चंदौली : स्पेशल जज पॉक्सो में बुधवार को शादी का झांसा देकर नाबालिक किशोरी को भगाने के मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान दोष सिद्ध होने पर आरोपी को साढ़े सात साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई. वहीं पांच हजार रुपया जुर्माना लगाया. अदा न करने पर ढाई माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता पास्को शमशेर बहादुर सिंह ने तर्क प्रस्तुत किया.
विशेष अधिवक्ता पास्को ने बताया कि पीड़ित किशोरी के पिता ने 5 अक्तूबर 2015 को चकरघट्टा थाने में सोनभद्र जिले के रावर्ट्सगंज थाना क्षेत्र के कुसीदौर निवासी सुभाष पटेल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप लगाया कि शाम करीब 7 बजे उसकी बेटी घर के पुरब शौच करने गई थी. इस बीच सुभाष पटेल आया और बेटी को बहला-फुसलाकर जबरदस्ती बाइक पर बैठाकर भाग गया. बेटी के घर नहीं लौटने पर खोजबीन की गई. वे लोग आरोपी युवक के घर भी गए. लेकिन वहां भी बेटी व सुभाष नहीं मिला.
पीड़ित के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया. साथ ही विवेचना के बाद प्रकरण को न्यायालय में प्रस्तुत किया. बुधवार को स्पेशल जज पॉक्सो राजेंद्र प्रसाद ने इस मामले की सुनवाई की. इस दौरान उन्होंने अधिवक्ता का तर्क सुनने के बाद दोषी पाते हुए आरोपित को धारा-366 आईपीसी में साढ़े 7 साल की कठोर करावास की सजा का फैसला सुनाया. साथ ही 5 हजार रुपया अर्थदंड से दंडित किया. अदा न करने पर ढाई माह का अतिरिक्त सजा भुगतने का निर्देश दिया.
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वहीं, 363 आईपीसी में पांच वर्ष की सजा और ढाई हजार जुर्माना व 7/8 पॉक्सो एक्ट में चार साल की सजा एवं डेढ़ हजार अर्थदंड लगाया. इसके अलावा एससीएसटी एक्ट में 3 वर्ष का कारावास और एक हजार रुपया जुर्माना लगाया. जुर्माना न देने पर अतिरिक्त सजा से दंडित किया.
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