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नहीं रहे समाजवाद के पुरोधा 'प्रमुख जी', 5 दशक तक रहा वर्चस्व कायम - chandauli virendranath singh passes away

चंदौली के प्रमुख जी के नाम से मशहूर वीरेंद्रनाथ सिंह का शनिवार को निधन हो गया. उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव जसुरी लाया गया. चंदौली की राजनीति में उनका खासा दबदबा रहा. उनके निधन पर जनपद के विभिन्न राजनीति दलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी और उनकी शवयात्रा में शामिल हुए.

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चंदौली के पूर्व प्रमुख वीरेंद्रनाथ सिंह का निधन
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Published : Oct 29, 2022, 2:25 PM IST

चंदौली: जिले के राजनीति का एक मजबूत स्तम्भ रहे चंदौली के पूर्व प्रमुख वीरेंद्रनाथ सिंह अब नहीं रहे. उन्होंने लम्बी बीमारी से जूझते हुए 79 वर्ष की अवस्था में बीएचयू में शनिवार को अंतिम सांस ली. उनके निधन से समाजवादी विचारधारा में आस्था रखने वाले वीरेंद्रनाथ सिंह का व्यक्तित्व अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा. उन्हें सफल और सशक्त, अपने मूल्यों व सिद्धांतों के साथ राजनीति करने वाले राजनेताओं के रूप में जाना जाता रहेगा. निधन की सूचना के साथ ही चंदौली मुख्यालय व उनके पैतृक गांव जसुरी समेत पूरे जनपद में शोक की लहर है. चंदौली की सदर सीट पर 5 दशक तक का उनका वर्चस्व कायम रहा.


शनिवार की अल सुबह निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव जसुरी लाया गया. यहां उनके अंतिम दर्शन को पूरा गांव उमड़ पड़ा. इसके अलावा उनके घर-परिवार व रिश्तेदारों ने उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किए. इसके बाद उनके शव को चंदौली बबुरी रोड स्थित उनकी मड़ई पर लाया और तत्पश्चात उनके शव को सदर ब्लॉक चंदौली में श्रद्धा-सुमन व अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. वहां ब्लॉक कर्मियों के साथ ही जनपद के विभिन्न इलाकों से आए उनके समर्थकों व चाहने वालों ने अंतिम विदाई दी.

बता दें कि जिले में प्रमुख जी के नाम से मशहूर वीरेंद्रनाथ सिंह का चंदौली की राजनीति में खासा दबदबा रहा. खासकर सदर ब्लॉक में 5 दशक तक उनकी हनक कायम रही. वे खुद भी लंबे समय तक ब्लॉक प्रमुख रहे. उनके बाद उनके राजनीतिक दायित्व को उनकी पत्नी, बहू और बेटे संजय सिंह बबलू ने ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी के साथ ही उससे जुड़े दायित्व को भी बखूबी संभाला. साथ ही उनकी विरासत को बनाए और बचाए रखा. वर्तमान में संजय सिंह बबलू चंदौली ब्लॉक प्रमुख हैं. इनके परिवार की सपा और बीजेपी दोनों दलों में गहरी पैठ थी और बड़े नेताओं से अच्छे संबंध थे. 1996 में सपा के टिकट पर चिरईगांव से विधानसभा का चुनाव लड़ा. लेकिन, जीत से कुछ दूर रह गए.

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मुगलसराय विधान सभा सीट पर भी उन्होंने किस्मत आजमाई. लेकिन, यहां भी निराशा हाथ लगी. इसके बाद जनता पार्टी के टिकट पर लोक सभा चुनाव में भी वे उतरे थे. लेकिन, उन्हें ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी ही रास आई. इसके अलावा वे जिला पंचायत सदस्य भी रहे. उनके निधन से समर्थक काफी मर्माहत हैं. उनके निधन पर जनपद के विभिन्न राजनीति दलों के नेता श्रद्धांजलि देने और उनकी शवयात्रा में शामिल हुए.

चंदौली के पूर्व प्रमुख वीरेंद्रनाथ सिंह के निधन से मर्माहत पूर्व सांसद रामकिसुन यादव ने उनके व्यक्तित्व को शानदार व सशक्त बताया. उन्होंने कहा कि चंदौली के पूर्व ब्लॉक प्रमुख वीरेंद्रनाथ सिंह का निधन दुखद है. वे राजनीति में विचार की दृढ़ता के मिसाल थे. लोकतंत्र में वे नागरिक के सम्मान के प्रबल पक्षधर थे. जनता की सहायता के लिए संघर्ष करना उनका स्वभाव था. एक लम्बे समय तक वे चंदौली के स्वाभिमान के प्रतीक पुरूष की तरह स्थापित थे. वे राजनीति और समाज के लिए सदैव स्मरणीय रहेंगे.

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चंदौली: जिले के राजनीति का एक मजबूत स्तम्भ रहे चंदौली के पूर्व प्रमुख वीरेंद्रनाथ सिंह अब नहीं रहे. उन्होंने लम्बी बीमारी से जूझते हुए 79 वर्ष की अवस्था में बीएचयू में शनिवार को अंतिम सांस ली. उनके निधन से समाजवादी विचारधारा में आस्था रखने वाले वीरेंद्रनाथ सिंह का व्यक्तित्व अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा. उन्हें सफल और सशक्त, अपने मूल्यों व सिद्धांतों के साथ राजनीति करने वाले राजनेताओं के रूप में जाना जाता रहेगा. निधन की सूचना के साथ ही चंदौली मुख्यालय व उनके पैतृक गांव जसुरी समेत पूरे जनपद में शोक की लहर है. चंदौली की सदर सीट पर 5 दशक तक का उनका वर्चस्व कायम रहा.


शनिवार की अल सुबह निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव जसुरी लाया गया. यहां उनके अंतिम दर्शन को पूरा गांव उमड़ पड़ा. इसके अलावा उनके घर-परिवार व रिश्तेदारों ने उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किए. इसके बाद उनके शव को चंदौली बबुरी रोड स्थित उनकी मड़ई पर लाया और तत्पश्चात उनके शव को सदर ब्लॉक चंदौली में श्रद्धा-सुमन व अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. वहां ब्लॉक कर्मियों के साथ ही जनपद के विभिन्न इलाकों से आए उनके समर्थकों व चाहने वालों ने अंतिम विदाई दी.

बता दें कि जिले में प्रमुख जी के नाम से मशहूर वीरेंद्रनाथ सिंह का चंदौली की राजनीति में खासा दबदबा रहा. खासकर सदर ब्लॉक में 5 दशक तक उनकी हनक कायम रही. वे खुद भी लंबे समय तक ब्लॉक प्रमुख रहे. उनके बाद उनके राजनीतिक दायित्व को उनकी पत्नी, बहू और बेटे संजय सिंह बबलू ने ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी के साथ ही उससे जुड़े दायित्व को भी बखूबी संभाला. साथ ही उनकी विरासत को बनाए और बचाए रखा. वर्तमान में संजय सिंह बबलू चंदौली ब्लॉक प्रमुख हैं. इनके परिवार की सपा और बीजेपी दोनों दलों में गहरी पैठ थी और बड़े नेताओं से अच्छे संबंध थे. 1996 में सपा के टिकट पर चिरईगांव से विधानसभा का चुनाव लड़ा. लेकिन, जीत से कुछ दूर रह गए.

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मुगलसराय विधान सभा सीट पर भी उन्होंने किस्मत आजमाई. लेकिन, यहां भी निराशा हाथ लगी. इसके बाद जनता पार्टी के टिकट पर लोक सभा चुनाव में भी वे उतरे थे. लेकिन, उन्हें ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी ही रास आई. इसके अलावा वे जिला पंचायत सदस्य भी रहे. उनके निधन से समर्थक काफी मर्माहत हैं. उनके निधन पर जनपद के विभिन्न राजनीति दलों के नेता श्रद्धांजलि देने और उनकी शवयात्रा में शामिल हुए.

चंदौली के पूर्व प्रमुख वीरेंद्रनाथ सिंह के निधन से मर्माहत पूर्व सांसद रामकिसुन यादव ने उनके व्यक्तित्व को शानदार व सशक्त बताया. उन्होंने कहा कि चंदौली के पूर्व ब्लॉक प्रमुख वीरेंद्रनाथ सिंह का निधन दुखद है. वे राजनीति में विचार की दृढ़ता के मिसाल थे. लोकतंत्र में वे नागरिक के सम्मान के प्रबल पक्षधर थे. जनता की सहायता के लिए संघर्ष करना उनका स्वभाव था. एक लम्बे समय तक वे चंदौली के स्वाभिमान के प्रतीक पुरूष की तरह स्थापित थे. वे राजनीति और समाज के लिए सदैव स्मरणीय रहेंगे.

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