चंदौली: जिले में स्वास्थ्य महकमे का बुरा हाल है और ये हाल तब है, जब चंदौली एस्पेरेशनल डिस्ट्रिक्ट में चयनित है और स्वास्थ्य उसके प्रमुख इंडिकेटर में शामिल. बावजूद इसके जिले में कई स्वास्थ्य परियोजनाएं लंबित पड़ी है. चंदौली के सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय की ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ट्रॉमा सेंटर का काम आज भी अधर में लटका हुआ है.
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शिलान्यास के वक्त स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इसकी लागत बढ़ाकर 10 करोड़ कर दी. साथ ही इसे ग्रेड एक से ग्रेड दो स्तर वाले 30 बेड के ट्रॉमा सेंटर की घोषणा की. इसके बाद भी 9 महीने से भवन निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. इसके निर्माण के लिए 18 महीने का समय दिया गया था. जून 2020 तक इसका काम पूरा करने के लिए कार्यदाई संस्था सीएनडीएस को जिम्मेदारी दी गई थी.
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चुनावी साल में ट्रॉमा सेंटर की घोषणा तो कर दी गई, लेकिन इसके संचालन की बेहतर प्लानिंग नहीं हो पाई. जिससे ये प्रोजेक्ट अधर में लटका पड़ा है. इसके संचालन की जिम्मेदारी बीएचयू को दी गई थी, लेकिन अब बीएचयू ने यह कहते हुए इसके संचालन से हाथ खींच लिया है कि ट्रॉमा सेंटर में चिकित्सक एवं स्टाफ के रहने लिए सुविधा नहीं है. ऐसे में ये देखना होगा कि केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय का ये ड्रीम प्रोजेक्ट कब परवान चढ़ता है या ये भी जिले की अन्य परियोजनाओं की तरह कागजों में ही दम तोड़ जाता है.