चन्दौली: जिले में किसानों की आय बढ़ाने के लिए अभिनव प्रयोग के तौर पर ब्लैक राइस की खेती की गई थी, जो अब सफल होती दिखाई दे रही है. इसी के तहत धान के कटोरे में औषधीय गुणों से परिपूर्ण ब्लैक राइस की उत्तम किस्म पैदा की जा रही है और इसी लेकर जिला प्रशासन अब इस इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग में जुटा है, ताकि किसानों को उनकी मेहनत अच्छा मूल्य मिल सके.
कृषि विभाग ने शुक्रवार को ब्लैक राइस किसानों और उद्यमियों का एक सेमिनार आयोजित किया था. जिसमें देश के दूरदराज से आए हुए मल्टीनेशनल कंपनियों के उद्यमियों ने शिरकत की. जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित इस सम्मेलन सैकड़ों की संख्या में ब्लैक राइस के उत्पादक पहुंचे.
इस मौके पर दिल्ली समेत तमाम दूरदराज उद्यमी भी इस सेमिनार में शिरकत करने पहुंचे थे. इस दौरान कृषि वैज्ञानिक और कृषि विभाग के अधिकारियों ने ब्लैक राइस की खूबियों को गिनाया. साथ ही किसानों से इसकी खरादने की बात भी कही. ब्लैक राइस एंटी ऑक्सीडेंट के गुणों से भरपूर होते हैं और हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार होते हैं. वहीं ब्लैक राइस मधुमेह और कैंसर के अलावा दिल के रोग से भी रक्षा करता है.
अन्य चावल की तुलना में ब्लैक राइस में जिंक, आयरन, फाइबर और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर के लिए सेहतमंद भी है. वहीं ब्लैक इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह चावल सुगर फ्री है. जिसे मधुमेह के रोगी भी खा सकते है. सेमिनार में शिरकत करने पहुंचे सुनहरी इंटरप्राइजेज के रिप्रेजेंटेटिव विनय जिन्दल के बताया कि इस सेमिनार में आकर अच्छा लगा. कृषि अधिकारियों और किसानों से बात हुई. बातचीत के दौरान यह लगा कि यहां के किसान जैविक तरीके से ब्लैक राइस की उपज कर रहे हैं. हम यहां से सैम्पल लेकर जा रहे हैं और अगले महीने दुबई, कतर समेत पूर्व मध्य के देशों में विजिट करेंगे और ब्लैक राइस की मार्केटिंग करेंगे.
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