चंदौली: अनामिका शुक्ला फर्जी दस्तावेज मामले में जांच के दौरान नित नए खुलासे हो रहे हैं. ऐसा ही एक मामला संध्या द्विवेदी के नाम पर भी सामने आया है. संध्या द्विवेदी के नाम पर फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, अलीगढ़ में एक ही नाम पर कई शिक्षिका कार्यरत मिली हैं. जिसके बाद अब असली संध्या द्विवेदी ने बीएसए चंदौली को जांच के बाबत पत्र लिखा है और डॉक्यूमेंट के दुरुपयोग किये जाने की आशंका जताई है. बता दें कि संध्या द्विवेदी कस्तूरबा गांधी विद्यालय, चकिया में तैनात हैं.
एक और मामला आया सामने
दरअसल अनामिका शुक्ला फर्जीवाड़ा मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कराया जा रहा है. इसकी मॉनिटरिंग शासन स्तर पर लगातार की जा रही है. इस जांच के दौरान फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद और अलीगढ़ में एक जैसे डाक्यूमेंट्स और एक ही नाम पर कई शिक्षिकाएं नौकरी करती मिली हैं. जिसके नाम पर यह शिक्षिकाएं नौकरी कर रही हैं, उसका नाम संध्या द्विवेदी है. इसके बाद अब चंदौली में तैनात संध्या द्विवेदी भी सामने आईं हैं और उन्होंने खुद बीएसए को पत्र लिखकर जांच की मांग की है.
कार्रवाई की मांग
चंदौली में तैनात संध्या द्विवेदी नाम की इस शिक्षिका ने दावा किया है कि इन 3 जगहों पर जो शिक्षिका काम कर रही हैं, उनके प्रमाण पत्र और मार्कशीट के साथ पिता के नाम और जन्मतिथि एक जैसी है. संध्या द्विवेदी ने खुद को सही ठहराते हुए बीएसए चंदौली को इस बाबत पत्र लिखकर जांच की मांग की है. इसके साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने बताया कि जब उन्हें इस बात की जानकारी हुई तो बेहद शॉकिंग महसूस कर रही थीं. चंदौली के चकिया में कस्तूरबा विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका संध्या मूल रूप से मिर्जापुर की रहने वाली हैं. उनके पिता बीएचयू में कार्यरत हैं.
क्या बोले बीएसए
इस पूरे मामले पर बीएसए चंदौली भोलेन्द्र प्रताप सिंह का कहना है कि संध्या द्विवेदी नाम की इस महिला का शिकायती पत्र उन्हें प्राप्त हुआ है. उनके सारे ओरिजिनल डॉक्यूमेंट उनके कार्यालय में जमा हैं, जोकि जांच में सही पाए गए हैं. इस पूरे मामले से शासन को अवगत करा दिया गया है.
नियुक्तियों पर सवालिया निशान
बहुचर्चित अनामिका शुक्ला प्रकरण के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप की स्थिति देखने को मिली थी. सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत इस मामले को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर शुरू हो गया. रोज नित नए हो रहे खुलासे ने कस्तूरबा गांधी विद्यालय में हुई नियुक्तियों पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया.