ETV Bharat / state

चंदौली में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पार, कालोनियों में घुसा पानी

चंदौली में गंगा का जलस्तर बढ़ने से लोगों के घरों में पानी घुस गया है. लोग अपने घर को छोड़कर पलायन कर रहे है. वहीं प्रशासन ने ग्रामीणों को कोई सहायता नहीं मिल रही है.

etv bharat
गंगा का जलस्तर
author img

By

Published : Aug 27, 2022, 10:35 PM IST

चंदौली: पहाड़ी इलाकों हो रही भारी बारिश के चलते गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा(Ganga water level increasing) है. गंगा नदी ने खतरे के निशान को भी पार कर लिया.जिससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का संकट गहरा(flood in chandauli) गया है. गंगा का पानी अब गांवों के साथ ही लोगों के घरों तक मे घुस गया है. वहीं सैकड़ो बीघा फसल जलमग्न हो गई. बाढ़ की विभीषिका के बीच ग्रामीण इलाकों में जहां संकट की स्थिति है वहीं, कालोनियों से लोग पलायन कर रहे है. आंकड़ों की बात करे मुग़लसराय और सकलडीहा के तहसील के करीब 5 दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में है. वहीं, जिला प्रशासन राहत व बचाव की बजाय सिर्फ मीटिंग कर रहा है.

यह तश्वीर है वाराणसी से सटे मढ़िया गांव स्थित विद्या नगर कालोनी की. जहां बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया. कई मकान बाढ़ के पानी से प्रभावित है जिसमें सैकड़ो की संख्या में लोग फंसे है. घरों में पानी जाने के चलते घर गृहस्थी के सामान तो खराब हो ही रहे है. लोगों को भोजन की दिक्कत ही रही है. उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. मजबूरन लोग यहां से धीरे-धीरे पलायन कर रहे हैं.

गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पार
इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में भी हालात बद बदतर है. पड़ाव इलाके के एक दर्जन से ज्यादा गांव प्रभवित है. गंगा का पानी घरों के साथ ही खेतों में घुस गया. इसके चलते फसल जलमग्न और अत्यधिक पानी भर जाने के चलते फसल खराब हो रही है. वहीं आधा दर्जन से ज्यादा कच्चे व पुराने मकान जमींदोज हो रहे है. बाढ़ के कारण लोगों को जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लोगों चार-चार फीट पानी से होकर गुजर रहे है. लेकिन, यहां न तो बाढ़ चौकी बनी है और न ही नाव की कोई व्यवस्था है. लोगों के सामने रोजगार की भी समस्या खड़ी हो गई है.यह भी पढ़ें:बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, संस्था के खिलाफ मिली शिकायत


हद तो तब हो गई जब इस बाढ़ की विभीषिका झेल रहे लोगों तक सरकारी अमला और उनकी मदद लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है. जिला प्रशासन अभी सिर्फ अलर्ट मोड में आने के मीटिंग कर रहा है. लोगों का आरोप है कि पिछले 4 दिनों से बाढ़ की विभीषिका के बीच लोग परेशान हैं, लेकिन जिला प्रशासन का कोई भी कर्मचारी अब तक राहत बचाव के अलावा भोजन दवाई लेकर उन तक नहीं पहुंच सका है.


यह भी पढ़ें:औरैया में खतरे के निशान से 5 मीटर ऊपर बह रही यमुना, 12 से अधिक गांवों से टूटा संपर्क

चंदौली: पहाड़ी इलाकों हो रही भारी बारिश के चलते गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा(Ganga water level increasing) है. गंगा नदी ने खतरे के निशान को भी पार कर लिया.जिससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का संकट गहरा(flood in chandauli) गया है. गंगा का पानी अब गांवों के साथ ही लोगों के घरों तक मे घुस गया है. वहीं सैकड़ो बीघा फसल जलमग्न हो गई. बाढ़ की विभीषिका के बीच ग्रामीण इलाकों में जहां संकट की स्थिति है वहीं, कालोनियों से लोग पलायन कर रहे है. आंकड़ों की बात करे मुग़लसराय और सकलडीहा के तहसील के करीब 5 दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में है. वहीं, जिला प्रशासन राहत व बचाव की बजाय सिर्फ मीटिंग कर रहा है.

यह तश्वीर है वाराणसी से सटे मढ़िया गांव स्थित विद्या नगर कालोनी की. जहां बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया. कई मकान बाढ़ के पानी से प्रभावित है जिसमें सैकड़ो की संख्या में लोग फंसे है. घरों में पानी जाने के चलते घर गृहस्थी के सामान तो खराब हो ही रहे है. लोगों को भोजन की दिक्कत ही रही है. उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. मजबूरन लोग यहां से धीरे-धीरे पलायन कर रहे हैं.

गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पार
इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में भी हालात बद बदतर है. पड़ाव इलाके के एक दर्जन से ज्यादा गांव प्रभवित है. गंगा का पानी घरों के साथ ही खेतों में घुस गया. इसके चलते फसल जलमग्न और अत्यधिक पानी भर जाने के चलते फसल खराब हो रही है. वहीं आधा दर्जन से ज्यादा कच्चे व पुराने मकान जमींदोज हो रहे है. बाढ़ के कारण लोगों को जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लोगों चार-चार फीट पानी से होकर गुजर रहे है. लेकिन, यहां न तो बाढ़ चौकी बनी है और न ही नाव की कोई व्यवस्था है. लोगों के सामने रोजगार की भी समस्या खड़ी हो गई है.यह भी पढ़ें:बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, संस्था के खिलाफ मिली शिकायत


हद तो तब हो गई जब इस बाढ़ की विभीषिका झेल रहे लोगों तक सरकारी अमला और उनकी मदद लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है. जिला प्रशासन अभी सिर्फ अलर्ट मोड में आने के मीटिंग कर रहा है. लोगों का आरोप है कि पिछले 4 दिनों से बाढ़ की विभीषिका के बीच लोग परेशान हैं, लेकिन जिला प्रशासन का कोई भी कर्मचारी अब तक राहत बचाव के अलावा भोजन दवाई लेकर उन तक नहीं पहुंच सका है.


यह भी पढ़ें:औरैया में खतरे के निशान से 5 मीटर ऊपर बह रही यमुना, 12 से अधिक गांवों से टूटा संपर्क

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.