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चंदौली में नहीं मिले स्वेटर, ठंड में कंपकंपाते स्कूल पहुंच रहे बच्चे

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे 2 लाख 16 हजार बच्चों में स्वेटर बांटा जाना है, लेकिन बच्चों को अभी तक स्वेटर नहीं मिल सका है. मजबूर बच्चे ठंड में कंपकंपाते स्कूल पहुंच रहे हैं.

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ठंड में कंपकंपाते स्कूल पहुंच रहे बच्चे.
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Published : Nov 28, 2019, 12:58 PM IST

चंदौली: योगी सरकार की तमाम जद्दोजहद के बावजूद परिषदीय विद्यालयों में अबतक स्वेटर नहीं पहुंच सका. यही नहीं, तय डेट लाइन दिसंबर से पूर्व स्वेटर पहुंचाना शिक्षा विभाग के लिए मुश्किल दिख रहा है. 27 नवंबर बीत जाने के बाद भी जिले में स्वेटर वितरण न के बराबर ही हो पाया है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि प्रक्रिया पूरी होने में 15 से 20 दिन का वक्त लग सकता है. हालत यह है कि बच्चे ठंड में ठिठुर रहे हैं.

देखें खास रिपोर्ट.

ये तस्वीरें चंदौली के चतुर्भुज प्राथमिक विधालय की है.अभी तक इन बच्चों को स्वेटर नहीं मिल सका है. कमरों में ठंड लग रही है. बाहर धूप की वजह से तो हालत कुछ ठीक है लेकिन तेज हवा के चलते बढ़ी ठंड असहनीय हो रही है. सुबह-सुबह घर से आते वक्त भी बच्चों को काफी ठंड लगती है. बच्चे तो बस अब इसी उम्मीद में हैं कि जल्द उन्हें स्वेटर मिल जाय ताकि ठंड से बच सकें.

जेम पोर्टल से हुआ टेंडर
बच्चे भले ही ठण्ड से ठिठुर रहे हों लेकिन मैडम जी स्वेटर और स्कार्प से खुद को पूरी तरह ढक कर रखने में जुटी हैं कि गलती से भी इन्हें ठंड न लग जाए. जबकि उसी क्लास रूम में पढ़ने वाले बच्चे ठंड से ठिठुर रहे हैं. हालांकि इसमें इनकी कोई गलती नहीं है. इस बार शासन ने जेम पोर्टल से टेंडर किया था. चंदौली में स्वेटर सप्लाई का काम कानपुर की एक फर्म शुभम हैंडलूम को मिला है. जो समय रहते अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए स्वेटर की सप्लाई कर पाने में असमर्थ है. जिससे शासन की मंशा के अनरूप बच्चों को स्वेटर नहीं मिल पा रहा है.

ये भी पढ़ें- अपनों ने कूड़े के ढेर में फेंका, बेगानों ने अस्पताल पहुंचाकर दी नई जिंदगी

2 लाख 16 हजार बच्चों में बांटा जाना है स्वेटर
अध्यापकों का कहना है कि उन्होंने अपनी रिक्वायरमेंट काफी पहले ही भेज दी है. अब शासन से ही स्वेटर न मिल पाए तो वह क्या करें, लेकिन ठंड बढ़ने से बच्चों को दिक्कत हो रही है. जिले में कुल 2 लाख 16 हजार बच्चों को स्वेटर वितरण होना है. यह प्रक्रिया तय सीमा में पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन लापरवाही के चलते अभी तक एक तिहाई बच्चों को स्वेटर मिलने का दावा किया जा रहा है. यह अलग बात है कि यह दावा भी कागजी नजर आ रहा है, क्योंकि जिन तीन ब्लॉकों में स्वेटर बांटने का दावा बीएसए साहब कर रहे हैं. कमोबेश वहां भी स्थिति यही है.

ये भी पढ़ें- इस 'रकाबी' में मुगल बादशाह शाहजहां का खाना होता था टेस्ट

लापरवाही पर होगी कार्रवाई
बीएसए का कहना है की बहुत जल्द स्वेटर बांटने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी. यदि तय समय के मुताबिक सप्लाई नहीं कि जाती है. कार्यदाई संस्था शुभम हैंडलूम के खिलाफ शासन को पत्र लिखने के साथ ही कार्रवाई भी की जाएगी. अब बढ़ते ठंड और स्वेटर वितरण के दावों के बीच उम्मीद है कि इन ठिठुरते बच्चों को शासन की मंशा के अनरूप जल्द स्वेटर मिल जाए, लेकिन चंदौली में यह पूरा होता दिख नहीं रहा है.

चंदौली: योगी सरकार की तमाम जद्दोजहद के बावजूद परिषदीय विद्यालयों में अबतक स्वेटर नहीं पहुंच सका. यही नहीं, तय डेट लाइन दिसंबर से पूर्व स्वेटर पहुंचाना शिक्षा विभाग के लिए मुश्किल दिख रहा है. 27 नवंबर बीत जाने के बाद भी जिले में स्वेटर वितरण न के बराबर ही हो पाया है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि प्रक्रिया पूरी होने में 15 से 20 दिन का वक्त लग सकता है. हालत यह है कि बच्चे ठंड में ठिठुर रहे हैं.

देखें खास रिपोर्ट.

ये तस्वीरें चंदौली के चतुर्भुज प्राथमिक विधालय की है.अभी तक इन बच्चों को स्वेटर नहीं मिल सका है. कमरों में ठंड लग रही है. बाहर धूप की वजह से तो हालत कुछ ठीक है लेकिन तेज हवा के चलते बढ़ी ठंड असहनीय हो रही है. सुबह-सुबह घर से आते वक्त भी बच्चों को काफी ठंड लगती है. बच्चे तो बस अब इसी उम्मीद में हैं कि जल्द उन्हें स्वेटर मिल जाय ताकि ठंड से बच सकें.

जेम पोर्टल से हुआ टेंडर
बच्चे भले ही ठण्ड से ठिठुर रहे हों लेकिन मैडम जी स्वेटर और स्कार्प से खुद को पूरी तरह ढक कर रखने में जुटी हैं कि गलती से भी इन्हें ठंड न लग जाए. जबकि उसी क्लास रूम में पढ़ने वाले बच्चे ठंड से ठिठुर रहे हैं. हालांकि इसमें इनकी कोई गलती नहीं है. इस बार शासन ने जेम पोर्टल से टेंडर किया था. चंदौली में स्वेटर सप्लाई का काम कानपुर की एक फर्म शुभम हैंडलूम को मिला है. जो समय रहते अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए स्वेटर की सप्लाई कर पाने में असमर्थ है. जिससे शासन की मंशा के अनरूप बच्चों को स्वेटर नहीं मिल पा रहा है.

ये भी पढ़ें- अपनों ने कूड़े के ढेर में फेंका, बेगानों ने अस्पताल पहुंचाकर दी नई जिंदगी

2 लाख 16 हजार बच्चों में बांटा जाना है स्वेटर
अध्यापकों का कहना है कि उन्होंने अपनी रिक्वायरमेंट काफी पहले ही भेज दी है. अब शासन से ही स्वेटर न मिल पाए तो वह क्या करें, लेकिन ठंड बढ़ने से बच्चों को दिक्कत हो रही है. जिले में कुल 2 लाख 16 हजार बच्चों को स्वेटर वितरण होना है. यह प्रक्रिया तय सीमा में पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन लापरवाही के चलते अभी तक एक तिहाई बच्चों को स्वेटर मिलने का दावा किया जा रहा है. यह अलग बात है कि यह दावा भी कागजी नजर आ रहा है, क्योंकि जिन तीन ब्लॉकों में स्वेटर बांटने का दावा बीएसए साहब कर रहे हैं. कमोबेश वहां भी स्थिति यही है.

ये भी पढ़ें- इस 'रकाबी' में मुगल बादशाह शाहजहां का खाना होता था टेस्ट

लापरवाही पर होगी कार्रवाई
बीएसए का कहना है की बहुत जल्द स्वेटर बांटने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी. यदि तय समय के मुताबिक सप्लाई नहीं कि जाती है. कार्यदाई संस्था शुभम हैंडलूम के खिलाफ शासन को पत्र लिखने के साथ ही कार्रवाई भी की जाएगी. अब बढ़ते ठंड और स्वेटर वितरण के दावों के बीच उम्मीद है कि इन ठिठुरते बच्चों को शासन की मंशा के अनरूप जल्द स्वेटर मिल जाए, लेकिन चंदौली में यह पूरा होता दिख नहीं रहा है.

Intro:चन्दौली - योगी सरकार के तमाम जद्दोजहद के बावजूद परिषदीय विद्यालयों में अबतक स्वेटर नहीं पहुच स्का.यहीं नहीं तय डेट लाइन दिसंबर से पूर्व स्वेटर पहुंचाना शिक्षा विभाग के लिए मुश्किल दिख रहा है. 25 नवंबर बीत जाने के बाद भी जिले में स्वेटर वितरण न के बराबर ही हो पाया है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि प्रक्रिया पूरी होने में 15 से 20 दिन का वक्त लग सकता है. हालत यह है की बच्चे ठंड में ठिठुर रहे है.


Body:प्राथमिक विद्यालयों में सरकारी योजनाओं के तहत बच्चों को अभी तक निशुल्क शिक्षा, मिड-डे मील और किताबों की सुविधाएं मिल रही थी. इसी क्रम में सरकार ने बच्चों को जूते व स्वेटर देने का भी ऐलान किया था. नवंबर तक विधालयो में स्वेटर बट जाने चाहिए थे. लेकिन दिसबंर की ठंड भी आ गई और ज्यादातर बच्चे बिना स्वेटर के या फटे पुराने स्वेटरों के सहारे जाड़ा काट रहे हैं.

यह तश्वीर चन्दौली के चतुर्भुज प्राथमिक विधालय की है. अभी तक इन बच्चों को स्वेटर नहीं मिले है. उनका कहना है की कमरों में ठंड लग रही है बाहर धूप की वजह से तो हालत कुछ ठीक है. लेकिन अब बादल और तेज हवा के चलते बढ़ी ठंड असहनीय हो रही है. सुबह सुबह घर से आते वक्त भी काफी ठंड लगता है. अब उमीद है कि जल्द स्वेटर मिल जाय. ताकि ठंड से बच सके.


विश्वास न हो रहा हो जरा दूसरी तश्वीर भी देखिए कि बच्चे भले ही ठण्ड से ठिठुर रहे हो. लेकिन मैडम जी स्वेटर और स्कार्प से खुद को पूरी तरह ढक कर रखने में जुटी है कि गलती से भी ठंड न लग जाये. जबकि उसकी क्लास रूम में पढ़ने वाले बच्चे ठंड से ठिठुर रहे है. हालांकि इसमें इनकी कोई गलती नहीं है. इस बार शासन ने जेम पोर्टल से टेंडर किया था.चन्दौली में स्वेटर सप्लाई का काम कानपुर की एक फर्म शुभम हैंडलूम को मिला है. जो समय रहते अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए स्वेटर की सप्लाई कर पाने में असमर्थ है. जिससे शासन की मंशा के अनरूप बच्चों को स्वेटर नहीं मिल पाए.

अध्यापको का कहना है कि उन्होंने अपनी रिक्वायरमेंट काफी पहले ही भेज दी है. अब शासन से ही स्वेटर न मिल पाए तो वह क्या करे. लेकिन ठंड बढ़ने से बच्चों को दिक्कत हो रही है.


जिले में कुल 2 लाख 16 हजार बच्चों को स्वेटर वितरण होना है. यह प्रक्रिया तय सीमा में पूरी हो जानी चाहिए थी. लेकिन लापरवाही के चलते अभी तक एक तिहाई बच्चों को स्वेटर मिलने का दावा किया जा रहा है. यह अलग बात हैँ कि यह दावा भी कागजी नजर आ रहा है.क्योंकि जिन तीन ब्लाकों में स्वेटर बांटने का दावा बीएसए साहब कर रहे है. कमोवेश वहा भी स्थिति वहीं है. जो हम आपको दिखा रहे है. हालांकि बीएसए चंदौली का कहना है की बहुत जल्द स्वेटर बाटने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी. यदि तय समय के मुताबिक सप्लाई नहीं कि जाती है.कार्यदाई संस्था शुभम हैंडलूम के खिलाफ शासन को पत्र लिखने के साथ ही कार्रवाई भी की जाएगी.

अब बढ़ते ठंड और स्वेटर वितरण के दावों के बीच उम्मीद है कि इन ठिठुरते बच्चों को शासन की मंशा के अनरूप जल्द स्वेटर मिल जाय. लेकिन चन्दौली में यह पूरा होता दिख नहीं रहा है. बीएसए साहब भले ही दावा कर रहे हो की जल्द ही बच्चों को स्वेटर मिल जायेगा. लेकिन जिस कम्पनी को जिले में स्वेटर बाटने का ठेका मिला है. वह अपने काम को नहीं कारनामो को लेकर चर्चा में रही है.

बाईट -अंकित यादव (छात्र)

बाईट - अविनाश कुमार (छात्र)

बाईट -प्रीती (छात्रा)

बाईट --निरुद्दीन प्राचार्य (प्राथमिक विद्यालय)

बाईट --इखलाख अहमद (हेडमास्टर पूर्व माध्यमिक विद्यालय 

बाईट -भोलेन्द्र प्रताप सिंह बीएसए चन्दौली 

पीटीसीConclusion:कमलेश गिरि
चंदौली
9452845730

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