चन्दौलीः पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक बुलेट ट्रेन को भारत में चलाने का सपना है. इस ट्रेन के चलने पर भी इसमें सफर करना आम नागरिकों के बस की बात नहीं है, क्योंकि इसका किराया भारतीय रेल के प्रथम एसी का डेढ़ गुना होना अनुमानित है. इसका खुलासा आरटीआई के जरिए रेल मंत्रालय से मांगी गई जानकारी में हुआ.
इन छह बिंदुओं पर मांगी थी जानकारी
- बुलेट ट्रेन भारत में कहां से कहां तक चलाई जाएगी.
- इसके लिए अब तक कितनी धनराशि प्राप्त हुई है और कितनी खर्च हुई है.
- बुलेट ट्रेन की लाइनों को बिछाने का खर्च प्रति किलोमीटर कितना अनुमानित है.
- इस ट्रेन की रेल लाइन और परिचालन के लिए किस देश की कंपनी से समझौता हुआ है.
- भारत में कब तक बुलेट ट्रेन चलने का अनुमान है.
- इस ट्रेन का प्रथम चरण में प्रति व्यक्ति यात्रा टिकट कितने रुपये होना अनुमानित है.
नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन का जवाब
- बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच में चलना प्रस्तावित है.
- इसके लिए अब तक 4655 करोड़ रुपये की धनराशि मिली है.
- इसमें से लगभग 2899 करोड़ खर्च भी हो चुके हैं.
- यह रुपये जमीन अधिग्रहण में तथा यूटिलिटी शिफ्टिंग में खर्च किए गए हैं.
- जॉइंट फिसीबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार परियोजना को 2023 के अंत तक चालू किया जाना है.
परिचालन के लिए किसी कंपनी के साथ नहीं हुआ है समझौता
बुलेट ट्रेन की रेल लाइनों के बिछाने के खर्च पर रेल विभाग ने यह भी बताया कि खर्च का ब्योरा निविदा तय करने के उपरांत ही दिया जा सकता है. साथ ही अभी तक देश की किसी भी कंपनी के साथ परिचालन के लिए कोई समझौता नहीं हुआ है. भारत में प्रस्तावित बुलेट ट्रेन जापान की सिंकांसेन तकनीकी पर आधारित है. बुलेट ट्रेन और उसकी रेल लाइन परिचालन आदि में प्रथम चरण में कुल 108000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
वहीं सबसे महत्वपूर्ण और चौकाने वाला खुलासा बुलेट ट्रेन के प्रति व्यक्ति किराये को लेकर हुआ. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार प्रति व्यक्ति यात्रा टिकट भारतीय रेल के प्रथम एसी का डेढ़ गुना होना अनुमानित है. भारतीय रेल में एसी प्रथम श्रेणी का किराया ही लगभग हवाई जहाज के बराबर होता है. ऐसे में उसका डेढ़ गुना किराया होना हवाई जहाज के सफर से भी महंगा होगा. इससे बुलेट ट्रेन में आम नागरिकों का सफर करना आसान नहीं होगा.