चन्दौली: परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती में फर्जीवाड़े का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर निकला है. पिछली सरकारों में फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग बर्खास्तगी के बाद अब मुकदमा दर्ज किए जाने की कार्रवाई में जुटी है.इसी क्रम में बेसिक शिक्षा विभाग जिले में तैनात 12 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच के बाद पिछले दिनों बर्खास्तगी की कार्रवाई की थी. अब बीएसए ने संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के भी निर्देश दिए हैं.
दरअसल शासन के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त हुए शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया था. इनमें 12 शिक्षकों के बीएड के प्रमाण पत्र फर्जी मिले थे. जिसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी भोलेन्द्र प्रताप सिंह ने सभी संबंधित एबीएसए को इन शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने निर्देश दिए है.
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इन शिक्षकों के ऊपर होगी FIR
सदर विकास खंड के कांटा में तैनात रामप्रकाश यादव, हथियानी में तैनात गीतांजलि यादव, नौगढ़ के लोहरा में तैनात राम अवध यादव, बरहनी के महारानी में तैनात राकेश कुमार यादव, रेवसां में तैनात पंकज वर्मा, चकिया के पर्वतपुर में तैनात अनिल कुमार यादव, इंद्रपुरवा में तैनात दर्शन सिंह, नियामताबाद के कठौरी में तैनात रेशमा यादव, सकलडीहा के रानेपुर में तैनात सलमा बानो, डेढ़गांवा में तैनात बंदना सिंह, उकनी बिस्मराय में तैनात विनय कुमार यादव और चहनियां के बरईपुर में तैनात सरिता यादव के नाम शामिल हैं. इन सभी के खिलाफ संबंधित एबीएसए की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है.
साल 2010 के बाद से जो शिक्षक भर्तियां हुई हैं. जिसके लिए शासन स्तर से त्रिस्तरीय कमेटी गठित की गई थी, जिसको 2010 के बाद से हुई भर्तियों की जांच करनी थी. इसके अलावा एसआईटी द्वारा भी डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के सत्र 2004-2005की बीएड की डिग्रियां फर्जी पाई गई थी. जिसके बाद शिक्षकों की सेवा समाप्ति की कार्रवाई की गई थी. अब इन शिक्षकों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है.
- भोलेन्द्र प्रताप सिंह, बीएसए