बातचीत हो रही थी. उसमें अपह्रत इंजीनियर ही गोपाल सिंह को प्रायोजित तरीके से धमकी भरे अंदाज में उलझाने का प्रयास करता हुआ सुनाई दे रहा है. इसके अलावा घटना से जुड़ा एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया है. इसमें एक गाड़ी घटनास्थल डांडी के समीप आकर रुकती है. गाड़ी में से एक व्यक्ति जाता हुआ दिखाई दिया. जहां से पुलिस ने गाड़ी बरामद की है. उस स्थान से कुछ ही दूरी पर जलीलपुर पुलिस चौकी है. ऐसे में गाड़ी उस स्थान पर किनारे लगाने की बजाय पुलिस चौकी पर भी लगाई जा सकती थी. फिलहाल पुलिस घटना का जल्द खुलासा करने के लिए छानबीन कर रही है.

इसे पढ़ें- शाहजहांपुर में तालाब में डूबने से 3 बच्चों की मौत, शव बरामद

चंदौली : मोबाइल टॉवर इंजीनियर के अपहरण केस में पुलिस को अभी तक कोई सुराग नहीं मिला. घटना के 24 घंटे बीत चुके है और पुलिस खाली हाथ है. हालांकि पुलिस की तफ्दीश के बाद अपहरण से जुड़ी परतें खुलने लगीं हैं. अब तक हुई पुलिस जांच में इंजीनियर के अपहरण की पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस की टीम सीओ सदर अनिल राय के नेतृत्व में इस घटना का अनावरण करने के लिए छानबीन कर रही है. सीओ सदर द्वारा की जा रही कार्रवाई की मॉनिटरिंग खुद जिले के कप्तान अमित कुमार कर रहे हैं.

बता दें, कि पुलिस को बीते बुधवार की रात इंजीनियर के अपहरण होने की सूचना मिली थी. इंजीनियर दीपक सिंह के साले ने घटना की सूचना पुलिस को दी थी. इंजीनियर दीपक सिंह के साले ने पुलिस को तहरीर दी थी. जिसमें अपहरण का आरोप बीजेपी नेता व जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह बबलू व उसके भाइयों पर लगाया गया था.

तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर घटना की छानबीन कर रही थी. मिली जानकारी के मुताबिक, अपह्रत इंजी. दीपक सिंह इंडस कंपनी में तैनात था. उसके पास आस-पास क्षेत्र के 27 टावर की जिम्मेदारी थी. जिसमें से 3 टावर का काम गोपाल सिंह बबलू के हाथों में था. आरोप है, कि बीजेपी नेता व जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह बबलू टावर पर तेल का गबन करता था.

तेल के खेल में गोपाल सिंह बबलू इंजीनियर दीपक सिंह को हिस्सा नहीं देता था. गोपाल सिंह की इस करतूत के कारण इंजीनियर दीपक सिंह टावर की जिम्मेदारी गोपाल के स्थान पर अपने किसी परिचित को दिलाना चाहता था. आरोप है, कि इसी बात को लेकर गोपाल सिंह बबलू ने इंजीनियर का अपहरण करवा दिया.

अपहरण की कहानी में आया नया मोड़

इंजीनियर की अपहरण की गुत्थी पुलिस ने अभी सुलझा नहीं पाई है. इसी बीच अपहरण के कहानी में एक नया मोड़ आ गया है. सबसे खास बात यह है, कि पुलिस की 24 घंटे की छानबीन के बाद अब तक गोपाल सिंह द्वारा अपहरण किए जाने का कोई सुराग नहीं मिला है और ना ही अपह्रत इंजीनियर का कोई पता चला है. ऐसे में पुलिस इस पूरे घटनाक्रम को संदिग्ध मानकर दूसरे एंगल पर भी जांच कर रही है. इस घटना में वास्तव में अपहरण किया गया या कोई साजिश है, यह तो पुलिस जांच के बाद ही पता चल सकेगा.

इस बाबत सीओ सदर अनिल राय ने बताया कि पुलिस जांच में जुटी है, जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा. वास्तव में यह पूरा मामला टावर वर्चस्व को लेकर है. अन्य खुलासे भी सामने आ सकते है. फिलहाल अब तक की जांच में गोपाल सिंह के खिलाफ कोई ठोस सुबूत या साक्ष्य नहीं मिले है. जिससे कारण गोपाल को हिरासत में लेकर कार्रवाई की बजाय पूछताछ की जा रही है. अभी कुछ भी कह पाना जल्दबाजी होगी. पुलिस सभी पहलुओं पर जांच में जुटी है.

अपहरण की थ्योरी पर उठे सवाल

घटना की जांच में अपह्रत दीपक सिंह के साले सुजीत सिंह ने करीब एक महीने पहले का एक ऑडियो पुलिस को दिया है. जिसमें अपहृत इंजीनियर व गोपाल सिंह बबलू के बीच बातचीत हो रही थी. उसमें अपह्रत इंजीनियर ही गोपाल सिंह को प्रायोजित तरीके से धमकी भरे अंदाज में उलझाने का प्रयास करता हुआ सुनाई दे रहा है. इसके अलावा घटना से जुड़ा एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया है. इसमें एक गाड़ी घटनास्थल डांडी के समीप आकर रुकती है. गाड़ी में से एक व्यक्ति जाता हुआ दिखाई दिया. जहां से पुलिस ने गाड़ी बरामद की है. उस स्थान से कुछ ही दूरी पर जलीलपुर पुलिस चौकी है. ऐसे में गाड़ी उस स्थान पर किनारे लगाने की बजाय पुलिस चौकी पर भी लगाई जा सकती थी. फिलहाल पुलिस घटना का जल्द खुलासा करने के लिए छानबीन कर रही है.

इसे पढ़ें- शाहजहांपुर में तालाब में डूबने से 3 बच्चों की मौत, शव बरामद

Last Updated : Oct 14, 2021, 10:48 PM IST
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