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चंदौली- डेढ़ करोड़ का शेल्टर होम, नहीं बन पा रहा आश्रितों का ठिकाना

उत्तर प्रदेश के चंदौली में सरकारी शेल्टर होम शोपीस बनकर रह गया है. दरअसल रेलवे स्टेशन से दूर होने के कारण काफी लोगों को इस शेल्टर होम के बारे में जानकारी ही नहीं है, जिसके कारण यहां रोज मज 4 से 6 लोग ही आते हैं.

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Published : Jan 5, 2020, 4:47 PM IST

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शेल्टर होम बना शो पीस.

चंदौली: योगी सरकार ने दो साल पहले दीनदयाल नगर पालिका की तरफ से अलीनगर में लगभग 1 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से शेल्टर होम का निर्माण कराया था. इसके निर्माण का मकसद सर्द रातों में सड़कों पर अपनी रात बिताने को मजबूर लोगों को छत मिल देना है. लेकिन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की अदूरदर्शिता के चलते इस 50 बेड वाले शेल्टर होम में 5 लोग भी नहीं पहुंचते है. इस बात का खुलासा ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में हुआ.

शेल्टर होम बना शो पीस.
स्टेशन से 4 किमी. दूर बनाया रैन बसेरा
दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत डूडा ने स्टेशन से 4 किलोमीटर दूर अलीनगर में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से रैन बसेरे का निर्माण कराया. शहर से दूरी और जानकारी नहीं होने के कारण लोगों को रैन बसेरा का सहारा नहीं मिल पा रहा है.

रोज 4 से 6 लोग ही पहुंचते हैं
इस दो मंजिला शेल्टर होम में महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग फ्लोर पर बीस-बीस बेड की डोरमेट्री है. इसके अलावा परिवार के लिए अलग वार्ड है. रियलिटी चेक के दौरान पुरुष डोरमेट्री में मात्र दो लोग मिले. वहीं महिला डोरमेंट्री पूरी तरह खाली मिली. यहीं नहीं बेड पर धूल की मोटी परत थी, जैसे महीनों से यहां कोई आया ही नहीं है. शेल्टर होमकर्मी ने बताया कि रोजाना चार से छह लोगों ही आते हैं.

हर महीने 50 हजार रुपये का खर्च
इस शोपीस बने शेल्टर होम के रखरखाव के लिए सरकार बड़ी धनराशि खर्च करती है. इस शेल्टर होम के रखरखाव की जिम्मेदारी रचना वूमेन्स डेवलेपमेंट एसोसिएशन को दी गई है, जो यहां केयरटेकर का काम देखती है. इसके बदले नगर पालिका हर महीने 50 हजार रुपये का भुगतान एसोसिएशन को करती है.

शेल्टर होम में रह रहे यात्री ने बताया कि स्टेशन से इसकी दूरी करीब 4 किलोमीटर है. यहां आने के लिए काफी किराया खर्च करना पड़ता है. बावजूद इसके टेंपो मेनरोड पर ही छोड़कर चला जाता है. फिर वहां से काफी दूर तक पैदल जाना पड़ता है. हम लोग यहां अक्सर आते रहते हैं, जिससे इसके बारे में हमें जानकारी है. बाकी लोगों को पता ही नहीं चलता है. चंदौली में जनवरी की सर्द रातों में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है.

इसे भी पढ़ें- एक खानदान की राजनीति करने वाले कर रहे 'वीर सावरकर' का अपमान: डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा

चंदौली: योगी सरकार ने दो साल पहले दीनदयाल नगर पालिका की तरफ से अलीनगर में लगभग 1 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से शेल्टर होम का निर्माण कराया था. इसके निर्माण का मकसद सर्द रातों में सड़कों पर अपनी रात बिताने को मजबूर लोगों को छत मिल देना है. लेकिन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की अदूरदर्शिता के चलते इस 50 बेड वाले शेल्टर होम में 5 लोग भी नहीं पहुंचते है. इस बात का खुलासा ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में हुआ.

शेल्टर होम बना शो पीस.
स्टेशन से 4 किमी. दूर बनाया रैन बसेरादीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत डूडा ने स्टेशन से 4 किलोमीटर दूर अलीनगर में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से रैन बसेरे का निर्माण कराया. शहर से दूरी और जानकारी नहीं होने के कारण लोगों को रैन बसेरा का सहारा नहीं मिल पा रहा है.

रोज 4 से 6 लोग ही पहुंचते हैं
इस दो मंजिला शेल्टर होम में महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग फ्लोर पर बीस-बीस बेड की डोरमेट्री है. इसके अलावा परिवार के लिए अलग वार्ड है. रियलिटी चेक के दौरान पुरुष डोरमेट्री में मात्र दो लोग मिले. वहीं महिला डोरमेंट्री पूरी तरह खाली मिली. यहीं नहीं बेड पर धूल की मोटी परत थी, जैसे महीनों से यहां कोई आया ही नहीं है. शेल्टर होमकर्मी ने बताया कि रोजाना चार से छह लोगों ही आते हैं.

हर महीने 50 हजार रुपये का खर्च
इस शोपीस बने शेल्टर होम के रखरखाव के लिए सरकार बड़ी धनराशि खर्च करती है. इस शेल्टर होम के रखरखाव की जिम्मेदारी रचना वूमेन्स डेवलेपमेंट एसोसिएशन को दी गई है, जो यहां केयरटेकर का काम देखती है. इसके बदले नगर पालिका हर महीने 50 हजार रुपये का भुगतान एसोसिएशन को करती है.

शेल्टर होम में रह रहे यात्री ने बताया कि स्टेशन से इसकी दूरी करीब 4 किलोमीटर है. यहां आने के लिए काफी किराया खर्च करना पड़ता है. बावजूद इसके टेंपो मेनरोड पर ही छोड़कर चला जाता है. फिर वहां से काफी दूर तक पैदल जाना पड़ता है. हम लोग यहां अक्सर आते रहते हैं, जिससे इसके बारे में हमें जानकारी है. बाकी लोगों को पता ही नहीं चलता है. चंदौली में जनवरी की सर्द रातों में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है.

इसे भी पढ़ें- एक खानदान की राजनीति करने वाले कर रहे 'वीर सावरकर' का अपमान: डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा

Intro:चन्दौली - योगी सरकार ने दो साल पहले दीनदयाल नगर पालिका की तरफ से अलीनगर में 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा की लागत से शेल्टर होम का निर्माण कराया. ताकि सर्द रातों में सड़कों पर अपनी रात बिताने को मजबूर लोगों को छत मिल सके. लेकिन अधिकारियों की जनप्रतिनिधियों की अदूरदर्शिता के चलते इस 50 बेड वाले शेल्टर होम में 5 लोग भी नहीं पहुँचते. इस बात का खुलासा ईटीवी भारत संवाददाता कमलेश गिरी के रियलिटी चेक में हुआ.


Body:दरअसल दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत डूडा की ने स्टेशन से 4 किलोमीटर दूर अलीनगर में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से रैनबसेरे का निर्माण कराया गया. लेकिन नगर से इसकी दूरी और जानकारी के अभाव लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

इस दो मंजिला शेल्टर होम में महिला और पुरुष के लिए अलग अलग फ्लोर पर बीस बीस बेड का सेपरेट डोरमेट्री है. इसके अलावा परिवार के रहने फैमिली वार्ड अलग से बनाया गया है.रियलिटी चेक के दौरान पुरुष डोरमेंट्री में मात्र दो लोग मिले. वहीं महिला डोरमेंट्री पूरी तरह खाली मिला. यहीं नहीं बेड पर धूल की मोटी परत इस पड़ी थी. जैसे महीनों से यहां कोई आया ही नहीं है. इस बाबत शेल्टर होम कर्मी से बात किया गया है.तो रोजाना चार - छह लोगों के आने की बात बताई

ग़ौरतलब है कि इस शोपीस बने शेल्टर होम के रखरखाव के लिए सरकार बड़ी धनराशि खर्च करती है. इस शेल्टर होम के रख रखाव की जिम्मेदारी रचना वूमेन्स डेवलेपमेंट एसोसिएशन को दी गई है. जो यहां केयरटेकर का काम देखती है. जिसके बदले 50 हजार रुपये महीना नगरपालिका उस संस्था को भुगतान करती है.

शेल्टर होम में रह रहे यात्री ने बातचीत में बताया कि स्टेशन से इसकी दूरी करीब 4 किलोमीटर यहां आने के लिए काफी किराया खर्च करना पड़ता है. बावजूद इसके मेनरोड पर ही छोड़कर चला जाता है. फिर वहां से काफी दूर तक पैदल जाना पड़ता है.हमलोगों यहां अक्सर आते रहते है. जिससे इसके बारे में हमे जानकारी है. बाकी लोगों को पता ही नहीं चलता है.

ऐसे में जहां जनवरी की सर्द रातों में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है. वहीं अधिकारियों की अदूरदर्शिता से यात्रियों और खुले आसमान के नीचे मजबूर लोगों पर भारी पड़ रही है.ऐसे में करोड़ो की लागत से तैयार किया गया यह शेल्टर होम निष्प्रयोज्य है या यूं कहें कि शोपीस बना हुआ है.

रियलिटी चेक कमलेश








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