मेरठ : मेरठ महोत्सव में बुधवार की रात वक्रतुंड महाकाय मंत्र के साथ पद्मश्री और ग्रेनी अवार्ड विनर शंकर महादेवन की मंच पर एंट्री हुई. एक दंताए, गौरी सुताए भजन प्रस्तुत किया. सुर और ताल के समावेश ने हर किसी को जोश से भर दिया. शिव तांडव को शंकर महादेवन ने अपने अलग अंदाज में प्रस्तुत किया. इस बीच ॐ नमः शिवाय का जाप किया. श्रोताओं ने हर-हर महादेव के साथ भारत माता के जयकारे लगाए.
मेरठ महोत्सव की रात में शंकर महादेवन ने 'हां ये ही रास्ता है तेरा, तूने अब जाना है, लक्ष्य तो हर हाल में पाना है गीत प्रस्तुत किया तो सभी जोश से भर गए. उन्होंने कहा आई लव यू मेरठ. इतना जोश क्रांति धरा में ही देखने को मिल सकता है. इस बीच दिल चाहता है फिल्म का गीत 'दिल चाहता है, कभी न बीते चमकीले दिन, हम न रहे यारों के बिन गीत पर सभी के जोश को दोगुना कर दिया. एक के बाद गानों की श्रृंखला में प्यारे प्यारे लम्हें प्यारी प्यारी रातें गीत पर सभी का मन मोह लिया.
इस दौरान शंकर महादेवन ने कहा कि हम भी अपनी टीम के लिए बहुत से वाद्य यंत्र मेरठ से ही मंगवाते हैं. मेरठ के कई वाद्य यंत्रों का देश दुनिया में कोई तोड़ नहीं है. क्रांतिधरा मेरठ को पूरा देश प्रणाम करता है. मेरठ महोत्सव के लिए भामाशाह पार्क पहुंचने से पहले उन्होंने बाईपास स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह कहा.
शंकर महादेवन ने कहा कि पहली बार मेरठ आया हूं. उन्होंने बताया कि वह महाकुंभ में भी गाना प्रस्तुत करेंगे. उन्होंने युवाओं के लिए कहा कि जो भी करें उसे पूरी शिद्दत के साथ करें. अगर कोई किसी काम को हजारों बार करता है तो वह उसमें पारंगत हो जाता है. फिर उसका कोई तोड़ नहीं रहता है. उन्होंने कहा कि शिव तांडव स्त्रोत हर कोई सुनना चाहता है. मैं तो आज भी सीखता ही रहता हूं. हर स्टेज पर युवाओं को जोश भर देने के लिए अपने खजाने में से गाने की खोज करता रहता हूं. हर मंच पर उनका गाना ब्रेथलेस पसंद किया जाता है. रात भर चले संगीत कार्यक्रम में लोगों ने भरपूर आनंद लिया.
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