चंदौली: स्वच्छता अभियान के तहत प्रदेश सरकार लाखों रूपये खर्च करके प्रत्येक गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा रही है. वहीं दूसरी ओर रख रखाव के अभाव में सकलडीहा कस्बे के नागेपुर गांव में लाखों रुपये की लागत से बना सामुदायिक शौचालय शोपीश बना हुआ है.
सामुदायिक शौचालय में साफ-सफाई नहीं होने के कारण स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके बाद भी प्रधान तो दूर विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए है.
केंद्र और प्रदेश सरकार गांवों की चौमुखी विकास को लेकर प्रयासरत है. जिसके तहत राज्य वित्त, 14वें और 15वें वित्त के अलावा अन्य मदों से लाखों करोड़ों रुपये भेजकर गांव-गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा रही है. जिससे लोगों को गंदगी से निजात मिल सके. लेकिन, गांव के प्रधान तो दूर विभागीय अधिकारी सामुदायिक शौचालय बनने के बाद रख रखाव को लेकर मौन साधे हुए हैं.
जिसके कारण सामुदायिक शौचालय गंदगी और जर्जर होकर शोपीश बनकर रह गया है. जिससे लोगों में आक्रोश पनपने लगा है. ग्राम प्रधान सुरेन्द्र यादव ने बताया कि कई बार सामुदायिक शौचालय का साफ-सफाई और मरम्मत कराया गया है. लेकिन, लोगों के जागरूकता के अभाव में गंदगी से पटा पड़ा हुआ है.
लाखों की लागत से बना सामुदायिक शौचालय बना शोपीश - सामुदायिक शौचालय
चंदौली जनपद के सकलडीहा क्षेत्र में लाखों की लागत से बना सामुदायिक शौचालय शोपीश बनकर रह गया है. सामुदायिक शौचालय में साफ-सफाई नहीं होने के कारण स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
चंदौली: स्वच्छता अभियान के तहत प्रदेश सरकार लाखों रूपये खर्च करके प्रत्येक गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा रही है. वहीं दूसरी ओर रख रखाव के अभाव में सकलडीहा कस्बे के नागेपुर गांव में लाखों रुपये की लागत से बना सामुदायिक शौचालय शोपीश बना हुआ है.
सामुदायिक शौचालय में साफ-सफाई नहीं होने के कारण स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके बाद भी प्रधान तो दूर विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए है.
केंद्र और प्रदेश सरकार गांवों की चौमुखी विकास को लेकर प्रयासरत है. जिसके तहत राज्य वित्त, 14वें और 15वें वित्त के अलावा अन्य मदों से लाखों करोड़ों रुपये भेजकर गांव-गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा रही है. जिससे लोगों को गंदगी से निजात मिल सके. लेकिन, गांव के प्रधान तो दूर विभागीय अधिकारी सामुदायिक शौचालय बनने के बाद रख रखाव को लेकर मौन साधे हुए हैं.
जिसके कारण सामुदायिक शौचालय गंदगी और जर्जर होकर शोपीश बनकर रह गया है. जिससे लोगों में आक्रोश पनपने लगा है. ग्राम प्रधान सुरेन्द्र यादव ने बताया कि कई बार सामुदायिक शौचालय का साफ-सफाई और मरम्मत कराया गया है. लेकिन, लोगों के जागरूकता के अभाव में गंदगी से पटा पड़ा हुआ है.