चंदौलीः परिजनों की सूचना पर बबुरी पहुंची एम्बुलेंस कोरोना संदिग्ध होने पर मरीज को बिना लिए ही वापस आ गई. जिसके बाद सुरक्षा किट मुहैया कराए जाने के बाद दोबारा मरीज लेने के लिए रवाना हुई. वहीं इस बात की सूचना पर पहुंचे सीएमओ चन्दौली एम्बुलेंस कर्मियों पर बिफर गए और 24 घंटे में आवास खाली करने का आदेश दे दिया और कार्रवाई करने की चेतवानी भी दी. वहीं अब एम्बुलेंस कर्मी बिना किट के कार्य करने से बहिष्कार कर रहे हैं.
बिना किट के कोरोना मरीज को कैसे लाए एंबुलेंस?
दरअसल बबुरी क्षेत्र के एक गांव से एक मरीज को लाने की सूचना मिली तो वहां नियामताबाद ब्लॉक यूनिट की 108 एंबुलेंस पहुंच गई. वहां उस मरीज में कोरोना वायरस की संदिग्धता पर एम्बुलेंस चालक और टेक्नीशियन ने बिना सुरक्षा किट के मरीज को लाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद जिला अस्पताल परिसर स्थित एम्बुलेंस कर्मियों के आवास पर पहुंचे सीएमओ ने उन्हें फटकार लगाई और आवास खाली करने के निर्देश देते हुए चले गए.
एम्बुलेंस कर्मियों के लिए नहीं है सुरक्षा उपकरण
जब एम्बुलेंस कर्मियों ने सुरक्षा उपकरण की मांग की तो उन्होंने कहा कि यह उपकरण तुम्हारे लिए नहीं है. सिर्फ डॉक्टरों के लिए है. काम करो नहीं तो कार्रवाई की जाएगी. सीएमओ चन्दौली के बयान के बाद एंबुलेंस चालकों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को लाने एवं ले जाने के लिए एंबुलेंस में तत्काल सुरक्षा किट मुहैया कराई जाए. बिना इसके कार्य करना संभव नहीं है. स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों को 50 लाख का बीमा कराया जा रहा है. लेकिन एंबुलेंस कर्मचारियों की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है.
न चाहते हुए भी काम छोड़ने को मजबूर
गौरतलब हो कि पिछले दिनों नोडल अधिकारी की तरफ से कोरोना वायरस के लिए तीन एंबुलेंस चिन्हित किए गए थे, जिसमें सभी व्यवस्थाएं किये जाने की बात कही गई थी, लेकिन अबतक ऐसा नहीं हो सका. अब विभाग के अधिकारियों द्वारा एम्बुलेंस कर्मियों को चेतावनी भी दी रही है. एम्बुलेंस कर्मियों ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में न चाहते हुए हम सभी को काम छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
जिले में 200 एंबुलेंस कर्मी तैनात
जिले में कुल 49 एंबुलेंस संचालित है. इसमें 102 व 108 की 23-23 जबकि एएलएस की तीन एंबुलेंस हैं, जिसमें करीब 200 कर्मी तैनात हैं. लेकिन किसी को भी कोरोना से बचने के लिए एंबुलेंस में किट की व्यवस्था नहीं की गई है. एम्बुलेंस कर्मियों ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि सरकार कोरोना से सबकी सुरक्षा के लिए चिंतित है. एम्बुलेंस कर्मी बिना मास्क, सेनेटाइजर, ग्लब्स के ही कोरोना के संदिग्ध मरीजों को ले आ रहे हैं और ले जा रहे हैं. एम्बुलेंस चालक और टेक्नीशियन के सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है.
वहीं इस बाबत जब सीएमओ चन्दौली डॉ. आर के मिश्रा से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.