चंदौली: योगी सरकार की तमाम जद्दोजहद के बावजूद परिषदीय विद्यालयों में अबतक स्वेटर नहीं पहुंच सका. यही नहीं, तय डेट लाइन दिसंबर से पूर्व स्वेटर पहुंचाना शिक्षा विभाग के लिए मुश्किल दिख रहा है. 27 नवंबर बीत जाने के बाद भी जिले में स्वेटर वितरण न के बराबर ही हो पाया है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि प्रक्रिया पूरी होने में 15 से 20 दिन का वक्त लग सकता है. हालत यह है कि बच्चे ठंड में ठिठुर रहे हैं.
ये तस्वीरें चंदौली के चतुर्भुज प्राथमिक विधालय की है.अभी तक इन बच्चों को स्वेटर नहीं मिल सका है. कमरों में ठंड लग रही है. बाहर धूप की वजह से तो हालत कुछ ठीक है लेकिन तेज हवा के चलते बढ़ी ठंड असहनीय हो रही है. सुबह-सुबह घर से आते वक्त भी बच्चों को काफी ठंड लगती है. बच्चे तो बस अब इसी उम्मीद में हैं कि जल्द उन्हें स्वेटर मिल जाय ताकि ठंड से बच सकें.
जेम पोर्टल से हुआ टेंडर
बच्चे भले ही ठण्ड से ठिठुर रहे हों लेकिन मैडम जी स्वेटर और स्कार्प से खुद को पूरी तरह ढक कर रखने में जुटी हैं कि गलती से भी इन्हें ठंड न लग जाए. जबकि उसी क्लास रूम में पढ़ने वाले बच्चे ठंड से ठिठुर रहे हैं. हालांकि इसमें इनकी कोई गलती नहीं है. इस बार शासन ने जेम पोर्टल से टेंडर किया था. चंदौली में स्वेटर सप्लाई का काम कानपुर की एक फर्म शुभम हैंडलूम को मिला है. जो समय रहते अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए स्वेटर की सप्लाई कर पाने में असमर्थ है. जिससे शासन की मंशा के अनरूप बच्चों को स्वेटर नहीं मिल पा रहा है.
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2 लाख 16 हजार बच्चों में बांटा जाना है स्वेटर
अध्यापकों का कहना है कि उन्होंने अपनी रिक्वायरमेंट काफी पहले ही भेज दी है. अब शासन से ही स्वेटर न मिल पाए तो वह क्या करें, लेकिन ठंड बढ़ने से बच्चों को दिक्कत हो रही है. जिले में कुल 2 लाख 16 हजार बच्चों को स्वेटर वितरण होना है. यह प्रक्रिया तय सीमा में पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन लापरवाही के चलते अभी तक एक तिहाई बच्चों को स्वेटर मिलने का दावा किया जा रहा है. यह अलग बात है कि यह दावा भी कागजी नजर आ रहा है, क्योंकि जिन तीन ब्लॉकों में स्वेटर बांटने का दावा बीएसए साहब कर रहे हैं. कमोबेश वहां भी स्थिति यही है.
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लापरवाही पर होगी कार्रवाई
बीएसए का कहना है की बहुत जल्द स्वेटर बांटने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी. यदि तय समय के मुताबिक सप्लाई नहीं कि जाती है. कार्यदाई संस्था शुभम हैंडलूम के खिलाफ शासन को पत्र लिखने के साथ ही कार्रवाई भी की जाएगी. अब बढ़ते ठंड और स्वेटर वितरण के दावों के बीच उम्मीद है कि इन ठिठुरते बच्चों को शासन की मंशा के अनरूप जल्द स्वेटर मिल जाए, लेकिन चंदौली में यह पूरा होता दिख नहीं रहा है.