चंदौली: सूबे की राजनीति में शिलान्यास और लोकार्पण पर खूब सियासत हुई और सपा भाजपा में खूब आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. धान का कटोरा चंदौली भी इससे अछूता नहीं रहा. यहां भी जमकर शिलान्यास पर सियासत हुई. चाहे बात मेडिकल काॅलेज के शिलान्यास की हो या फिर रेलवे ओवरब्रिज की. दोनों ही दल इसे अपना काम बताने में लगे थे.
हद तो तब हो गई जब नए साल पर चंदौली की जनता के लिए सौगात के तौर पर जिले की बहुप्रतीक्षित चंदौली-मझवार ओवरब्रिज का लोकार्पण कर दिया गया. लेकिन अब तक एक पखवारे बाद भी वो जनता को समर्पित नहीं हो सका. ऐसे में इसके राजनीतिक लोकार्पण को लेकर सवाल उठने लगे है.
![चंदौली ओवरब्रिज का लोकार्पण, डेड लाइन खत्म फिर भी रास्ता बंद](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-chn-02-lokarpan-image-up10097_18012022163852_1801f_1642504132_834.jpg)
दरअसल, 3 जनवरी को दिल्ली-पटना रेल रूट पर केंद्रीय भारी उद्योगमंत्री व सांसद डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने सोमवार को चंदौली स्थित पंडित अटल बिहारी वाजपेयी सेतु का वर्चुअल लोकार्पण किया जबकि उनकी अनुपस्थिति में जिले के तीनों विधायकों ने संयुक्त रूप से फीता काटा. इस दौरान जिलाधिकारी समेत अन्य आलाधिकारी भी मौजूद रहे. उस वक्त यह बताया गया कि इसके स्लैब की मजबूती के लिए कुछ दिनों तक आवागमन को रोक दिया गया.
इसकी डेडलाइन 15 जनवरी तय की गई थी. उसके बाद इसे आमजनमानस के लिए खोलने की बात कही गई थी. वह डेडलाइन बीते सप्ताह भर से ज्यादा हो गया. फिर भी बहुप्रतीक्षित पुल जनता के लिए नहीं खोला जा सका.
![चंदौली ओवरब्रिज का लोकार्पण, डेड लाइन खत्म फिर भी रास्ता बंद](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-chn-02-lokarpan-image-up10097_18012022163852_1801f_1642504132_634.jpg)
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बता दें कि इसका वर्चुअली लोकार्पण करते हुए महेंद्र पांडेय ने चंदौली को देश का सबसे विकसित संसदीय क्षेत्र बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई थी. कहा कि पंडित अटल बिहारी वाजपेयी सेतु का निर्माण इस कड़ी में छोटा प्रयास है. भाजपा की डबल इंजन की सरकार आपस में समन्वय स्थापित करके योजनाओं परियोजनाओं को तय समय से कम समय में पूरा करने का काम कर रही है.
कहा कि पिछली सरकारों के समय यह समन्वय होता तो चंदौली आज विकासशील के बजाय विकसित जनपद होता. भाजपा दुर्भाग्य को जनसमर्थन से सौभाग्य में बदलने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. इस काम में चंदौली के विधायक गणों का सहयोग भी निरंतर प्राप्त हो रहा है.
गौरतलब है कि अटल बिहारी बाजपेयी पुल लोकार्पण को लेकर पहले दिन से ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था. सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 15 जनवरी को इसकी आखिरी डेडलाइन बताई गई थी. लेकिन अब तक इस पुल को जनता को समर्पित नहीं किया जा सका.
पूर्व सांसद रामकिसुन यादव ने कहा कि ये झूठ बोलने वाले लोग है. जो दूसरे के काम को अपना काम बताते है. राजनीतिक लाभ के लिए आधे-अधूरे काम का लोकार्पण कर दिया गया. यही वजह है कि लोकार्पण के इतने दिनों बाद भी जनता को उसका लाभ नहीं मिल सका. यह सिर्फ विधानसभा चुनाव में राजनैतिक लाभ के लिए किया गया.