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चुनाव तो जीते लेकिन मौत से हार गए 11 प्रत्याशी - यूपी में पंचायत चुनाव

उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव के परिणाम में इस बार कुछ दर्दभरी घटनाएं भी सामने आईं. कुछ प्रत्याशियों की जीत तब हुई, जब वे इस दुनिया से जा चुके थे.

पंचायत चुनाव
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Published : May 3, 2021, 5:20 PM IST

Updated : May 4, 2021, 5:21 PM IST

प्रदेश के पंचायत चुनाव की मतगणना चल रही है. तमाम स्थानों पर परिणाम घोषित हो चुके हैं. दुख की बात ये है कि कई प्रत्याशियों के घर जीत के बाद भी मातम पसरा है. जीतने से पहले ही तमाम लोग दुनिया से विदा हो गए. प्रदेश के ग्राम प्रधान चुनाव के दस और जिला पंचायत सदस्य के एक सदस्य की चुनाव परिणाम आने से पहले ही मौत हो गई. ये सभी चुनाव में जीत गए लेकिन मौत से हारने के बाद. पेश है पूरी जानकारी...

चंदौलीः चुनाव में जीत की खबर आती, इससे पहले ही नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान की मौत हो गई. मामला चंदौली जिले के धानापुर ब्लॉक के किशुनपुरा गांव का है. यहां रविवार की शाम को नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान वीरेंद्र उर्फ रामविलास यादव (55) की हृदयगति रुकने से मौत हो गई. दुखद यह कि जिस समय वीरेंद्र यादव की मौत हुई, उसी समय उनकी बेटी की बारात भी दरवाजे पर आई थी. किसी तरह सादगी से शादी की रस्म पूरी हुई. बाद में मतगणना में वीरेंद्र यादव को विजेता घोषित किया गया.

यह है पूरा मामला
बताया जा रहा है कि किशुनपुरा गांव निवासी ग्राम प्रधान पद के उम्मीदवार वीरेंद्र यादव कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. घर पर ही इलाज चल रहा था. रविवार को उनकी बेटी की शादी थी और पंचायत चुनाव की मतगणना भी. दरवाजे पर जैसे ही बारात आई तकरीबन उसी समय वीरेंद्र यादव की मौत हो गई. घर में जैसे कोहराम मच गया. एक तरफ बेटी की शादी की खुशी, दूसरी तरफ वीरेंद्र यादव की मौत का भारी गम. आनन - फानन में सादगी से शादी हुई. वहीं कुछ ही घंटों बाद किशुनपुरा गांव की मगणना पूरी हुई और वीरेंद्र यादव को विजेता घोषित किया गया. इसके पहले ही वीरेंद्र यादव की सांसें थम चुकी थीं. परिवार के लोगों ने सुबह उनका अंतिम संस्कार कर दिया. इस हृदय विदाकर घटना की गांव सहित क्षेत्र में चर्चा होती रही.

जब सिर पर जीत का सेहरा बंधा तो दुनिया से चल बसी
मैनपुरी के ग्राम पंचायत चुनाव में भी दुखद घटना देखने को मिली. जब सिर पर जीत का सेहरा बंधा तो प्रधान पद प्रत्याशी दुनिया से चल बसी. मामला मैनपुरी की कुरावली ब्लॉक की ग्राम पंचायत नगला ऊसर का है. यहां प्रधान पद का चुनाव लड़ने वाली एक महिला प्रत्याशी की तीन दिन पहले मौत हो गई. सोमवार को जब चुनाव परिणाम आया तो पता चला कि मृतका चुनाव जीत गई है.
मैनपुरी की ग्राम पंचायत नगला ऊसर से प्रधान पद के लिए पिंकी देवी पत्नी सुभाष चंद्र ने पर्चा दाखिल किया था. बीते बुधवार को अचानक पिंकी की तबीयत खराब हो गई. सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजन पिंकी को लेकर आगरा के एक निजी अस्पताल पहुंचे. उपचार के लिए भर्ती कराया. पिंकी ने उपचार के दौरान ही दम तोड़ दिया. सोमवार को जब मतगणना हुई तो पिंकी देवी निर्वाचित घोषित हुईं. उन्हें कुल 388 वोट मिले, वहीं उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी चंद्रावती को 273 वोट मिले. ऐसे में पिंकी देवी ने 115 वोटों से विजय हासिल की, लेकिन उनकी मौत हो जाने से समर्थक और परिजन दुखी रहे. परिणाम आने के बाद सबकी आंखों से आंसू छलक रहे थे.

इसे भी पढ़ेंः टॉस से भी जब नहीं हुआ जीत-हार का फैसला तब पर्ची का लिया सहारा

समझ नहीं आया की खुश हों या दुखी
मिर्जापुर के लालगंज ब्लॉक में एक ग्रामसभा में प्रधान पद के प्रत्याशी की जीत की सूचना पर ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं. दरअसल, प्रत्याशी की एक मई को मौत हो गई थी. विकासखंड लालगंज के न्याय पंचायत गंगासायर व ग्रामसभा गंगा सायर के प्रधान पद के प्रत्याशी रामचंद्र मौर्य की 30 अप्रैल को तबीयत खराब हुई. परिजन अस्पताल ले गए. एक मई शनिवार को उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. चुनाव परिणाम सोमवार को आया तो प्रत्याशी की जीत हुई थी. गिनती कराने पहुंचे एजेंटों को समझ नहीं आ रहा था कि खुशी मनाएं या शोक.

तीन प्रत्याशी जीते, तीनों की मौत
वाराणसी जिले में कुदरत का अजब खेल दिखा. इस बार विकासखण्ड में तीन प्रत्याशियों को चुनाव में जीत मिली लेकिन दुर्भाग्यवश जीत हासिल करने वाले तीनों प्रत्याशी इस दुनिया मे नहीं रहे.

जानकारी के अनुसार सिरिस्ती गांव की महिला ग्राम प्रधान प्रत्याशी निर्मला का बीते 27 अप्रैल को निधन हो गया. रविवार को हुई मतगणना में उनकी जीत हुई. निकटतम प्रतिद्वंद्वी कृष्णा सिंह को 300 मतों से उन्होंने चुनाव हरा दिया. निर्मला के पति डॉ. अवधेश का कहना था कि चुनाव जीतकर भी जिंदगी की जंग हारना काफी कष्ट पहुंचाने वाला है.

इसी प्रकार शिवदशां के ग्राम प्रधान प्रत्याशी धर्मदेव यादव का मतगणना से दो दिन पहले यानी बीते 30 अप्रैल को आकस्मिक निधन हो गया. रविवार को हुई मतगणना में, वह लगभग 308 मतों से उन्हें विजयी घोषित किया गया. धर्मदेव यादव के चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने वाले देवेंद्र नारायण उर्फ बबलू सिंह, अजय नारायण यादव, मनोज विश्वकर्मा का कहना था कि चुनावी जंग में तो जीत हो गई लेकिन जिंदगी की जंग हारकर, हम सभी को हरा दिया.

जिला पंचायत के सेक्टर नं.4 से जिला पंचायत सदस्य पद पर चुनाव जीती सुशीला सोनकर की मृत्यु मतदान के दिन 19 अप्रैल को हो गई. सोमवार को हुई मतगणना के उपरांत सबसे अधिक मत पाकर भी जिला पंचायत सदस्य की लड़ाई में आगे आने वालीं सुशीला के सिर पर ताज नहीं बंध सका.

चुनाव में जीतने से पहले बीमारी से हारा
फर्रुखाबाद जिले में प्रधान पद के लिए खड़े प्रत्याशी बृजेश कुमार लोधे राजपूत की कुछ दिन पहले मौत हो गई. चुनाव परिणामों में उनकी जीत हुई. 45 वर्षीय बृजेश, ब्लॉक व कोतवाली मोहम्मदाबाद के ग्राम व ग्रामपंचायत रैसेपुर के निवासी थे. बृजेश ने प्रधानी का चुनाव लड़ा था. मतदान के बाद बुखार आने पर उन्हें जनपद मैनपुरी के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. उपचार के दौरान बृजेश की रात में मौत हो गई थी. परिजनों ने गांव में ही अंतिम संस्कार कर दिया. चुनाव परिणाम में बृजेश ने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी रामकिशोर शर्मा को 144 वोटों से हराया. बृजेश को 514 वोट मिले जबकि रामकिशोर को 370 मत मिले.

प्रधानी का चुनाव तो जीती पर जिंदगी की जंग हार गईं सविता देवी
अमरोहा के गंगेश्वरी ब्लॉक के गांव खनौरा में सविता देवी ने प्रधानी का चुनाव तो जीत लिया मगर जीत का दिन वह देख नहीं पाईं. उनकी बुखार ने उनकी जान ले ली. सविता की उम्र 35 वर्ष थी. सविता देवी 19 अप्रैल को मतदान करने के बाद, बुखार से पीड़ित हो गई थीं. उसके बाद सविता के परिजनों ने उनका काफी इलाज कराया मगर कोई फायदा नहीं हुआ. मतगणना से दो दिन पूर्व गांव में ही सविता की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई. रविवार को मतगणना के दौरान सविता ने चुनाव जीत लिया. उन्हें 396 मत मिले, जबकि मुख्य प्रतिद्वंद्वी प्रतिनिधि मुखिया को 169 वोट मिले. सविता ने 225 वोटों से जीत प्राप्त की, मगर वह यह खुशी का पल देख नहीं पाईं. सविता के 3 बच्चे भी हैं. इसमें दो बेटे और एक बेटी है. सामाजिक कार्य में सविता विशेष रुचि रखती थीं. सविता देवी ने वृद्ध आश्रम और मंदिर निर्माण के लिए भी अपनी निजी धनराशि देकर निर्माण कराया है.

रामेंद्र सिंह मौत से हारे, 21 वोटों से जीते
कन्नौज के जलालाबाद ब्लॉक क्षेत्र के उत्तिमापुर पट्टी ग्राम पंचायत से रामेंद्र सिंह प्रधान पद के उम्मीदवार थे. 19 अप्रैल को हुई मतदान प्रक्रिया के बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद जांच में वह कोरोना संक्रमित निकले थे. सही समय पर इलाज न मिलने की वजह से हार्ट अटैक के चलते 27 अप्रैल को उनका निधन हो गया. सोमवार को हुई वोटों की गिनती में रामेंद्र को 356 वोट मिले. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को 21 वोटों से शिकस्त दी, लेकिन वह जीत का प्रमाण पत्र लेने के लिए इस दुनिया में नहीं रहे. इससे पहले उमर्दा ब्लॉक के सखौली गांव में भी इसी तरह की घटना हो चुकी है. डीएम राकेश कुमार मिश्रा ने बताया जिले के उमर्दा ब्लॉक के सखौली ग्राम पंचायत व जलालाबाद ब्लॉक के उत्तिमापुर पट्टी ग्राम पंचायत में जिन प्रत्याशियों की जीत हुई है, उनकी शीघ्र ही मौत हो गई है. ऐसी स्थिति में वहां पुनर्मतदान की संभावना है. आयोग से निर्देश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

विजयलक्ष्मी ने जीत से पहले दुनिया को कहा अलविदा
लखनऊ में सरोजिनी नगर विकास खंड के ग्राम पंचायत सराय सहजादी पर प्रधान पद की प्रत्याशी विजय लक्ष्मी ने जीत दर्ज की लेकिन परिणाम आने से पहले ही विजयलक्ष्मी ने दुनिया को अलविदा कह दिया. विजयलक्ष्मी की जीत के बावजूद भी उनके परिजन गम में डूबे रहे. सरोजिनी और विकासखंड के 47 ग्राम पंचायत में से 46 ग्राम पंचायत चुनाव का परिणाम घोषित कर दिया गया है. सरोजिनी नगर विकास खंड की सराय सहजादी सीट पर विजय लक्ष्मी सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 56 वोट से मात देकर प्रधान पद पर जीत हासिल की है. विजयलक्ष्मी इससे पहले भी सराय सहजादी से प्रधान पद पर निर्वाचित हो चुकी हैं. इस बार चुनाव परिणाम आने से पहले ही विजयलक्ष्मी जिंदगी की जंग हार गईं. चुनाव अधिकारी अब इस सीट पर पुनः मतदान कराएंगे. सरोजनी नगर विकास खंड की भदोही सीट के प्रधान पद के प्रत्याशी उमेंद्र मौर्य चुनाव के पहले ही जिंदगी की जंग हार गए थे, जिससे उस सीट पर मतदान रद्द कर दिया गया था. अब इस सीट पर 11 मई को पुनः मतदान होगा.

प्रदेश के पंचायत चुनाव की मतगणना चल रही है. तमाम स्थानों पर परिणाम घोषित हो चुके हैं. दुख की बात ये है कि कई प्रत्याशियों के घर जीत के बाद भी मातम पसरा है. जीतने से पहले ही तमाम लोग दुनिया से विदा हो गए. प्रदेश के ग्राम प्रधान चुनाव के दस और जिला पंचायत सदस्य के एक सदस्य की चुनाव परिणाम आने से पहले ही मौत हो गई. ये सभी चुनाव में जीत गए लेकिन मौत से हारने के बाद. पेश है पूरी जानकारी...

चंदौलीः चुनाव में जीत की खबर आती, इससे पहले ही नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान की मौत हो गई. मामला चंदौली जिले के धानापुर ब्लॉक के किशुनपुरा गांव का है. यहां रविवार की शाम को नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान वीरेंद्र उर्फ रामविलास यादव (55) की हृदयगति रुकने से मौत हो गई. दुखद यह कि जिस समय वीरेंद्र यादव की मौत हुई, उसी समय उनकी बेटी की बारात भी दरवाजे पर आई थी. किसी तरह सादगी से शादी की रस्म पूरी हुई. बाद में मतगणना में वीरेंद्र यादव को विजेता घोषित किया गया.

यह है पूरा मामला
बताया जा रहा है कि किशुनपुरा गांव निवासी ग्राम प्रधान पद के उम्मीदवार वीरेंद्र यादव कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. घर पर ही इलाज चल रहा था. रविवार को उनकी बेटी की शादी थी और पंचायत चुनाव की मतगणना भी. दरवाजे पर जैसे ही बारात आई तकरीबन उसी समय वीरेंद्र यादव की मौत हो गई. घर में जैसे कोहराम मच गया. एक तरफ बेटी की शादी की खुशी, दूसरी तरफ वीरेंद्र यादव की मौत का भारी गम. आनन - फानन में सादगी से शादी हुई. वहीं कुछ ही घंटों बाद किशुनपुरा गांव की मगणना पूरी हुई और वीरेंद्र यादव को विजेता घोषित किया गया. इसके पहले ही वीरेंद्र यादव की सांसें थम चुकी थीं. परिवार के लोगों ने सुबह उनका अंतिम संस्कार कर दिया. इस हृदय विदाकर घटना की गांव सहित क्षेत्र में चर्चा होती रही.

जब सिर पर जीत का सेहरा बंधा तो दुनिया से चल बसी
मैनपुरी के ग्राम पंचायत चुनाव में भी दुखद घटना देखने को मिली. जब सिर पर जीत का सेहरा बंधा तो प्रधान पद प्रत्याशी दुनिया से चल बसी. मामला मैनपुरी की कुरावली ब्लॉक की ग्राम पंचायत नगला ऊसर का है. यहां प्रधान पद का चुनाव लड़ने वाली एक महिला प्रत्याशी की तीन दिन पहले मौत हो गई. सोमवार को जब चुनाव परिणाम आया तो पता चला कि मृतका चुनाव जीत गई है.
मैनपुरी की ग्राम पंचायत नगला ऊसर से प्रधान पद के लिए पिंकी देवी पत्नी सुभाष चंद्र ने पर्चा दाखिल किया था. बीते बुधवार को अचानक पिंकी की तबीयत खराब हो गई. सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजन पिंकी को लेकर आगरा के एक निजी अस्पताल पहुंचे. उपचार के लिए भर्ती कराया. पिंकी ने उपचार के दौरान ही दम तोड़ दिया. सोमवार को जब मतगणना हुई तो पिंकी देवी निर्वाचित घोषित हुईं. उन्हें कुल 388 वोट मिले, वहीं उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी चंद्रावती को 273 वोट मिले. ऐसे में पिंकी देवी ने 115 वोटों से विजय हासिल की, लेकिन उनकी मौत हो जाने से समर्थक और परिजन दुखी रहे. परिणाम आने के बाद सबकी आंखों से आंसू छलक रहे थे.

इसे भी पढ़ेंः टॉस से भी जब नहीं हुआ जीत-हार का फैसला तब पर्ची का लिया सहारा

समझ नहीं आया की खुश हों या दुखी
मिर्जापुर के लालगंज ब्लॉक में एक ग्रामसभा में प्रधान पद के प्रत्याशी की जीत की सूचना पर ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं. दरअसल, प्रत्याशी की एक मई को मौत हो गई थी. विकासखंड लालगंज के न्याय पंचायत गंगासायर व ग्रामसभा गंगा सायर के प्रधान पद के प्रत्याशी रामचंद्र मौर्य की 30 अप्रैल को तबीयत खराब हुई. परिजन अस्पताल ले गए. एक मई शनिवार को उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. चुनाव परिणाम सोमवार को आया तो प्रत्याशी की जीत हुई थी. गिनती कराने पहुंचे एजेंटों को समझ नहीं आ रहा था कि खुशी मनाएं या शोक.

तीन प्रत्याशी जीते, तीनों की मौत
वाराणसी जिले में कुदरत का अजब खेल दिखा. इस बार विकासखण्ड में तीन प्रत्याशियों को चुनाव में जीत मिली लेकिन दुर्भाग्यवश जीत हासिल करने वाले तीनों प्रत्याशी इस दुनिया मे नहीं रहे.

जानकारी के अनुसार सिरिस्ती गांव की महिला ग्राम प्रधान प्रत्याशी निर्मला का बीते 27 अप्रैल को निधन हो गया. रविवार को हुई मतगणना में उनकी जीत हुई. निकटतम प्रतिद्वंद्वी कृष्णा सिंह को 300 मतों से उन्होंने चुनाव हरा दिया. निर्मला के पति डॉ. अवधेश का कहना था कि चुनाव जीतकर भी जिंदगी की जंग हारना काफी कष्ट पहुंचाने वाला है.

इसी प्रकार शिवदशां के ग्राम प्रधान प्रत्याशी धर्मदेव यादव का मतगणना से दो दिन पहले यानी बीते 30 अप्रैल को आकस्मिक निधन हो गया. रविवार को हुई मतगणना में, वह लगभग 308 मतों से उन्हें विजयी घोषित किया गया. धर्मदेव यादव के चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने वाले देवेंद्र नारायण उर्फ बबलू सिंह, अजय नारायण यादव, मनोज विश्वकर्मा का कहना था कि चुनावी जंग में तो जीत हो गई लेकिन जिंदगी की जंग हारकर, हम सभी को हरा दिया.

जिला पंचायत के सेक्टर नं.4 से जिला पंचायत सदस्य पद पर चुनाव जीती सुशीला सोनकर की मृत्यु मतदान के दिन 19 अप्रैल को हो गई. सोमवार को हुई मतगणना के उपरांत सबसे अधिक मत पाकर भी जिला पंचायत सदस्य की लड़ाई में आगे आने वालीं सुशीला के सिर पर ताज नहीं बंध सका.

चुनाव में जीतने से पहले बीमारी से हारा
फर्रुखाबाद जिले में प्रधान पद के लिए खड़े प्रत्याशी बृजेश कुमार लोधे राजपूत की कुछ दिन पहले मौत हो गई. चुनाव परिणामों में उनकी जीत हुई. 45 वर्षीय बृजेश, ब्लॉक व कोतवाली मोहम्मदाबाद के ग्राम व ग्रामपंचायत रैसेपुर के निवासी थे. बृजेश ने प्रधानी का चुनाव लड़ा था. मतदान के बाद बुखार आने पर उन्हें जनपद मैनपुरी के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. उपचार के दौरान बृजेश की रात में मौत हो गई थी. परिजनों ने गांव में ही अंतिम संस्कार कर दिया. चुनाव परिणाम में बृजेश ने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी रामकिशोर शर्मा को 144 वोटों से हराया. बृजेश को 514 वोट मिले जबकि रामकिशोर को 370 मत मिले.

प्रधानी का चुनाव तो जीती पर जिंदगी की जंग हार गईं सविता देवी
अमरोहा के गंगेश्वरी ब्लॉक के गांव खनौरा में सविता देवी ने प्रधानी का चुनाव तो जीत लिया मगर जीत का दिन वह देख नहीं पाईं. उनकी बुखार ने उनकी जान ले ली. सविता की उम्र 35 वर्ष थी. सविता देवी 19 अप्रैल को मतदान करने के बाद, बुखार से पीड़ित हो गई थीं. उसके बाद सविता के परिजनों ने उनका काफी इलाज कराया मगर कोई फायदा नहीं हुआ. मतगणना से दो दिन पूर्व गांव में ही सविता की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई. रविवार को मतगणना के दौरान सविता ने चुनाव जीत लिया. उन्हें 396 मत मिले, जबकि मुख्य प्रतिद्वंद्वी प्रतिनिधि मुखिया को 169 वोट मिले. सविता ने 225 वोटों से जीत प्राप्त की, मगर वह यह खुशी का पल देख नहीं पाईं. सविता के 3 बच्चे भी हैं. इसमें दो बेटे और एक बेटी है. सामाजिक कार्य में सविता विशेष रुचि रखती थीं. सविता देवी ने वृद्ध आश्रम और मंदिर निर्माण के लिए भी अपनी निजी धनराशि देकर निर्माण कराया है.

रामेंद्र सिंह मौत से हारे, 21 वोटों से जीते
कन्नौज के जलालाबाद ब्लॉक क्षेत्र के उत्तिमापुर पट्टी ग्राम पंचायत से रामेंद्र सिंह प्रधान पद के उम्मीदवार थे. 19 अप्रैल को हुई मतदान प्रक्रिया के बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद जांच में वह कोरोना संक्रमित निकले थे. सही समय पर इलाज न मिलने की वजह से हार्ट अटैक के चलते 27 अप्रैल को उनका निधन हो गया. सोमवार को हुई वोटों की गिनती में रामेंद्र को 356 वोट मिले. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को 21 वोटों से शिकस्त दी, लेकिन वह जीत का प्रमाण पत्र लेने के लिए इस दुनिया में नहीं रहे. इससे पहले उमर्दा ब्लॉक के सखौली गांव में भी इसी तरह की घटना हो चुकी है. डीएम राकेश कुमार मिश्रा ने बताया जिले के उमर्दा ब्लॉक के सखौली ग्राम पंचायत व जलालाबाद ब्लॉक के उत्तिमापुर पट्टी ग्राम पंचायत में जिन प्रत्याशियों की जीत हुई है, उनकी शीघ्र ही मौत हो गई है. ऐसी स्थिति में वहां पुनर्मतदान की संभावना है. आयोग से निर्देश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

विजयलक्ष्मी ने जीत से पहले दुनिया को कहा अलविदा
लखनऊ में सरोजिनी नगर विकास खंड के ग्राम पंचायत सराय सहजादी पर प्रधान पद की प्रत्याशी विजय लक्ष्मी ने जीत दर्ज की लेकिन परिणाम आने से पहले ही विजयलक्ष्मी ने दुनिया को अलविदा कह दिया. विजयलक्ष्मी की जीत के बावजूद भी उनके परिजन गम में डूबे रहे. सरोजिनी और विकासखंड के 47 ग्राम पंचायत में से 46 ग्राम पंचायत चुनाव का परिणाम घोषित कर दिया गया है. सरोजिनी नगर विकास खंड की सराय सहजादी सीट पर विजय लक्ष्मी सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 56 वोट से मात देकर प्रधान पद पर जीत हासिल की है. विजयलक्ष्मी इससे पहले भी सराय सहजादी से प्रधान पद पर निर्वाचित हो चुकी हैं. इस बार चुनाव परिणाम आने से पहले ही विजयलक्ष्मी जिंदगी की जंग हार गईं. चुनाव अधिकारी अब इस सीट पर पुनः मतदान कराएंगे. सरोजनी नगर विकास खंड की भदोही सीट के प्रधान पद के प्रत्याशी उमेंद्र मौर्य चुनाव के पहले ही जिंदगी की जंग हार गए थे, जिससे उस सीट पर मतदान रद्द कर दिया गया था. अब इस सीट पर 11 मई को पुनः मतदान होगा.

Last Updated : May 4, 2021, 5:21 PM IST
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