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निर्यातक बना चंदौली, पूर्वांचल भर को दे रहा 'ऑक्सीजन'

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Published : Apr 18, 2021, 9:58 PM IST

Updated : Apr 18, 2021, 11:11 PM IST

उत्तर प्रदेश में जहां तमाम अस्पताल ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से जूझ रहे हैं, वहीं चंदौली जिले में दूसरे जनपदों के लोग भी ऑक्सीजन सिलेंडर लेने आ रहे हैं.

ऑक्सीजन सिलेंडर
ऑक्सीजन सिलेंडर

चंदौलीः वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर का कहर लगातार जारी है. रोजाना हजारों की तादात में लोग कोरोना के संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. हालात यहां तक बदतर हो गए हैं कि अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी हो गई है. एक तरफ जहां कोविड के मरीज ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले प्लांट भी अब हांफने लगे हैं और डिमांड के अनुरूप सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में चंदौली की व्यवस्थाएं बेहतरीन हैं.

ऑक्सीजन सिलेंडर की पूर्ति
पूरी क्षमता से चल रहा ऑक्सीजन प्लांटचंदौली ऑक्सीजन उत्पादन की लिहाज से भाग्यशाली है. यहां बड़े पैमाने पर उत्पादन के साथ ही ऑक्सीजन निर्यात भी किया जाता है. रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया में 3 फैक्ट्रियों के अलावा, दीनदयाल नगर में बड़ा ऑक्सीजन उत्पादक प्लांट है, जो पूर्वांचल के तमाम जिलों में मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई करता है.
ऑक्सीजन सिलेंडर की पूर्ति
ऑक्सीजन सिलेंडर की पूर्ति
पूरे पूर्वांचल में सप्लाईइस ऑक्सीजन प्लांट से पूरे पूर्वांचल में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है. कोरोना की दूसरी लहर ने कुछ इस तरह कहर बरपाया है कि मरीजों के लिए अस्पतालों में जगह तो कम पड़ी ही है, ऑक्सीजन की भी कमी पड़ गई है. कोविड के इलाज में ऑक्सीजन पूर्ति का विशेष महत्व है. अब पूर्वांचल के तमाम जिलों से लोग एम्बुलेंस व अन्य साधनों से पहुंच रहे हैं और ऑक्सीजन की रिफिलिंग कर रहे हैं.कई गुना बढ़ गई डिमांडऑक्सीजन प्लांट के मैनेजर राकेश पांडेय ने बताया कि चन्दौली और वाराणसी समेत अन्य जिलों में ऑक्सीजन की मांग इतनी ज्यादा है कि ऑक्सीजन बनाने वाले प्लांट भी अब त्राहिमाम कर रहे हैं. उनकी क्षमता तो निर्धारित है लेकिन डिमांड क्षमता से कई गुना ज्यादा आ रही है. लोगों को शासनादेश के अनुसार सप्लाई की जा रही है.डिमांड के अनुरूप नहीं हो पा रही सप्लाईयहां पर सिलेंडर लेने आए लोगों का भी कहना है कि उनको डिमांड के अनुरूप सप्लाई नहीं मिल रही. डिमांड की तुलना में एक तिहाई सिलेंडर ही उपलब्ध हो पा रहे हैं. इसके अलावा होम आइसोलेटेड मरीज के तीमारदार भी प्रिस्क्रिप्शन के सहारे छोटे सिलेंडर लेकर प्लांट पर पहुंच रहे हैं.महामारी काल में सुरक्षा और संरक्षा बड़ी बाधाइस महामारी काल में ऑक्सीजन की बढ़ी जरूरत के लिहाज से प्लांट को पूरी क्षमता से चलाया जा रहा है. इस दौरान सुरक्षा और संरक्षा बड़ी समस्या बन कर उभरी है. यहां कोरोना संक्रमित मरीज के तीमारदार लगातार पहुंच रहे हैं, जिनके खुद के संक्रमित होने की आशंका है. इसके अलावा गैस रिफिलिंग में लगने वाला समय भी तीमारदार झेलने को तैयार नहीं हैं. वहां प्लांट के स्टाफ संग हाथापाई की नौबत आ जा रही है. ऐसे में सुरक्षा के लिए कोई पुलिसकर्मी भी नहीं मौजूद है.

इसे भी पढ़ेंः श्मशान घाट पर लापरवाही, दाह संस्कार के बाद छोड़ी जा रही पीपीई किट

कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराए प्रशासन
मैनेजर राकेश का कहना है कि यहां यदि कोविड प्रोटोकॉल का पालन प्रशासन की तरफ से नहीं कराया गया तो टेक्निकल स्टाफ भी संक्रमित हो सकते हैं. इसके बाद ऑक्सीजन उत्पादन एक बड़ी समस्या बनकर उभरेगी. इसे ट्रेंड स्टाफ ही संचालित कर सकते हैं. साथ ही उन्होंने इस पूरे परिसर को सैनिटाइज किए जाने की मांग की.

चंदौलीः वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर का कहर लगातार जारी है. रोजाना हजारों की तादात में लोग कोरोना के संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. हालात यहां तक बदतर हो गए हैं कि अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी हो गई है. एक तरफ जहां कोविड के मरीज ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले प्लांट भी अब हांफने लगे हैं और डिमांड के अनुरूप सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में चंदौली की व्यवस्थाएं बेहतरीन हैं.

ऑक्सीजन सिलेंडर की पूर्ति
पूरी क्षमता से चल रहा ऑक्सीजन प्लांटचंदौली ऑक्सीजन उत्पादन की लिहाज से भाग्यशाली है. यहां बड़े पैमाने पर उत्पादन के साथ ही ऑक्सीजन निर्यात भी किया जाता है. रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया में 3 फैक्ट्रियों के अलावा, दीनदयाल नगर में बड़ा ऑक्सीजन उत्पादक प्लांट है, जो पूर्वांचल के तमाम जिलों में मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई करता है.
ऑक्सीजन सिलेंडर की पूर्ति
ऑक्सीजन सिलेंडर की पूर्ति
पूरे पूर्वांचल में सप्लाईइस ऑक्सीजन प्लांट से पूरे पूर्वांचल में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है. कोरोना की दूसरी लहर ने कुछ इस तरह कहर बरपाया है कि मरीजों के लिए अस्पतालों में जगह तो कम पड़ी ही है, ऑक्सीजन की भी कमी पड़ गई है. कोविड के इलाज में ऑक्सीजन पूर्ति का विशेष महत्व है. अब पूर्वांचल के तमाम जिलों से लोग एम्बुलेंस व अन्य साधनों से पहुंच रहे हैं और ऑक्सीजन की रिफिलिंग कर रहे हैं.कई गुना बढ़ गई डिमांडऑक्सीजन प्लांट के मैनेजर राकेश पांडेय ने बताया कि चन्दौली और वाराणसी समेत अन्य जिलों में ऑक्सीजन की मांग इतनी ज्यादा है कि ऑक्सीजन बनाने वाले प्लांट भी अब त्राहिमाम कर रहे हैं. उनकी क्षमता तो निर्धारित है लेकिन डिमांड क्षमता से कई गुना ज्यादा आ रही है. लोगों को शासनादेश के अनुसार सप्लाई की जा रही है.डिमांड के अनुरूप नहीं हो पा रही सप्लाईयहां पर सिलेंडर लेने आए लोगों का भी कहना है कि उनको डिमांड के अनुरूप सप्लाई नहीं मिल रही. डिमांड की तुलना में एक तिहाई सिलेंडर ही उपलब्ध हो पा रहे हैं. इसके अलावा होम आइसोलेटेड मरीज के तीमारदार भी प्रिस्क्रिप्शन के सहारे छोटे सिलेंडर लेकर प्लांट पर पहुंच रहे हैं.महामारी काल में सुरक्षा और संरक्षा बड़ी बाधाइस महामारी काल में ऑक्सीजन की बढ़ी जरूरत के लिहाज से प्लांट को पूरी क्षमता से चलाया जा रहा है. इस दौरान सुरक्षा और संरक्षा बड़ी समस्या बन कर उभरी है. यहां कोरोना संक्रमित मरीज के तीमारदार लगातार पहुंच रहे हैं, जिनके खुद के संक्रमित होने की आशंका है. इसके अलावा गैस रिफिलिंग में लगने वाला समय भी तीमारदार झेलने को तैयार नहीं हैं. वहां प्लांट के स्टाफ संग हाथापाई की नौबत आ जा रही है. ऐसे में सुरक्षा के लिए कोई पुलिसकर्मी भी नहीं मौजूद है.

इसे भी पढ़ेंः श्मशान घाट पर लापरवाही, दाह संस्कार के बाद छोड़ी जा रही पीपीई किट

कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराए प्रशासन
मैनेजर राकेश का कहना है कि यहां यदि कोविड प्रोटोकॉल का पालन प्रशासन की तरफ से नहीं कराया गया तो टेक्निकल स्टाफ भी संक्रमित हो सकते हैं. इसके बाद ऑक्सीजन उत्पादन एक बड़ी समस्या बनकर उभरेगी. इसे ट्रेंड स्टाफ ही संचालित कर सकते हैं. साथ ही उन्होंने इस पूरे परिसर को सैनिटाइज किए जाने की मांग की.

Last Updated : Apr 18, 2021, 11:11 PM IST
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