चंदौली: जिले के अपर पुलिस अधीक्षक चिंरजीवी मुखर्जी (Additional Superintendent of Police Chiranjeevi Mukherjee) के खिलाफ पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने जांच कराने की मांग की है. इसको लेकर अमिताभ ठाकुर ने DGP तथा गृह सचिव को एक शिकायती पत्र भेजा है. मामला एक निजी वाहन के दुर्घटना में क्षतिग्रस्त होने से जुड़ा है, जिसकी मरम्मत के लिए सिपाही से 15 हजार की पेमेंट कराने का विवाद है. अमिताभ ठाकुर का आरोप है कि एएसपी ने सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी के दौरान अपने निजी काम में लिया है. वहीं, एएसपी चिरंजीवी मुखर्जी (ASP Chiranjeevi Mukherjee) ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सरकार और उसके मुलाजिम को बदनाम करने की साजिश बताया.
पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर के शिकायती पत्र के मुताबिक, चंदौली में तैनात अपर पुलिस अधीक्षक चिरंजीवी मुखर्जी कुछ दिनों पहले अवकाश पर लखनऊ जा रहे थे. उन्हें इस दौरान अपने लखनऊ स्थित आवास के लिए एयर कंडीशनर भी ले जाना था. लखनऊ से चंदौली (Lucknow to Chandauli) जाने के लिए एक बिल्डर की सेवाएं ली गईं, जिन्होंने एक लग्जरी गाड़ी अफसर को उपलब्ध कराई. अफसर के वाहन को चलाने के लिए पुलिस लाइन के एक ड्राईवर को भी बिना अवकाश के भेज दिया गया. जौनपुर शहर से कुछ आगे जाने पर एएसपी का वाहन की दूसरे वाहन से टक्कर हो गई, जिससे गाड़ी को भारी क्षति पहुंची.
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एक्सीडेंट की सूचना मिलने पर बिल्डर ने पुलिस अफसर को गाड़ी को मूल रूप में वापस करने को कहा, अफसर ने उस क्षतिग्रस्त गाड़ी को वाराणसी स्थित एक वर्कशॉप में भिजवाया. वाहन की मरम्मत कराने में कुल 85 हजार रुपये खर्च आया, जिसमें 15 हजार रुपये पुलिस ड्राईवर ने ऑनलाइन दिए. अमिताभ ठाकुर ने इस मामले की उच्चस्तीय जांच कराने की मांग की है.
इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक चिरंजीवी मुखर्जी ने इन आरोपों को बुनियाद करार देते हुए कहा कि उनका चंदौली से विशेष लगाव है. हम शासन की मंशा के अनुरूप काम कर रहे हैं. पशु और शराब तस्करी जैसे संगठित अपराध पर प्रभावी नियंत्रण कर रहे हैं. पुलिस की इस सख्ती से कुछ लोगों को दिक्कत हो रही है. वहीं, लोग मनगढ़ंत तरीके से कहानी बनाकर बेबुनियाद आरोप- प्रत्यारोप लगा रहे हैं. पहले भी इन लोगों ने गलत काम में आड़े आ रहे तत्कालीन मुगलसराय कोतवाल के लिए खिलाफ साजिश रचकर हटवाया. उनका साजिश का यह क्रम लगातार जारी है.
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