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परिजनों का आरोपः ऑक्सीजन के अभाव में कोरोना संक्रमित की मौत - चंदौली में कोरोना संक्रमित की मौत

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में शनिवार को एक कोरोना संक्रमित व्यवसायी की मौत हो गई. व्यवसायी के परिजनों का आरोप है कि उन्हें ऑक्सीजन की पूर्ति नहीं की गई, इसलिए उनकी मौत हो गई, हालांकि सीएमओ आरोपों को गलत बता रहे हैं.

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Published : Apr 17, 2021, 4:41 PM IST

Updated : Apr 17, 2021, 10:36 PM IST

चन्दौलीः जिले में कोरोना का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बढ़ते संक्रमण के साथ मौत की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इसी बीच स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और दुर्व्यवस्था की जो तस्वीर सामने आई है, वो बेहद डराने वाली है. ताजा मामला चकिया अस्पताल स्थित एल-2 हॉस्पिटल में सामने आया. यहां भर्ती हुए एक कोरोना संक्रमित मरीज की शनिवार को मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन की कमी और दुर्व्यवस्था के चलते मरीज की मौत हो गई. वहीं, सीएमओ चन्दौली वीपी द्विवेदी ने आरोपों को गलत बताया है.

मुगलसराय निवासी थे व्यवसायी महेंद्र
दरअसल, मुगलसराय निवासी महेंद्र जायसवाल की शुक्रवार की दोपहर करीब दो बजे अचानक तबीयत खराब हो गई. इस पर परिजन उन्हें नजदीकी निजी हॉस्पिटल ले गए. यहां सांस लेने में तकलीफ को देखते हुए उन्हें नियामताबाद स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. यहां कोविड जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव मिली. व्यवसायी महेंद्र जायसवाल की हालत को देखते हुए तत्काल डॉक्टरों ने उन्हें कोविड एल-2 हॉस्पिटल चकिया के रेफर कर दिया गया. जहां उन्हें भर्ती कराया.

इलाज के अभाव में हुई मौत
एल-2 हॉस्पिटल चकिया में लचर व्यवस्था दिखी. एक बार डॉक्टर विजिट के अलावा कोई ट्रीटमेंट नहीं मिला. परिजनों ने बताया कि ऐसे समय सबसे जरूरी ऑक्सीजन की पूर्ति होती है, लेकिन ऑक्सीजन की कमी के चलते लगातार थोड़े-थोड़े देर के बाद ऑक्सीजन बंद कर दिया जा रहा था. परिजनों के ये भी आरोप है कि 5 बजे मरीज की ऑक्सीजन पूरी तरीके से बंद दी गई. इसके चलते शनिवार की सुबह 8 बजे उनकी मौत हो गई.

हेल्पलाइन नंबरों पर फरियाद लगाते रहे तीमारदार
अव्यवस्था का आलम यहीं नहीं समाप्त हुआ. मृतक के परिजन कृष्णकांत जायसवाल की मानें तो जिला संयुक्त चिकित्सालय चकिया में ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं थी. यही नहीं देर रात बिना किसी ट्रीटमेंट के एल-3 बीएचयू के लिए रेफर कर दिया गया. हद तो तब हो गई, जब पीड़ित का परिवार रात भर एंबुलेंस व योगी सरकार के अन्य हेल्पलाइन नंबरों पर फरियाद लगाता रहा. कोई मदद नहीं मिली. अंततः अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन के अभाव में मरीज ने दम तोड़ दिया.

एक दिन पहले डीएम ने किया निरीक्षण
गौरतलब है कि शुक्रवार को डीएम चन्दौली संजीव सिंह एसपी अमित कुमार समेत आलाधिकारियों ने एल-2 हॉस्पिटल का निरीक्षण कर ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए जरूरी निर्देश दिए थे.

इसे भी पढ़ेंः कोविड-19 प्रबंधन में लगे अफसरों को CM ने दिए निर्देश, युद्धस्तर पर करें इलाज

ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं
हालांकि इस बाबत जिलाधिकारी चंदौली संजीव सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान है लेकिन उन्होंने ऑक्सीजन की कमी जैसी बात से साफ इंकार कर दिया. जिले में कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता है.

ऑक्सीजन की कमी से मौत मामले को सीएमओ ने बताया झूठा
वहीं, सीएमओ चन्दौली वीपी द्विवेदी ने मीडिया में बयान जारी कर कहा कि ऑक्सीजन की कमी से मौत की बात पूरी तरह आधारहीन व झूठी है. जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. मरीज की मौत कोरोना संक्रमण के चलते हुई है.

ऑक्सीजन की कमी नहीं हुई मौत
उन्होंने बताया कि मृतक महेंद्र जायसवाल पहले से कोरोना संक्रमित थे. नियामताबाद पीएचसी से एल-2 हॉस्पिटल चकिया रेफर किया गया था लेकिन उनकी रास्ते में ही मौत हो गई थी. आरोप तथ्यहीन है.

35 ऑटोमेटिक ऑक्सीजन मशीन
वहीं जिले में ऑक्सीजन की उपलब्धता की बात करें तो एल-2 हॉस्पिटल चकिया में 35 जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर है. इसके अलावा 35 ऑक्सीजन मशीन भी जो ऑटोमेटिक तरीके ऑक्सीजन जनरेट करता है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते स्वास्थ्य महकमा अलर्ट पर है.

चन्दौलीः जिले में कोरोना का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बढ़ते संक्रमण के साथ मौत की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इसी बीच स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और दुर्व्यवस्था की जो तस्वीर सामने आई है, वो बेहद डराने वाली है. ताजा मामला चकिया अस्पताल स्थित एल-2 हॉस्पिटल में सामने आया. यहां भर्ती हुए एक कोरोना संक्रमित मरीज की शनिवार को मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन की कमी और दुर्व्यवस्था के चलते मरीज की मौत हो गई. वहीं, सीएमओ चन्दौली वीपी द्विवेदी ने आरोपों को गलत बताया है.

मुगलसराय निवासी थे व्यवसायी महेंद्र
दरअसल, मुगलसराय निवासी महेंद्र जायसवाल की शुक्रवार की दोपहर करीब दो बजे अचानक तबीयत खराब हो गई. इस पर परिजन उन्हें नजदीकी निजी हॉस्पिटल ले गए. यहां सांस लेने में तकलीफ को देखते हुए उन्हें नियामताबाद स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. यहां कोविड जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव मिली. व्यवसायी महेंद्र जायसवाल की हालत को देखते हुए तत्काल डॉक्टरों ने उन्हें कोविड एल-2 हॉस्पिटल चकिया के रेफर कर दिया गया. जहां उन्हें भर्ती कराया.

इलाज के अभाव में हुई मौत
एल-2 हॉस्पिटल चकिया में लचर व्यवस्था दिखी. एक बार डॉक्टर विजिट के अलावा कोई ट्रीटमेंट नहीं मिला. परिजनों ने बताया कि ऐसे समय सबसे जरूरी ऑक्सीजन की पूर्ति होती है, लेकिन ऑक्सीजन की कमी के चलते लगातार थोड़े-थोड़े देर के बाद ऑक्सीजन बंद कर दिया जा रहा था. परिजनों के ये भी आरोप है कि 5 बजे मरीज की ऑक्सीजन पूरी तरीके से बंद दी गई. इसके चलते शनिवार की सुबह 8 बजे उनकी मौत हो गई.

हेल्पलाइन नंबरों पर फरियाद लगाते रहे तीमारदार
अव्यवस्था का आलम यहीं नहीं समाप्त हुआ. मृतक के परिजन कृष्णकांत जायसवाल की मानें तो जिला संयुक्त चिकित्सालय चकिया में ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं थी. यही नहीं देर रात बिना किसी ट्रीटमेंट के एल-3 बीएचयू के लिए रेफर कर दिया गया. हद तो तब हो गई, जब पीड़ित का परिवार रात भर एंबुलेंस व योगी सरकार के अन्य हेल्पलाइन नंबरों पर फरियाद लगाता रहा. कोई मदद नहीं मिली. अंततः अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन के अभाव में मरीज ने दम तोड़ दिया.

एक दिन पहले डीएम ने किया निरीक्षण
गौरतलब है कि शुक्रवार को डीएम चन्दौली संजीव सिंह एसपी अमित कुमार समेत आलाधिकारियों ने एल-2 हॉस्पिटल का निरीक्षण कर ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए जरूरी निर्देश दिए थे.

इसे भी पढ़ेंः कोविड-19 प्रबंधन में लगे अफसरों को CM ने दिए निर्देश, युद्धस्तर पर करें इलाज

ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं
हालांकि इस बाबत जिलाधिकारी चंदौली संजीव सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान है लेकिन उन्होंने ऑक्सीजन की कमी जैसी बात से साफ इंकार कर दिया. जिले में कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता है.

ऑक्सीजन की कमी से मौत मामले को सीएमओ ने बताया झूठा
वहीं, सीएमओ चन्दौली वीपी द्विवेदी ने मीडिया में बयान जारी कर कहा कि ऑक्सीजन की कमी से मौत की बात पूरी तरह आधारहीन व झूठी है. जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. मरीज की मौत कोरोना संक्रमण के चलते हुई है.

ऑक्सीजन की कमी नहीं हुई मौत
उन्होंने बताया कि मृतक महेंद्र जायसवाल पहले से कोरोना संक्रमित थे. नियामताबाद पीएचसी से एल-2 हॉस्पिटल चकिया रेफर किया गया था लेकिन उनकी रास्ते में ही मौत हो गई थी. आरोप तथ्यहीन है.

35 ऑटोमेटिक ऑक्सीजन मशीन
वहीं जिले में ऑक्सीजन की उपलब्धता की बात करें तो एल-2 हॉस्पिटल चकिया में 35 जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर है. इसके अलावा 35 ऑक्सीजन मशीन भी जो ऑटोमेटिक तरीके ऑक्सीजन जनरेट करता है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते स्वास्थ्य महकमा अलर्ट पर है.

Last Updated : Apr 17, 2021, 10:36 PM IST
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