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10 साल से अधर में लटका है चंदौली का इकौनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

'वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य विभाग' पार्ट-01 में ETV BHARAT ने चंदौली के बबुरी सीएचसी से आपको रूबरू कराया था. पार्ट-02 में आज जानिए नियामताबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हालात.

अधर में लटका इकौनी सामुदायिक केन्द्र.
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Published : Sep 17, 2019, 2:52 PM IST

Updated : Sep 17, 2019, 3:25 PM IST

चंदौली: जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था अधर में लटकी हुई है. यूं कहें तो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. करोड़ों रुपये आए और अस्पताल के नाम पर चले भी गये, लेकिन चंदौली स्वास्थ्य महकमे की बिमारी ठीक होने का नाम नहीं ले रही. वेंटिलेटर पर पड़ा स्वास्थ्य विभाग पल-पल दम तोड़ रहा है और इसके साथ ही टूट रही है लोगों की उम्मीदें.

देखें खास रिपोर्ट.
ये तस्वीरें नियामताबाद के इकौनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मुख्य बिल्डिंग बनकर तैयार है, लेकिन मेडिकल स्टाफ का आवासीय परिसर अधूरा पड़ा है. यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. आवंटित पूरी धनराशि लगभग चार करोड़ खर्च होने के बाद भी निर्माण पूरा नहीं हो सका.

ये भी पढ़ें- चंदौलीः करोड़ों खर्च पर बबुरी को नहीं मिला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिम्मेदार आखिर कौन

ईओडब्ल्यू कर रही है जांच
स्वास्थ्य विभाग मानक के अनुरूप निर्माण न होने और भ्रष्टाचार मामले में राजकीय निर्माण निगम ने इंजीनियरों के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है. इसकी जांच भी ईओडब्ल्यू की ओर से की जा रही है, लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ सकी, जिसके चलते स्थानीय लोगों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- चन्दौली: शोपीस बना हुआ है आईसीयू बिल्डिंग, मरीज परेशान

पल-पल दम तोड़ रहा चंदौली की स्वास्थ्य व्यवस्था
समय आ गया है राजनीतिक इच्छाशक्ति की परीक्षा हो जाय, क्योंकि कागजों पर करोड़ों खर्च के बाद भी स्वास्थ घोषणाएं अभी नींव तक ही सीमित हैं. इलाज के इंतजार में चंदौली के स्वास्थ्य स्थल अधूरे हैं, जो चुनावी घोषणाओं की जमीनी हकीकत दिखाती है. चंदौली में वेंटीलेटर पर पड़ा स्वास्थ्य विभाग पल-पल दम तोड़ रहा है.

चंदौली: जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था अधर में लटकी हुई है. यूं कहें तो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. करोड़ों रुपये आए और अस्पताल के नाम पर चले भी गये, लेकिन चंदौली स्वास्थ्य महकमे की बिमारी ठीक होने का नाम नहीं ले रही. वेंटिलेटर पर पड़ा स्वास्थ्य विभाग पल-पल दम तोड़ रहा है और इसके साथ ही टूट रही है लोगों की उम्मीदें.

देखें खास रिपोर्ट.
ये तस्वीरें नियामताबाद के इकौनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मुख्य बिल्डिंग बनकर तैयार है, लेकिन मेडिकल स्टाफ का आवासीय परिसर अधूरा पड़ा है. यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. आवंटित पूरी धनराशि लगभग चार करोड़ खर्च होने के बाद भी निर्माण पूरा नहीं हो सका.

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ईओडब्ल्यू कर रही है जांच
स्वास्थ्य विभाग मानक के अनुरूप निर्माण न होने और भ्रष्टाचार मामले में राजकीय निर्माण निगम ने इंजीनियरों के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है. इसकी जांच भी ईओडब्ल्यू की ओर से की जा रही है, लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ सकी, जिसके चलते स्थानीय लोगों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

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पल-पल दम तोड़ रहा चंदौली की स्वास्थ्य व्यवस्था
समय आ गया है राजनीतिक इच्छाशक्ति की परीक्षा हो जाय, क्योंकि कागजों पर करोड़ों खर्च के बाद भी स्वास्थ घोषणाएं अभी नींव तक ही सीमित हैं. इलाज के इंतजार में चंदौली के स्वास्थ्य स्थल अधूरे हैं, जो चुनावी घोषणाओं की जमीनी हकीकत दिखाती है. चंदौली में वेंटीलेटर पर पड़ा स्वास्थ्य विभाग पल-पल दम तोड़ रहा है.

Intro:चन्दौली - केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की चाहे लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है. जिसकी हकीकत चन्दौली में बेपटरी हो चुकी स्वास्थ्य सेवाएं खुद बयां कर रही है. केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र में करीब आधे दर्जन स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण बंद पड़े. जो है उन्हें भी सरकार सही तरीके से संचालित नहीं कर पा रही है. जिससे जिले का सारा भार आधी अधूरी सुविधाओं से परिपूर्ण जिला अस्पताल का टिकता है. गंभीर व असाध्य रोगों के लिए जिले के लोगों को आज भी वाराणसी पर ही निर्भर रहना पड़ता है. जिले का ये हाल तब है जब चंदौली को एस्पेरेशनल डिस्ट्रिक्ट (अकांक्षात्मक जिला)में चयनित है. और स्वास्थ्य उसके प्रमुख इंडिकेटर में शामिल है.बावजूद इसके नए अस्पतालों निर्माण पूरी तरह ठप पड़े है. या यूं कहें कि चन्दौली में स्वास्थ्य महकमा खुद बीमार है. जिसे तत्काल इलाज की जरूरत है. पेश है एक रिपोर्ट....

Body:वीओ 1 - जिले में चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण अधर में लटका पड़ा है. जिसमें बबुरी, नियामताबाद, चहनियां और शहाबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल है. ये सभी प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए और इनके लिए आवंटित धन खर्च हो गए लेकिन भवन का निर्माण नहीं हो सका. अब आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रह है.

बाइट - सीएमओ चन्दौली

कमोबेश यही हालात नियामताबाद के इकौनी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. करोड़ो की लागत से बनने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मुख्य बिल्डिंग बनकर तैयार है.लेकिन मेडिकल स्टाफ का आवासीय परिसर अधूरा पड़ा है. यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. आवंटित पूरी धनराशि लगभग पौने चार करोड़ खर्च होने के बाद भी इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका. और अब स्वास्थ्य विभाग ने मानक के अनुरूप निर्माण न होने और भ्रष्टाचार किये जाने पर राजकीय निर्माण निगम के अभियंताओं के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है.और इसकी जांच भी ईओडब्लू की ओर से की जा रही है. लेकिन अबतक जांच रिपोर्ट नहीं आ सकी. जिसके चलते स्थानीय लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि मुगलसराय और वाराणसी के बीच यह एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है. जिससे मरीजों को या तो मुगलसराय या तो वाराणसी जाना पड़ता है.

वॉक थ्रू
बाइट - शंकर (स्थानीय)

वीओ - गौरतलब है की बबुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का शिलान्यास भी 2014 में तत्कालीन सांसद रामकिशुन के प्रयासों से अखिलेश यादव ने इसका शिलान्यास किया था और इसके 3 करोड़ 73 लाख रुपये आवंटित भी कर दिया. लेकिन 2017 में पूरी धनराशि खत्म होने के बाद भी अस्पताल नहीं बन सका. जांच के दौरान निर्माण कार्य में लापरवाही और मानकों की अनदेखी पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जांच ईओडब्लू को सौंप दी. साथ ही राजकीय निर्माण निगम के अभियंताओं के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है. लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी अबतक ईओडब्लू की ओर से अभी कोई जांच रिपोर्ट नहीं मिली है. जिससे बबुरी सामुदायिक स्वास्थ्य का निर्माण कार्य बंद पड़ा.

बाइट - रामकिशुन यादव (पूर्व सांसद)

आरके मिश्रा (सीएमओ)

एफवीओ - समय आ गया है जब राजनीतिक इच्छाशक्ति की परीक्षा हो जाय. क्योकी कागजो पर करोड़ो खर्च के बाद भी स्वास्थ घोषणाएं अभी नींव तक ही सीमित है. इलाज के इंतजार में चन्दौली के स्वास्थ्य स्थल अधूरे है. जो चुनावी घोषणाओं की जमीनी हकीकत दिखाती है कि चन्दौली में वेंटीलेटर पर पड़ा स्वास्थ विभाग पल पल दम तोड़ रहा हैConclusion:कमलेश गिरी
चन्दौली
9452845730

Note - सुधीर सर और राहुल तिवारी जी के ध्यानार्थ... (विशेष खबर इनपुट)
Last Updated : Sep 17, 2019, 3:25 PM IST
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