ETV Bharat / state

चंदौली: ईटीवी भारत ने रैन बसेरों का किया रियलिटी चेक, सड़कों पर रात बिताते दिखे लोग - municipality wrote letter to drm

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में ईटीवी भारत ने रैन बसेरों को रियलिटी चेक किया. इस दौरान गरीब, असहाय और रिक्शे वाले भयंकर ठंड के बीच सड़कों पर रात बिताते दिखे. लाल बहादुर शास्त्री पार्क में एक रैन बसेरा बनाया गया है, जिसमें दस लोग ही रह सकते हैं. ऐसे में लोग खुले में रात व्यतीत करने के लिए मजबूर हैं.

etv bharat
रैन बसेरों का किया रियलिटी चेक.
author img

By

Published : Jan 10, 2020, 4:59 PM IST

चंदौली: जिले में अधिकारियों की लापरवाही भीषण सर्दी में गरीब और बेसहाय लोगों पर भारी पड़ रही है. रेल अधिकारियों की ओर से सर्कुलेटिंग एरिया में नगर पालिका को अस्थाई रैन बसेरा बनाने की इजाजत नहीं मिली. इसके कारण ऑटो चालक, रिक्शा चालक से लेकर लोग खुले आसमान के नीचे अपनी रात बिताने को मजबूर हैं.

ईटीवी भारत ने रैन बसेरों का किया रियलिटी चेक.

नगर पालिका की ओर से अलीनगर में बनाया गया रैन बसेरा इतना दूर है, कि लोग वहां पहुंच नहीं पा रहे हैं. हालांकि लाल बहादुर शास्त्री पार्क में एक रैन बसेरा जरूर बनाया गया है, लेकिन जगह कम होने के चलते वह भी नाकाफी साबित हो रहा है.

हाड़ कंपा देने वाली इस ठंड में लोगों का जीना मुहाल हो गया है. दीनदयाल नगर में सड़क किनारे जीवन यापन करने वाले लोगों सहित यात्रियों की सुविधाओं के लिए रैन बसेरा बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से लोग ठंड में रात गुजारने को मजबूर हैं.

रेल मंडल प्रबंधक ने नहीं दी इजाजत
नगरपालिका की ओर से हर वर्ष रेलवे के सर्कुलेटिंग एरिया में अस्थाई रैन बसेरा बनाया जाता था. इस बार भी पालिका की ओर से रैन बसेरा बनाए जाने के लिए डीआरएम को पत्र लिखकर इसकी इजाजत मांगी गई थी, लेकिन अब तक रेल मंडल प्रबंधक की तरफ से इजाजत नहीं दी गई. मजबूरन रिक्शा चालकों को फटे पुराने कम्बल अपनी रात बिताते हैं.

डूडा की तरफ से 4 किलोमीटर दूर अलीनगर में डेढ़ करोड़ की लागत से रैन बसेरा बनाया गया है, लेकिन नगर से अत्यधिक दूरी होने के चलते वहां लोग पहुंच नहीं रहे हैं. इसके कारण सड़कों पर रात बिताने वाले लोग सर्द हवाओं के बीच ठंड में रात गुजारने को मजबूर हैं.

इसे भी पढ़ें- मौसम अपडेटः आज भी न मिलेगी सर्द हवाओं से राहत

कुछ सालों पहले इन रिक्शा स्टैंड पर भी अस्थाई रैन बसेरा बनाया जाता था, लेकिन अब वह भी बंद हो गया. लाल बहादुर शास्त्री पार्क स्थित रैन बसेरे में महज 10 लोगों के लिये ही जगह है, जहां वे रह नहीं सकते हैं. सर्द रातों में सड़कों पर जीवन यापन करने वाले लोगों का सहारा अलाव भी आधी रात के बाद ही साथ छोड़ देता है.

चंदौली: जिले में अधिकारियों की लापरवाही भीषण सर्दी में गरीब और बेसहाय लोगों पर भारी पड़ रही है. रेल अधिकारियों की ओर से सर्कुलेटिंग एरिया में नगर पालिका को अस्थाई रैन बसेरा बनाने की इजाजत नहीं मिली. इसके कारण ऑटो चालक, रिक्शा चालक से लेकर लोग खुले आसमान के नीचे अपनी रात बिताने को मजबूर हैं.

ईटीवी भारत ने रैन बसेरों का किया रियलिटी चेक.

नगर पालिका की ओर से अलीनगर में बनाया गया रैन बसेरा इतना दूर है, कि लोग वहां पहुंच नहीं पा रहे हैं. हालांकि लाल बहादुर शास्त्री पार्क में एक रैन बसेरा जरूर बनाया गया है, लेकिन जगह कम होने के चलते वह भी नाकाफी साबित हो रहा है.

हाड़ कंपा देने वाली इस ठंड में लोगों का जीना मुहाल हो गया है. दीनदयाल नगर में सड़क किनारे जीवन यापन करने वाले लोगों सहित यात्रियों की सुविधाओं के लिए रैन बसेरा बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से लोग ठंड में रात गुजारने को मजबूर हैं.

रेल मंडल प्रबंधक ने नहीं दी इजाजत
नगरपालिका की ओर से हर वर्ष रेलवे के सर्कुलेटिंग एरिया में अस्थाई रैन बसेरा बनाया जाता था. इस बार भी पालिका की ओर से रैन बसेरा बनाए जाने के लिए डीआरएम को पत्र लिखकर इसकी इजाजत मांगी गई थी, लेकिन अब तक रेल मंडल प्रबंधक की तरफ से इजाजत नहीं दी गई. मजबूरन रिक्शा चालकों को फटे पुराने कम्बल अपनी रात बिताते हैं.

डूडा की तरफ से 4 किलोमीटर दूर अलीनगर में डेढ़ करोड़ की लागत से रैन बसेरा बनाया गया है, लेकिन नगर से अत्यधिक दूरी होने के चलते वहां लोग पहुंच नहीं रहे हैं. इसके कारण सड़कों पर रात बिताने वाले लोग सर्द हवाओं के बीच ठंड में रात गुजारने को मजबूर हैं.

इसे भी पढ़ें- मौसम अपडेटः आज भी न मिलेगी सर्द हवाओं से राहत

कुछ सालों पहले इन रिक्शा स्टैंड पर भी अस्थाई रैन बसेरा बनाया जाता था, लेकिन अब वह भी बंद हो गया. लाल बहादुर शास्त्री पार्क स्थित रैन बसेरे में महज 10 लोगों के लिये ही जगह है, जहां वे रह नहीं सकते हैं. सर्द रातों में सड़कों पर जीवन यापन करने वाले लोगों का सहारा अलाव भी आधी रात के बाद ही साथ छोड़ देता है.

Intro:चंदौली - एक तरफ सीएम योगी खुद रैन बसेरा का रियल्टी चेक कर रहे है. वहीं भीषण ठंड में अधिकारियों की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है. एक तरफ रेल अधिकारियों की ओर से सर्कुलेटिंग एरिया में नगर पालिका को अस्थाई रैन बसेरा बनाने की इजाजत नहीं मिली. तो वहीं ऑटो चालक रिक्शा चालक से लेकर घुमंतू लोग खुले आसमान के नीचे अपनी रात बिता रहे हैं. जबकि नगर पालिका की ओर से अलीनगर में बनाया गया रैन बसेरा इतना दूर है. कि लोग वहां पहुंच नहीं पा रहे हैं. हालांकि लाल बहादुर शास्त्री पार्क में एक रैन बसेरा जरूर बनाया गया है. लेकिन जगह कम होने के चलते नाकाफी साबित हो रहा है.


Body:हाड़ कंपा देने वाली ठंड में लोगों का जीना मुहाल हो गया है. दीनदयाल नगर में सड़क किनारे जीवन यापन करने वाले लोगों सहित यात्रियों की सुविधाओं के लिए रैन बसेरा बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से लोग ठंड में रात गुजारने को विवश हैं.

नगरपालिका की ओर से हर वर्ष रेलवे के सर्कुलेटिंग एरिया में अस्थाई रैन बसेरा बनाया जाता था. इस बार भी पालिका की ओर से रन बसेरा बनाए जाने के लिए डीआरएम को पत्र लिखकर इसकी इजाजत मांगी गई थी. लेकिन अब तक रेल मंडल प्रबंधक की तरफ से इजाजत नहीं दी गई.

सड़कों पर रात बिताने वाले लोग सर्द हवाओं के बीच ठंड में रात गुजारने को मजबूर हैं. वही डूडा की तरफ से 4 किलोमीटर दूर अलीनगर में डेढ़ करोड़ की लागत से रेन बसेरा बनाया गया है. लेकिन नगर से अत्यधिक दूरी होने के चलते वहां लोग पहुंच नहीं रहे हैं.

यहीं नहीं सर्द रातों में सड़कों पर जीवन यापन करने वाले लोगों का सहारा अलाव भी आधी रात के बाद साथ छोड़ देता है. मजबूरन रिक्शा चालकों को उसी फटे पुराने कम्बल अपनी रात बिताते हैं.

गौरतलब है कि कुछ सालों पहले इन रिक्शा स्टैंड पर भी अस्थाई रैन बसेरा बनाया जाता था. लेकिन अब वो भी बंद हो गया. जबकि लाल बहादुर शास्त्री पार्क स्थित रैन बसेरा में मात्र 10 लोगों के लिये ही जगह है. जहां वे रह नहीं सकते है.

वॉक थ्रू कमलेश


Conclusion:kamalesh giri
chandauli
9452845730
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.