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चंदौली: सेमिनार का आयोजन, ब्लैक राइस की खरीदारी पर हुई चर्चा

यूपी के चन्दौली में एक सेमिनार का आयोजन किया गया, जहां ब्लैक राइस की पैदावार को लेकर चर्चा हुई. इस सेमिनार में किसानों समेत नामचीन उद्यमियों ने शिरकत की.

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सेमिनार का किया गया आयोजन
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Published : Nov 30, 2019, 12:47 PM IST

Updated : Nov 30, 2019, 1:07 PM IST

चन्दौली: जिले में किसानों की आय बढ़ाने के लिए अभिनव प्रयोग के तौर पर ब्लैक राइस की खेती की गई थी, जो अब सफल होती दिखाई दे रही है. इसी के तहत धान के कटोरे में औषधीय गुणों से परिपूर्ण ब्लैक राइस की उत्तम किस्म पैदा की जा रही है और इसी लेकर जिला प्रशासन अब इस इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग में जुटा है, ताकि किसानों को उनकी मेहनत अच्छा मूल्य मिल सके.

कृषि विज्ञान केंद्र में सेमिनार का किया गया आयोजन.

कृषि विभाग ने शुक्रवार को ब्लैक राइस किसानों और उद्यमियों का एक सेमिनार आयोजित किया था. जिसमें देश के दूरदराज से आए हुए मल्टीनेशनल कंपनियों के उद्यमियों ने शिरकत की. जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित इस सम्मेलन सैकड़ों की संख्या में ब्लैक राइस के उत्पादक पहुंचे.

इस मौके पर दिल्ली समेत तमाम दूरदराज उद्यमी भी इस सेमिनार में शिरकत करने पहुंचे थे. इस दौरान कृषि वैज्ञानिक और कृषि विभाग के अधिकारियों ने ब्लैक राइस की खूबियों को गिनाया. साथ ही किसानों से इसकी खरादने की बात भी कही. ब्लैक राइस एंटी ऑक्सीडेंट के गुणों से भरपूर होते हैं और हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार होते हैं. वहीं ब्लैक राइस मधुमेह और कैंसर के अलावा दिल के रोग से भी रक्षा करता है.

अन्य चावल की तुलना में ब्लैक राइस में जिंक, आयरन, फाइबर और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर के लिए सेहतमंद भी है. वहीं ब्लैक इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह चावल सुगर फ्री है. जिसे मधुमेह के रोगी भी खा सकते है. सेमिनार में शिरकत करने पहुंचे सुनहरी इंटरप्राइजेज के रिप्रेजेंटेटिव विनय जिन्दल के बताया कि इस सेमिनार में आकर अच्छा लगा. कृषि अधिकारियों और किसानों से बात हुई. बातचीत के दौरान यह लगा कि यहां के किसान जैविक तरीके से ब्लैक राइस की उपज कर रहे हैं. हम यहां से सैम्पल लेकर जा रहे हैं और अगले महीने दुबई, कतर समेत पूर्व मध्य के देशों में विजिट करेंगे और ब्लैक राइस की मार्केटिंग करेंगे.

पढ़ें: चन्दौली में नहीं बंद हुआ ओवरलोडिंग का खेल तो होगी कार्रवाई: ऊर्जा राज्य मंत्री

चन्दौली: जिले में किसानों की आय बढ़ाने के लिए अभिनव प्रयोग के तौर पर ब्लैक राइस की खेती की गई थी, जो अब सफल होती दिखाई दे रही है. इसी के तहत धान के कटोरे में औषधीय गुणों से परिपूर्ण ब्लैक राइस की उत्तम किस्म पैदा की जा रही है और इसी लेकर जिला प्रशासन अब इस इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग में जुटा है, ताकि किसानों को उनकी मेहनत अच्छा मूल्य मिल सके.

कृषि विज्ञान केंद्र में सेमिनार का किया गया आयोजन.

कृषि विभाग ने शुक्रवार को ब्लैक राइस किसानों और उद्यमियों का एक सेमिनार आयोजित किया था. जिसमें देश के दूरदराज से आए हुए मल्टीनेशनल कंपनियों के उद्यमियों ने शिरकत की. जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित इस सम्मेलन सैकड़ों की संख्या में ब्लैक राइस के उत्पादक पहुंचे.

इस मौके पर दिल्ली समेत तमाम दूरदराज उद्यमी भी इस सेमिनार में शिरकत करने पहुंचे थे. इस दौरान कृषि वैज्ञानिक और कृषि विभाग के अधिकारियों ने ब्लैक राइस की खूबियों को गिनाया. साथ ही किसानों से इसकी खरादने की बात भी कही. ब्लैक राइस एंटी ऑक्सीडेंट के गुणों से भरपूर होते हैं और हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार होते हैं. वहीं ब्लैक राइस मधुमेह और कैंसर के अलावा दिल के रोग से भी रक्षा करता है.

अन्य चावल की तुलना में ब्लैक राइस में जिंक, आयरन, फाइबर और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर के लिए सेहतमंद भी है. वहीं ब्लैक इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह चावल सुगर फ्री है. जिसे मधुमेह के रोगी भी खा सकते है. सेमिनार में शिरकत करने पहुंचे सुनहरी इंटरप्राइजेज के रिप्रेजेंटेटिव विनय जिन्दल के बताया कि इस सेमिनार में आकर अच्छा लगा. कृषि अधिकारियों और किसानों से बात हुई. बातचीत के दौरान यह लगा कि यहां के किसान जैविक तरीके से ब्लैक राइस की उपज कर रहे हैं. हम यहां से सैम्पल लेकर जा रहे हैं और अगले महीने दुबई, कतर समेत पूर्व मध्य के देशों में विजिट करेंगे और ब्लैक राइस की मार्केटिंग करेंगे.

पढ़ें: चन्दौली में नहीं बंद हुआ ओवरलोडिंग का खेल तो होगी कार्रवाई: ऊर्जा राज्य मंत्री

Intro:चन्दौली - एस्पेरेशनल डिस्ट्रिक्ट चंदौली में किसानों की आय बढ़ाने के लिए अभिनव प्रयोग के तौर पर ब्लैक राइस की खेती की गई थी. जो अब सफल होती दिखाई दे रही है. धान के कटोरे में औसधीय गुणों से परिपूर्ण ब्लैक राइस की उत्तम किस्म धान पैदा की जा रही है. अब जिला प्रशासन इस इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग में जुटा है. ताकि किसानों को उनकी मेहनत अच्छा मूल्य मिल सके. जिसके तहत कृषि विभाग ने आज ब्लैक राइस किसानों और उद्यमियों का सेमिनार आयोजित किया था. जिसमें देश के दूरदराज से मल्टीनेशनल कंपनियों के उद्यमियों ने शिरकत की.साथ ही किसान की उपज को उचित मूल्य का भुगतना कर खरीदने की बात कही.


Body:कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित इस सम्मेलन सैकड़ो की संख्या में ब्लैक राइस के उत्पादक पहुँचे. तो वहीं दिल्ली समेत तमाम दूरदराज उद्यमी भी इस सेमिनार में शिरकत करने पहुँचे थे. इस दौरान कृषि वैज्ञानिक और कृषि विभाग के अधिकारियों ने ब्लैक राइस की खूबियों को गिनाया. साथ ही किसानों से इसकी खरादने की बात कही.

ब्लैक राइस एंटी ऑक्सीडेंट के गुणों से भरपूर होते है. जो कि हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार होते है. जो मधुमेह और कैंसर के अलावा दिल के रोग से भी रक्षा करता है. यही नहीं अन्य चावल की तुलना में ब्लैक राइस में जिंक, आयरन, फाइबर और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर के लिए सेहतमंद भी है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह चावल सुगर फ्री है. जिसे मधुमेह के रोगी भी खा सकते है. अपने इन्ही गुणों के चलते बेहद खास है.

सेमिनार में शिरकत करने पहुँचे सुनहरी इंटरप्राइजेज के रिप्रेजेंटेटिव विनय जिन्दल के बताया कि इस सेमिनार में आकर अच्छा लगा. कृषि अधिकारियों और किसानों से बात हुई. बातचीत के दौरान यह लगा कि यहां के किसान जैविक तरीके से ब्लैक राइस की उपज कर रहे है. हम यहां से सेम्पल लेकर जा रहे है. और अगले महीने दुबई कटर समेत पूर्व मध्य के देशों में विजिट करेंगे इसकी मार्केटिंग को लेकर. हमलोगों का यह प्रयास होगा किसानों का जितना भी माल है सब खरीद सकें.

अन्य उद्यमी रोहित जैन ने बताया कि अन्य लोग इसके एक्सपोर्ट की बात कर रहे है. लेकिन सबसे बड़ा उपभोक्ता भारत खुद है. जिस तरह से जीवन शैली बदल रही है. यह चावल आपकी भोजन का हिस्सा हो जाना चाहिए. जो कि औसधीय गुणों से परिपूर्ण है. और पूरी तरह जैविक भी है. शहरी और नगरीय क्षेत्रों में इसका बड़ा बाजार में इसे प्रमोट करना चाहते है. हम इसे स्पेंसर, बिग बाजार के साथ टाइअप करके सीधे किसान के खेतों से उसकी खरीद करना चाहते है.

वहीं कृषि विभाग की ओर से आयोजित इस सेमिनार में आये उद्यमियों और उसकी प्रतिक्रिया से किसान उत्साहित है. इसे सफल बता रहे है. उनका मानना है कि अगर इसके मार्केटिंग की व्यवस्था हो जाये तो किसानों की आय दोगुनी नहीं बल्कि कई गुना बढ़ जाएगी. उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इसका लाभ दिखने लगेगा. साथ ही उन्होंने जिला स्तरीय ब्लैक राइस क्रय केंद्र बनाए जाने की बात कही की सरकार की तरफ अन्य धान की तरह इसका भी एक क्रय केंद्र खुल जाय जहां किसान अपना अनाज बेच सके.


बाइट - विनय जिन्दल (उद्यमी)
बाइट - रोहित जैन (उद्यमी)
बाइट - संतोष मिश्रा (किसान)


Conclusion:kamalesh giri
chandauli
9452845730

note - इससे संबंधित बाइट सेम स्लग से व्रैप से भेजी गई है.
Last Updated : Nov 30, 2019, 1:07 PM IST
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