चंदौलीः एक तरफ बुधवार को पूरा देश राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मना रहा था, वहीं चंदौली जिले में लापरवाही का अलग ही आलम नजर आ रहा था. यहां जिला अस्पताल के सामने ही खुले में कूड़ा जलता नजर आ रहा था. कमाल की बात ये भी है कि एनजीटी प्रदूषण को लेकर तमाम सख्त निर्देश जारी कर रहा है, लेकिन एनजीटी के नियमों का भी यह खुला उल्लंघन है. साथ ही जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए जानलेवा भी है. स्थानीय लोग तमाम शिकायतें कर रहे हैं पर नगर पंचायत के ईओ कूड़ा जलाए जाने की बात से ही इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि नगर पंचायत तो जलते कूड़े से आग बुझाती है.
लोग बोले, खुले में जल रहा कूड़ा-फैल रहा जहरीला धुआं
स्थानीय लोगों की शिकायत है कि जिला अस्पताल के सामने, पंचायत घर कूड़ा जलाता है. कूड़े के जलने से जहरीला धुआं इलाके में फैलता है. लोगों का यह भी दावा है कि अस्पताल के ठीक सामने हाइवे की उत्तर पटरी से सटा एक बड़ा कूड़ाघर प्रशासनिक लापरवाही से अस्तित्व में आ गया है. इससे न केवल वहां दुर्गंध है, बल्कि आसपास का माहौल भी प्रदूषित हो रहा है. इससे आसपास के लोगों के साथ-साथ जिला अस्पताल में ईलाज के लिए आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को तकलीफ हो रही है. इस कूड़े के अंबार से उठती विषैली हवा से आसपास के लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है. स्थानीय लोगों के अनुसार लोगों की आवाजाही होने के कारण कूड़े को देर शाम जला दिया जाता है. इससे जिला अस्पताल सहित आसपास का पूरा इलाका धुआं-धुआं हो जाता है.
मरीजों व तीमारदारों को हो रही परेशानी
प्रदूषण से सबसे अधिक परेशानी जिला अस्पताल के अलावा मातृ एवं शिशु विंग अस्पताल में भर्ती मरीजों व उनके तीमारदारों को उठानी पड़ रही है. वहीं चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी भी इस समस्या को जूझ रहे हैं. वहीं आसपास के लोगों का दुर्गंध व जहरीले धुएं में सांस लेना मुश्किल हो गया है.
दुर्गंध व प्रदूषण की जद में स्वास्थ्य मुख्यालय
इस इलाके में जिले का स्वास्थ्य मुख्यालय यानी मुख्य चिकित्सा अधिकारी दफ्तर, पंडित कमलापति जिला अस्पताल, हेरिटेज मातृ एवं शिशु विंग अस्पताल के अलावा आधुनिक चीर घर व आसपास के करीब 60 से अधिक रिहायशी मकान और दो दर्जन व्यवसायिक प्रतिष्ठान मौजूद हैं. इसके अलावा लोगों के आस्था का केन्द्र सावजी का पोखरा भी वहां से सटा है. वहीं चंद कदम की दूरी पर वृद्धाश्रम भी मौजूद है. ऐसे में बड़े पैमाने पर जमा किए कूड़े को प्रतिदिन जलाना वहां रहने वाली आबादी के स्वास्थ्य के साथ बड़ा खिलवाड़ है.
स्वास्थ्य विभाग को नहीं कोई चिंता
सबसे दिलचस्प तो यह है कि जिले का स्वास्थ्य मुख्यालय पूरी तरह से प्रदूषण की जद में है. बावजूद इसके न तो विभाग के सीएमओ ने अपने स्तर से कोई कार्रवाई अमल में लाई और ना ही जिला अस्पताल के सीएमएस की तरफ से जिला अस्पताल को प्रदूषण मुक्त करने लिए नगर पंचायत को आदेशित-निर्देशित किया गया. ऐसे में स्वास्थ्य महकमा भी दिनोंदिन बीमार होता जा रहा है.
एनजीटी के मानकों की उड़ी धज्जियां
राजधानी दिल्ली समेत आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी सख्त है. पराली जलाने पर रोक के साथ ही त्योहारों पर पटाखे जलाने को भी प्रतिबंधित कर दिया. वहीं दूसरी तरफ नगर पंचायत चन्दौली सीधे तौर पर खुले में कूड़े जला रहा है, जो एनजीटी के मानक के विपरीत है. इसकी तमाम शिकायतों के बावजूद इसके निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं की गई.
स्थान चिन्हित, जल्द की जाएगी निस्तारित
इस बाबत ईओ नगर पंचायत चन्दौली का कहना है कि खाली स्थान में कूड़ा गिराया जरूर जा रहा है लेकिन इसे नगर निकाय जलाती नहीं है. कूड़े में इतनी गर्मी होती है कि वो गैस बनाकर खुद ब खुद जलने लगती है. इसे बुझाने के लिए नगर पंचायत टैंकर से पानी का छिड़काव करती है. साथ ही साथ इसे हटाने के लिए जेसीबी का भी इस्तेमाल किया जाता है. शासन की तरफ से कूड़ा निस्तारण के लिए जगह चिह्नित कर सौंप दी गई है. जल्द ही इसके निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी.