ETV Bharat / state

एंबुलेंस कर्मियों की लापरवाही से नवजात की मौत, डीएम ने ईएमटी पायलट समेत 4 को किया सस्पेंड

चंदौली जिले में सूचना के बाद भी मौके पर एंबुलेंस न पहुंचने के चलते एक नवजात की मौत हो गई. लापरवाही सामने आने के बाद जिलाधिकारी निखिल फुंडे के निर्देश पर दो पायलट समेत चार एंबुलेंस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है.

एंबुलेंस कर्मियों
एंबुलेंस कर्मियों
author img

By

Published : Jul 2, 2023, 7:04 PM IST

चंदौलीः जिले के नौगढ़ थाना क्षेत्र में एंबुलेंस कर्मियों की लापरवाही का मामला सामने आया है. 102 और 108 नंबर पर फोन करने के तीन घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची. इस दौरान नवजात की जान चली गई. बच्चे की मौत से नाराज परिजन अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए. लापरवाही सामने आने के बाद जिलाधिकारी निखिल फुंडे के निर्देश पर दो पायलट समेत चार एंबुलेंस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. कार्रवाई से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा है.

दरअसल, 27 जून को नौगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बाघी गांव निवासी विजय केशरी की पत्नी रेशमा (24) को रात में प्रसव कराया गया था. प्रसव के कुछ देर बाद ही नवजात को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. ऐसे में चिकित्सक डॉ. चंद्रा ने प्राथमिक उपचार कर बच्चे को शिशु रोग विशेषज्ञ से दिखाने के लिए जिला हॉस्पिटल रेफर कर दिया. ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए परिजनों ने 102 और 108 नंबर पर फोन कर एंबुलेंस बुलाई.

परिजनों के मुताबिक, इस दौरान वह तीन घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची. समय से बेहतर इलाज न मिलने की वजह से नवजात ने दम तोड़ दिया. इससे नाराज परिजनों ने अस्पताल के बाहर धरना दिया. मामला जिलाधिकारी तक पहुंचा तो उन्होंने एंबुलेंस संचालन कर रही केजीवी कंपनी के प्रतिनिधि को कड़ी फटकार लगाई.

जिलाधिकारी ने 108 और 102 एंबुलेंस सेवा में पायलट के पद पर रहे वरुण पांडेय, विनोद पाल, ईएमटी संदीप पाल और नीरज पांडेय को बर्खास्त कर दिया. उन्होंने जीवी कंपनी के कोआर्डिनेटर को चेतावनी भी जारी की. कंपनी के जिला प्रबंधक आशीष सिंह ने बताया कि लापरवाही में दो ईएमटी और एंबुलेंस के दोनों पायलट बर्खास्त कर दिए गए हैं.

पढ़ेंः एंबुलेंस न पहुंचने पर पति ने बनायी ठेला गाड़ी, फिर पत्नी को लेकर पहुंचा अस्पताल

चंदौलीः जिले के नौगढ़ थाना क्षेत्र में एंबुलेंस कर्मियों की लापरवाही का मामला सामने आया है. 102 और 108 नंबर पर फोन करने के तीन घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची. इस दौरान नवजात की जान चली गई. बच्चे की मौत से नाराज परिजन अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए. लापरवाही सामने आने के बाद जिलाधिकारी निखिल फुंडे के निर्देश पर दो पायलट समेत चार एंबुलेंस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. कार्रवाई से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा है.

दरअसल, 27 जून को नौगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बाघी गांव निवासी विजय केशरी की पत्नी रेशमा (24) को रात में प्रसव कराया गया था. प्रसव के कुछ देर बाद ही नवजात को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. ऐसे में चिकित्सक डॉ. चंद्रा ने प्राथमिक उपचार कर बच्चे को शिशु रोग विशेषज्ञ से दिखाने के लिए जिला हॉस्पिटल रेफर कर दिया. ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए परिजनों ने 102 और 108 नंबर पर फोन कर एंबुलेंस बुलाई.

परिजनों के मुताबिक, इस दौरान वह तीन घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची. समय से बेहतर इलाज न मिलने की वजह से नवजात ने दम तोड़ दिया. इससे नाराज परिजनों ने अस्पताल के बाहर धरना दिया. मामला जिलाधिकारी तक पहुंचा तो उन्होंने एंबुलेंस संचालन कर रही केजीवी कंपनी के प्रतिनिधि को कड़ी फटकार लगाई.

जिलाधिकारी ने 108 और 102 एंबुलेंस सेवा में पायलट के पद पर रहे वरुण पांडेय, विनोद पाल, ईएमटी संदीप पाल और नीरज पांडेय को बर्खास्त कर दिया. उन्होंने जीवी कंपनी के कोआर्डिनेटर को चेतावनी भी जारी की. कंपनी के जिला प्रबंधक आशीष सिंह ने बताया कि लापरवाही में दो ईएमटी और एंबुलेंस के दोनों पायलट बर्खास्त कर दिए गए हैं.

पढ़ेंः एंबुलेंस न पहुंचने पर पति ने बनायी ठेला गाड़ी, फिर पत्नी को लेकर पहुंचा अस्पताल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.