चंदौली : जिले का खस्ताहाल स्वास्थ्य महकमा डीएम संजीव सिंह के रडार पर आ गया है. डीएम लगातार स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा कर उसका हाल जान रहे है. ताकि स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त रहे और मरीजों का बेहतर इलाज मिल सके. साथ ही लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई के निर्देश दे रहे है. लेकिन, बावजूद इसके जिले का स्वास्थ्य महकमा सरकार की मंशा के खिलाफ काम कर रहा है. इसका खुलासा शनिवार को उस समय हुआ जब डीएम ने जिला संयुक्त चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया. डीएम के औचक निरीक्षण के दौरान 3 कर्मी और 5 चिकित्सक गायब मिले. जिसपर कड़ी नाराजगी जताते हुए इन डॉक्टरों और कर्मचारियों के वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं.
शासन की मंशा है कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ दी जाने वाली सुविधाओं की गुणवत्ता बनी रहे और आम जनता को समय से बेहतर इलाज मिल सके. लेकिन, जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर शासन की मंशा का माखौल उड़ाया जा रहा है. लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर जिलाधिकारी संजीव सिंह ने जिला संयुक्त चिकित्सालय चकिया का औचक निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने मरीजों से स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली.
इस दौरान मरीज सुनीता देवी ने बताया कि जिला अस्पताल के डॉक्टर मरीजों को बाहर से जांच कराने के कहते हैं और अस्पताल के बाहर की दवाइयां भी लिखते हैं. इसके बाद जिलाधिकारी ने अन्य मरीजों से बातचीत कि तो वास्तव में बाहरी दवाएं व जांच लिखे गए मिले. इस दौरान डॉ. अलका राय व ओपीडी देख रहे अन्य चिकित्सकों द्वारा लिखि बाहरी दवाओं व जांच की पर्चियां भी पाई गईं. जिसपर डीएम ने संबंधित डॉक्टरों को फटकार लगाते हुए व्यवहार में परिवर्तन लाने के निर्देश दिए. इसके अलावा अलिखित रूप से अनुपस्थित पाए गए चिकित्सक व कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिए.
डीएम ने चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ को बाहर की दवाई नहीं लिखने के सख्त निर्देश दिए. इसके साथ ही जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित करते हुए कहा कि स्टोर में जो भी दवाइयां उपलब्ध हैं, उसकी सभी चिकित्सकों की सूची प्रतिदिन प्रस्तुत की जाए. ताकि बाहर की दवा नहीं लिखने की बात रोजना उनके संज्ञान में आए. इसके अलावा अस्पताल के गेट के पास मौजूद मेडिकल स्टोर्स के साथ पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड सेंटर् की भी जांच की गई.