चंदौलीः जिले में कांशीराम आवास योजना में घोटाले (Kashiram awas yojna scam in chandauli) को लेकर पुलिस की कार्रवाई से आरोपियों में दहशत है. आरोपी खुद ही कोर्ट के सामने सरेंडर करने के लिए मजबूर हैं. इसी क्रम में मंगलवार को एक आरोपी सरकारी कर्मचारी तथा 3 आरोपी लाभार्थियों ने कोर्ट के समक्ष सरेंडर कर दिया है. इन 4 लोगों के सरेंडर के बाद सदर कोतवाली पुलिस ने 2 लोगों को जेल भेजा है. वहीं, दो महिलाओं की अधिक उम्र होने के कारण कोर्ट ने उनका सरेंडर अस्वीकार करते हुए, उन्हें रिहा कर दिया.
बता दें कि कांशीराम आवास योजना के आवंटन में घोटाले के मामले में 52 लोग आरोपी बनाए गए थे. इसमें एडीएम, एसडीएम, ईओ समेत एक दर्जन लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. वहीं कुछ के खिलाफ कुर्की की नोटिस चस्पा किए जाने आरोपी अब खुद ही कोर्ट में सरेंडर करने को मजबूर हैं. इसी क्रम में मजिस्ट्रेट के समक्ष आरोपी लेखपाल सर्फुद्दीन तथा संतोष कुमार पाठक मंगलवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया. इन दोनों आरोपियों को कोर्ट ने कस्टडी में लिए जाने के बाद जेल भेजने का निर्देश दे दिया.
2013 में दर्ज किया गया था मुकदमाः कांशीराम आवास आवंटन घोटाले को लेकर क्षेत्र के चंद्रमोहन सिंह ने 2013 में चंदौली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस के बार-बार फाइनल रिपोर्ट लगाने और आरोपियों पर कार्रवाई न होने के बाद चंद्रमोहन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका डाली थी. एक लंबे जद्दोजहद के बाद हाईकोर्ट ने आरोपियों के गिरफ्तारी का आदेश एसपी चंदौली को दिया. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी अधिकारियों समेत अन्य लोगों की गिरफ्तारी कर कोर्ट में पेश किया था.
40 आवटंन पाए गए थे गलतः वादी चंद्रमोहन सिंह का आरोप है कि नगर पंचायत के विभिन्न कर्मचारियों ने हीलाहवाली तथा तहसील के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके गलत और अवैध लोगों को आवास आवंटित कर दिया. शिकायत की गई तो तत्कालीन जिलाधिकारी ने 40 आवासों के आवंटन को गलत पाया और उसे निरस्त करने का आदेश दिया. लेकिन जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. मामले में जिला न्यायालय के साथ-साथ हाईकोर्ट के आदेशों की भी लगातार अवहेलना होती रही है. करीब 11 साल के बाद पुलिस सक्रीय हुई है. कोर्ट के बार-बार दिशा-निर्देश जारी करने के बाद अब पुलिस कार्रवाई कर रही है.
सदर कोतवाल राजीव सिंह ने बताया कि कांशीराम आवास योजना के आवंटन में घोटाले के 4 आरोपियों ने कोर्ट में सरेंडर किया. इनमें दो पुरूष और दो बुजुर्ग महिलाएं शामिल थीं. मामले में सर्फुद्दीन और संतोष पाठक को जेल भेजा गया है. वहीं आत्मसर्पण करने वाली दो महिलाओं की उम्र अधिक होने के कारण कोर्ट ने उन्हें कस्टडी में नहीं लिया.
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