चंदौलीः चंदासी कोल मंडी में सीबीआई की छापेमारी मामले में नया मोड़ सामने आ गया है. जानकारी के मुताबिक इसके तार पश्चिम बंगाल कोल स्कैम से जुड रहे हैं. ये भी बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल का कोयला चंदासी कोयला मंडी से बिक रहा है. कोल खदानों और लिंकेज कोयले को चन्दौली में बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है. फिलहाल सीबीआई की जांच जारी है. यहां के दर्जन भर कोयला कारोबारी सीबीआई के निशाने पर हैं.
दो कारोबारियों के कागजात सीज
जानकारी के अनुसार बंगाल की कई फैक्ट्रियों ने चंदासी से अपना कोयला बेचकर करोड़ों का वारा न्यारा किया है. कोल मंडी के दर्जनों व्यवसायी और ट्रांसपोर्टर सीबीआई के निशाने पर हैं. अभी दो व्यापारियों को सीबीआई ने नोटिस जारी किया है. दोनों व्यवसाइ के कागजात भी सीबीआई ने सीज कर दिए हैं.
बंगाल कोल स्कैम से जुड़ रहे तार
बंगाल कोल स्कैम की जांच सीबीआई कर रही है. इस मामले में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी कई रिश्तेदारों को भी सीबीआई ने नोटिस दिया है. अब इस मामले के तार एशिया की इस सबसे बड़ी कोयला मंडी से जुड़ा है.
बिना टेंडर हुए खदानों से कोयले की निकासी
दरअसल, झारखंड के धनबाद और पश्चिम बंगाल के आसनसोल, पुरुलिया, बांकुरा रेंज में कोयले की खदानें भरी पड़ी हैं. यहां पर कई ऐसी खदानें हैं, जहां बिना टेंडर के ही खदान हो रहा है.
ECL के लीज होल्ड एरिया से हो रही थी कोयले की चोरी
जानकारों की माने तो ईसीएल (Eastern Coalfield Limited) की खदानें भी यहां हैं. इस अवैध कोयले का व्यापार अरबों रुपयों का माना जाता है. सीबीआई ने 27 नवंबर साल 2020 को ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) के कई अफसरों और कर्मचारियों के साथ ही अनूप मांझी उर्फ लाला, सीआईएसएफ और रेलवे के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था. आरोप है कि ईसीएल, सीआईएसएफ, भारतीय रेलवे और संबंधित अन्य विभागों के अधिकारियों की सक्रिय मिलीभगत से ईसीएल के लीजहोल्ड क्षेत्र से कोयले की चोरी की गई.
अनूप मांझी है सिंडिकेट का सरगना
सूत्रों की माने तो सीबीआई की ये एफआईआर मई साल 2020 में ईसीएल के कई लीज एरिया पर टास्क फोर्स की रेड के बाद दर्ज की गई थी. इस रेड के दौरान अवैध खनन और स्मलिंग में प्रयुक्त वाहनों और उपकरणों की एक बड़ी संख्या को जब्त किया गया था. एफआईआर में अनूप मांझी को अवैध खनन का मुख्य सरगना बताया गया है.