चंदौलीः धानापुर पुलिस और स्वाट टीम ने सेना भर्ती के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने गैंग के सरगना समेत छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. पता चला है कि गैंग के सदस्य सेना में भर्ती कराने के नाम पर युवाओं से मोटी रकम वसूलते थे.
अभी तक इन्होंने 50 लाख रुपये से अधिक की ठगी अंजाम दी है. पुलिस ने इनके पास से भारी मात्रा में कूटरचित दस्तावेज, सेना की फर्जी मोहर, चेक बुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, दो 32 बोर कंट्रीमेड पिस्टल और पांच कारतूस बरामद किए हैं. सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
पुलिस को इस गैंग का तब पता चला जब गाजीपुर के कुछ युवा फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर सेना के कैंप आफिस में पहुंच गए. जांच के बाद सभी को जेल भेज दिया गया. पड़ताल में मुख्य अभियुक्त रविकांत यादव का नाम सामने आया. पता चला कि यह फर्जी सेना का अधिकारी बनकर युवाओं को जाल में फंसाता है. उसके खिलाफ गोरखपुर, जबलपुर और मध्य़प्रदेश में रिपोर्ट दर्ज है.
पुलिस को पता चला कि मुख्य अभियुक्त ने सेना की वर्दी में अपनी फोटो खिंचवा रखी थी. उसने अपने गांव समेत आसपास बता रखा था कि वह आर्मी में है और अभी छुट्टी पर आया हुआ है.
सेना भर्ती की तैयारी करने वाले लड़कों को वह उत्साहित करता था. साथ ही वह भरोसा देता था कि वह सेना में भर्ती करा देगा. मेडिकल और लिखित परीक्षा आसानी से पास करवा देगा. इसके एवज में वह मोटी रकम वसूलता था.
चंदौली पुलिस की जांच में सेना के कुछ लोगों के नाम भी प्रकाश में आए हैं. इस बारे में मिलिट्री इंटेलिजेंस को बता दिया गया है. इस बाबत पुलिस अधीक्षक अमित कुमार का कहना है कि फर्जी सेना का अधिकारी बनकर भर्ती कराने वाले गैंग का खुलासा किया गया है. इसकी विवेचना जारी है. कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं.