चंदौलीः उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस कांड या अपने विशेष अभियान न्याय को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले चंदौली के जॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा हाल में अपने ही दिए गए परमिशन के बाद उसके निरस्तीकरण के आदेश के बाद चर्चा में है. उन्होंने इंटेलिजेंस रिपोर्ट व पूर्व में हुई घटना का हवाला देते हुए जय गुरुदेव सत्संग के परमिशन को रद्द कर दिया है.
चकिया विकासखंड के मुड़हुआ दक्षिणी गांव में बाबा जयगुरुदेव आश्रम मथुरा के उत्तराधिकारी पंकज महाराज की जन जागरण यात्रा और दिव्य आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन प्रस्तावित था. जय गुरुदेव आश्रम पर आगामी 27 दिसंबर को होने वाले सत्संग व जन जागरण यात्रा के लिए दी गई अनुमति को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने गुरुवार को रद्द कर दिया. उन्होंने कोविड- 19 संक्रमण के साथ ही पूर्व में राजघाट वाराणसी में हुई घटना का हवाला देते हुए अनुमति रद्द कर दी है.
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अपने आदेश में उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में आयोजित कार्यक्रम में आदेश के विपरीत भारी भीड़ को कार्यक्रम स्थल पर जुटाया गया जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गयी. अबकी बार भी 100 लोगों की अनुमति मांगी गयी है, लेकिन 20 हजार से अधिक लोगों के सत्संग में शामिल होने की प्रबल संभावना है. लिहाजा कार्यक्रम आयोजन के आदेश को तत्काल निरस्त किया जाता है. कार्यक्रम के आयोजन के लिए आश्रम की तरफ से ग्रामीण अंचलों में बैनर पोस्टर और ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से सूचना दी गई थी. आश्रम प्रभारी जसवंत द्वारा कार्यक्रम कराने के लिए लिखित तौर पर तहसील प्रशासन से अनुमति मांगी थी.
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि आश्रम के प्रभारी को अनुमति के रद्द होने की जानकारी पत्र के माध्यम से दी गई है. इसके अलावा पुलिस प्रशासन को भी कार्यक्रम को रद्द कराने की सूचना दी गई है. इस आदेश के निरस्तीकरण का पालन न करने पर कोविड 19 अधिनियम और कानून व्यवस्था के उल्लंघन के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
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