चंदौली : बलुआ थाना क्षेत्र के बछौली गांव में बीते सोमवार को बंजर जमीन पर बगैर अनुमति के आंबेडकर प्रतिमा स्थापित किए जाने को लेकर उपजे विवाद के बाद बड़ी कार्रवाई की गई है. मूर्ति हटवाने गए प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ अभद्रता और कार्य में बाधा डालने के आरोप में प्रधानपति सहित 200 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. बलुआ पुलिस की इस कार्रवाई से गांव में हड़कंप मचा हुआ है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, बछौली गांव में विगत दो जनवरी की रात में प्रधानपति व उनके समर्थकों ने बिना अनुमति के बंजर जमीन पर आंबेडकर की मूर्ति स्थापित कर दी. जब इसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को हुई तो एसडीएम प्रदीप कुमार, सीओ भवनेश चिकारा, बलुआ इंस्पेक्टर सूर्य प्रताप सिंह और धानापुर इंस्पेक्टर अशोक मिश्रा पुलिस बल के साथ मूर्ति हटवाने पहुंचे. इसके लिए जेसीबी मशीन मंगवाई गई, लेकिन ग्रामीण विरोध पर उतर आए और अधिकारियों संग बदसलूकी की.
बैरंग लौटे अफसर
इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच कहासुनी भी हुई. पुलिस प्रशासन की कार्रवाई के बाद दलित महिलाओं ने लामबंद होकर मूर्ति को चारों तरफ से घेर लिया. विरोध को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारी बैरंग वापस लौट आए. अब राजस्व विभाग की तहरीर और बलुआ थानाध्यक्ष के निर्देश पर मोहरगंज चौकी इंचार्ज दिनेश पटेल ने सरकारी कार्य मे बाधा डालने, अधिकारियों संग बदसलूकी के मामले में बछौली गांव के प्रधानपति दिनेश कुमार सहित 51 नामजद और 150 अज्ञात महिला व पुरुषों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
बिना परमिशन के आंबेडकर मूर्ति स्थापित किए जाने के आरोप में प्रधानपति दिनेश सहित तकरीबन 200 ज्ञात-अज्ञात के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है. साथ ही गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है.
-भवनेश चिकारा, सीओ, सकलडीहा