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चंदौलीः एलबीएस पीजी कॉलेज के छात्र के प्रवेश निरस्तीकरण पर हाइकोर्ट ने लगाई रोक

यूपी के चंदौली में एलबीएस पीजी कॉलेज में एमए के छात्र का कॉलेज प्रशासन ने प्रवेश निरस्त करने के आदेश दिए थे. इस पर छात्र ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. गुरुवार को न्यायालय ने छात्र के हक में फैसला सुनाते हुए प्रवेश निरस्तीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.

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एलबीएस पीजी कॉलेज.
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Published : Dec 13, 2019, 9:30 AM IST

चंदौलीः एलबीएस पीजी कॉलेज में एमए हिंदी प्रथम वर्ष छात्र ‌के प्रवेश निरस्त किए जाने के मामले में दायर याचिका में इलाहबाद हाईकोर्ट ने प्रवेश ‌निरस्तीकरण पर रोक लगा दी है. गुरुवार को छात्र ने न्यायालय के आदेश की कॉपी महाविद्यालय के प्राचार्य को सौंपी. छात्र अविनाश लखन का प्रवेश यथावत रहने की सूचना के बाद अन्य छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई. उसके समर्थकों ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराकर खुशी का इजहार किया.

हाईकोर्ट ने छात्र के प्रवेश निरस्तीकरण पर लगाई रोक.

दिल्ली विश्वविद्यालया से स्नातक कर चुका है छात्र

  • मामला एलबीएस पीजी कॉलेज का है.
  • यहां एमए प्रथम वर्ष के छात्र अविनाश लखन का प्रवेश किन्हीं कारणों से निरस्त करने का आदेश हुआ था.
  • यह आदेश कुलसचिव और प्राचार्य ने दिया था.
  • इस आदेश के खिलाफ छात्र ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
  • हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए निरस्तीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.
  • वहीं विश्वविद्यालय और महाविद्यालय प्रशासन से इस बाबत जवाब भी मांगा है.
  • कॉलेज प्रशासन कोर्ट के आदेश का पालन करने की बात कह रहा है.

इसे भी पढ़ें- चंदौली: बारात में घुसकर चोरों ने पर्स पर मारा ब्लेड, उड़ाए डेढ़ लाख

चंदौलीः एलबीएस पीजी कॉलेज में एमए हिंदी प्रथम वर्ष छात्र ‌के प्रवेश निरस्त किए जाने के मामले में दायर याचिका में इलाहबाद हाईकोर्ट ने प्रवेश ‌निरस्तीकरण पर रोक लगा दी है. गुरुवार को छात्र ने न्यायालय के आदेश की कॉपी महाविद्यालय के प्राचार्य को सौंपी. छात्र अविनाश लखन का प्रवेश यथावत रहने की सूचना के बाद अन्य छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई. उसके समर्थकों ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराकर खुशी का इजहार किया.

हाईकोर्ट ने छात्र के प्रवेश निरस्तीकरण पर लगाई रोक.

दिल्ली विश्वविद्यालया से स्नातक कर चुका है छात्र

  • मामला एलबीएस पीजी कॉलेज का है.
  • यहां एमए प्रथम वर्ष के छात्र अविनाश लखन का प्रवेश किन्हीं कारणों से निरस्त करने का आदेश हुआ था.
  • यह आदेश कुलसचिव और प्राचार्य ने दिया था.
  • इस आदेश के खिलाफ छात्र ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
  • हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए निरस्तीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.
  • वहीं विश्वविद्यालय और महाविद्यालय प्रशासन से इस बाबत जवाब भी मांगा है.
  • कॉलेज प्रशासन कोर्ट के आदेश का पालन करने की बात कह रहा है.

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Intro:चन्दौली - एलबीएस पीजी कालेज में एमए हिंदी प्रथम वर्ष के छात्र ‌का प्रवेश, सहायक कुलसचिव व प्राचार्य के आदेश पर निरस्त किए जाने के मामले में दायर याचिका में हाईकोर्ट इलाहबाद ने प्रवेश ‌निरस्तीकरण पर रोक लगा दी है. गुरुवार को छात्र ने न्यायालय के आदेश की कॉपी महाविद्यालय के प्राचार्य को सौंपी. छात्र अविनाश लखन का प्रवेश यथावत रहने की सूचना के बाद अन्य छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई. उसके समर्थकों ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराकर खुशी का इजहार किया. कोर्ट के इस फैसले के बाद कालेज प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है.

Body:दरअसल दिल्ली विश्वविद्यालय से भूगोल आनर्स से स्नातक कर चुके छात्र अविनाश लखन महाशिवरात्रा का प्रवेश कुलसचिव के आदेश पर विशेष परिस्थितियों में लाल बहादुर शास्त्री पीजी कालेज में एमए हिंदी में हुआ था. बाद में सहायक कुलसचिव के आदेश पर कालेज के प्राचार्य ने अविनाश के प्रवेश को नियम विरूद्ध बताते हुए निरस्त कर दिया था. सहायक कुलसचिव और प्राचार्य की ओर प्रवेश निरस्त किए जाने के बाबत दिए गए आदेश को छात्र की ओर से हाईकोर्ट इलाहाबाद में चुनौती दी गई. मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायालय के न्यायाधीश ने प्रवेश निरस्तीकरण के बाबत दिए गए दोनों आदेशों पर 10 दिसंबर को रोक लगा दी. वहीं विश्वविद्यालय और महाविद्यालय प्रशासन से इस बाबत जवाब भी मांगा है.

बता दें कि छात्र अविनाश लखन एलबीएस पीजी कालेज से अध्यक्ष पद का प्रमुख प्रत्यासी था. लेकिन विरोधी गुट की शिकायत के बाद नियम विरुद्ध तरीके से किये एडमिशन को निरस्त कर दिया. जिसके बाद छात्र कोर्ट की शरण मे चला गया और फिलहाल स्टे आर्डर मिल गया.

गौरतलब है कि ये कोई पहला मामला नहीं है. इसके अलावा कालेज प्रशासन की तरफ से 15 अन्य छात्रों का भी गलत तरीके से एडमिशन लिया गया है. जिनका एक पखवारे पहले प्रवेश निरस्त कर दिया है. जिससे छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया.

बहरहाल अब कालेज प्रशासन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उसका पालन करते हुए छात्र अविनाश लखन को कक्षाओं में पढ़ाई करने की बात कह रहा है. लेकिन उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर खड़े कर दिए है.

हालांकि एमए हिंदी के छात्र अविनाश लखन महाशिवरात्रा के प्रवेश निरस्तीकरण के आदेश पर हाईकोर्ट की ओर रोक लगाए जाने के बाद से छात्रसंघ चुनाव में तेजी आ गई है. दरअसल अविनाश लखन ने भी छात्रसंघ चुनाव में नामांकन के लिए पर्चा खरीदा था. लेकिन प्रवेश निरस्त होने के चलते नामांकन नहीं कर सका था. लेकिन अब छात्र के प्रवेश निरस्तीकरण पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद से सुस्त पड़ चुके छात्रसंघ चुनाव के तेज होने की उम्मीदें बढ़ गई है.

बाइट - सुरेंद्र मिश्रा (प्राचार्य)Conclusion:Kamlesh giri
Chandauli
9452845730

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