चंदौली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के अति पिछड़े जिलों को विकसित जिलों के साथ मुख्य धारा में जोड़ने के लिए नीति आयोग की तरफ से जनवरी 2018 को 115 जिलों का चयन किया. इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश का चंदौली भी शामिल है जो कि केंद्रीय मंत्री महेंद्र पांडेय का संसदीय क्षेत्र है. नीति आयोग की तरफ से जारी ताजा रैंकिंग में चंदौली को देश में पहला स्थान मिला है. इस बाबत ईटीवी भारत संवाददाता कमलेश गिरी ने डीएम चंदौली नवनीत सिंह चहल के साथ खास बातचीत की.
कई क्षेत्रों में चंदौली ने की प्रगति
नीति आयोग की रैंकिंग में चंदौली देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है. खासतौर से स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा और मूलभूत सुविधाओं के मामले में काफी सुधार हुआ है. स्वास्थ्य व पोषण में 81.5, शिक्षा में 58.7 और मूलभूत सुविधाओं में 75.3 फीसदी की प्रगति हुई है. इसकी बदौलत नीति आयोग की ताजा रैंकिंग में जिला देश में पहले पायदान पर पहुंच गया है.
विकास के मामले में पिछड़े जिले को 2 वर्ष पहले नीति आयोग ने आकांक्षात्मक जिला घोषित किया था. स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा कृषि, मूलभूत सुविधाएं और कौशल विकास इसके इंडिकेटर हैं. इन क्षेत्रों में सुधार की कवायद शुरू हुई. आयोग के सुझाव के अनुसार इन विभागों में विकास की पहल की गई. लगातार मॉनिटरिंग और सुधार के चलते देश के 115 जनपदों में जिले की रैंकिंग धीरे-धीरे सुधरने लगी.
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मातृ एवं शिशु दर में आई कमी
चिकित्सा के क्षेत्र की बात करें तो मातृ एवं शिशु दर में कमी आई है. साथ ही जननी सुरक्षा योजना टीकाकरण और पोषण मिशन के मामले में काफी प्रगति हुई है. इसके अलावा 50 से ज्यादा वेलनेस सेंटर, टेलीपैथी से उपचार व अन्य नवीन प्रयोग के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में काफी सुधार किया गया है.
वहीं पिछले दो सालों में जिले में आधारभूत ढांचा भी काफी मजबूत हुआ. जिले में कई बड़ी परियोजनाएं योजनाएं संचालित हो रही हैं. निर्माण कार्यों में तेजी के चलते जल्द पूरा होने की उम्मीद है. इसमें 8 आरओबी, कलेक्ट्रेट भवन, केंद्रीय विद्यालय स्थित अत्याधुनिक ऑडिटोरियम व अन्य कई प्रोजेक्ट पूरा होने की स्थिति है.
डीएम ने किए प्रयोग
प्रथम स्थान पाने में प्रमुख इंडिकेटर शिक्षा व पोषण को लेकर डीएम चंदौली ने अभिनव प्रयोग करते हुए शिक्षित एवं सुपोषित चंदौली नाम से पहल की थी. इसमें ऑनलाइन एप्लिकेशन मंगाया था. इसमें कोई इच्छुक व्यक्ति किसी भी सरकारी विद्यालय में अपनी योग्यतानुसार पढ़ा सकता है. इसमें तमाम समाजसेवी, रिटायर्ड कर्मी व गृहणी महिलाओं ने इच्छा जताई जिसने शिक्षा के स्तर को ऊपर ले जाने में बड़ी भूमिका अदा की. इसके अलावा मॉडल स्कूल की तर्ज पर प्राथमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लास का संचालन शुरू किया गया. इसके अलावा आईआईटी बीएचयू के पुराने कंप्यूटर का इस्तेमाल कर कंप्यूटर लैब आदि डेवलप किया गया है.
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इसके अलावा कुपोषण रोकने में भी यह योजना काफी कारगर साबित हुई. इसमें कोई भी एनजीओ, समाजसेवी, सरकारी अधिकारी आंगनबाड़ी के जरिये बच्चों को गोद लेकर उनके खाने-पीने व स्वास्थ्य की जिम्मेदारी ले ले ताकि बच्चा कुपोषण का शिकार न हो. साथ उसका शारिरिक और मानसिक विकास हो और समय रहते इलाज की सुविधा मिल सके.
खेती से हुआ किसानों को फायदा
वहीं कृषि के क्षेत्र में भी जिले को अपेक्षित परिणाम सामने आया है. किसानों को आय दोगुनी किये जाने के क्रम में ब्लैक राइस की खेती काफी हद प्रभावी रही है जो की औषधीय गुणों से युक्त सुगर फ्री है. वर्तमान परिस्थितियों में मार्किट में इसकी डिमांड बढ़ रही है. इसके अलावा अन्य खेती किस्म की धान व गेहूं की पैदावार भी काफी अच्छी रही है.
वहीं केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र में युवाओं को रोजगार के दिलाने के उद्देश्य से बैंकिंग प्रणाली को आसान बनाकर लोन देकर नए उद्योग शुरू कराए गए. साथ ही विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाकर उन्हें कुशल व उद्यमशील बनाया जा रहा है.