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कर्मनाशा पुल टूटने से उद्योग-धंधे ठप, एशिया की सबसे बड़ी कोल मंडी में सन्नाटा - Chandasi Kol Mandi

यूपी के चन्दौली स्थित कर्मनाशा नदी पर बने पुल टूटने से उद्योग धंधे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. पुल के टूटने से पूर्वी भारत के राज्यों बिहार-झारखंड, बंगाल से यूपी का संपर्क टूट गया है.

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विकास चौधरी, प्रमुख उद्यमी
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Published : Jan 8, 2020, 9:30 AM IST

चन्दौली: यूपी-बिहार को जोड़ने वाले कर्मनाशा पुल के टूटने से जिले के उद्योग-धंधे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. वहीं औद्योगिक क्षेत्र कोयला मंडी समेत जिले भर में रोजाना 25 से 30 करोड़ का व्यापार प्रभावित हो रहा है. 24 घण्टे चलने वाली फैक्टरियां अब मात्र 4 से 6 घंटे तक ही काम रही हैं. कर्मनाशा पुल टूटने से जहां आटा, मैदा, सीमेंट, पशुआहार समेत अन्य सामानों की सप्लाई ठप हो गई है, तो वहीं एशिया की सबसे बड़ी कोल मंडी में झारखंड कोयले की आमद भी बंद हो गई है. इसका सीधा असर व्यापारियों, उद्यमियों के साथ ही दिहाड़ी मजदूरों पर भी पड़ रहा है.

मामले की जानकारी देते संवाददाता.

जिले का कर्मनाशा पुल टूटने से पूर्वी भारत के राज्यों बिहार-झारखंड, बंगाल से चंदौली का संपर्क टूट गया है. इससे औद्योगिक नगर समेत जिले की सैकड़ों औद्योगिक इकाइयों का काम ठप पड़ा है. इससे व्यापारियों और उद्यमियों दोनों की कमर टूट गई है. वहीं जिले के प्रमुख उद्यमी विकास चौधरी की मानें तो रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया पर स्थापित इकाइयों की स्थिति बेहद खराब है. 24 घण्टे तक चलने वाली फैक्टरियां सिर्फ चार से छह घंटे काम कर रही हैं. वहीं सबसे ज्यादा नुकसान आटा, मैदा, पशु आहार, और सीमेंट उद्योग को हो रहा है, क्योंकि यहां की उत्पादित माल की खपत बिहार, झारखंड बंगाल में ज्यादा है, लेकिन पुल टूटने से सप्लाई ठप पड़ी है.

पढ़ें: पुल टूटने के बाद ठंड में ट्रक चालकों की बढ़ी मुसीबत, ट्रक केबिन घर और सड़क बनी आंगन

वहीं कर्मनाशा पुल टूटने से एशिया की सबसे बड़ी कोल की चंदासी पर भी खासा असर देखने को मिल रहा है. रोजाना करीब 200 से 250 गाड़ियां कोयले का कारोबार होता है, लेकिन पुल टूटने से कोयले की आमद पर ब्रेक लग गया है. जिससे रोजाना करीब 4 से 5 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो रहा है. यहीं नहीं कोयले के कारोबार से सरकार को रोजाना 30 लाख की जीएसटी मिलती है, लेकिन कारोबार ठप होने से सरकारी राजस्व का भी नुकसान हो रहा है.

चन्दौली: यूपी-बिहार को जोड़ने वाले कर्मनाशा पुल के टूटने से जिले के उद्योग-धंधे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. वहीं औद्योगिक क्षेत्र कोयला मंडी समेत जिले भर में रोजाना 25 से 30 करोड़ का व्यापार प्रभावित हो रहा है. 24 घण्टे चलने वाली फैक्टरियां अब मात्र 4 से 6 घंटे तक ही काम रही हैं. कर्मनाशा पुल टूटने से जहां आटा, मैदा, सीमेंट, पशुआहार समेत अन्य सामानों की सप्लाई ठप हो गई है, तो वहीं एशिया की सबसे बड़ी कोल मंडी में झारखंड कोयले की आमद भी बंद हो गई है. इसका सीधा असर व्यापारियों, उद्यमियों के साथ ही दिहाड़ी मजदूरों पर भी पड़ रहा है.

मामले की जानकारी देते संवाददाता.

जिले का कर्मनाशा पुल टूटने से पूर्वी भारत के राज्यों बिहार-झारखंड, बंगाल से चंदौली का संपर्क टूट गया है. इससे औद्योगिक नगर समेत जिले की सैकड़ों औद्योगिक इकाइयों का काम ठप पड़ा है. इससे व्यापारियों और उद्यमियों दोनों की कमर टूट गई है. वहीं जिले के प्रमुख उद्यमी विकास चौधरी की मानें तो रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया पर स्थापित इकाइयों की स्थिति बेहद खराब है. 24 घण्टे तक चलने वाली फैक्टरियां सिर्फ चार से छह घंटे काम कर रही हैं. वहीं सबसे ज्यादा नुकसान आटा, मैदा, पशु आहार, और सीमेंट उद्योग को हो रहा है, क्योंकि यहां की उत्पादित माल की खपत बिहार, झारखंड बंगाल में ज्यादा है, लेकिन पुल टूटने से सप्लाई ठप पड़ी है.

पढ़ें: पुल टूटने के बाद ठंड में ट्रक चालकों की बढ़ी मुसीबत, ट्रक केबिन घर और सड़क बनी आंगन

वहीं कर्मनाशा पुल टूटने से एशिया की सबसे बड़ी कोल की चंदासी पर भी खासा असर देखने को मिल रहा है. रोजाना करीब 200 से 250 गाड़ियां कोयले का कारोबार होता है, लेकिन पुल टूटने से कोयले की आमद पर ब्रेक लग गया है. जिससे रोजाना करीब 4 से 5 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो रहा है. यहीं नहीं कोयले के कारोबार से सरकार को रोजाना 30 लाख की जीएसटी मिलती है, लेकिन कारोबार ठप होने से सरकारी राजस्व का भी नुकसान हो रहा है.

Intro:चन्दौली - यूपी बिहार को जोड़ने वाले कर्मनाशा पुल के टूटने से जिले के उद्योग धंधे बुरी तरह प्रभावित हुए है. औद्योगिक क्षेत्र कोयला मंडी समेत जिले भर में रोजाना 25 से 30 करोड़ का व्यापार प्रभावित हो रहा है. 24 घण्टे चलने वाली फैक्टरियां अब मात्र 4 से 6घंटे तक ही काम रही है. कर्मनाशा पुल टूटने से जहां आटा, मैदा, सीमेंट, पशुआहार समेत अन्य सामानों की सप्लाई ठप हो गई है वहीं एशिया की सबसे बड़ी कोल मंडी में झारखंड कोयले की आमद बंद हो गई है. जिसका सीधा असर व्यापारियों उद्यमियों के साथ ही दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ रहा है.


Body:दरअसल कर्मनाशा पुल टूटने से पूर्वी भारत के राज्यों बिहार झारखंड, बंगाल से चंदौली का संपर्क टूट गया है. जिससे औद्योगिक नगर समेत जिले की सैकड़ों औद्योगिक इकाइयों के काम ठप पड़ा है. जिससे व्यापारियों और उद्यमियों दोनों की कमर टूट गई. जिले के प्रमुख उद्यमी विकास चौधरी की माने तो रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया स्थापित इकाइयों की स्थिति बेहद खराब है. 24 घण्टे तक चलने वाली फैक्टरियां चार से छह घंटे काम कर रही है. सबसे ज्यादा नुकसान आटा, मैदा, पशु आहार, और सीमेंट उद्योग का है. क्योंकि यहां की उत्पादित माल की खपत बिहार, झारखंड बंगाल में ज्यादा है. लेकिन पुल टूटने सप्लाई ठप पड़ा है.

वहीं कर्मनाशा पुल टूटने से एशिया की सबसे बड़ी कोल की चंदासी कोल मंडी पर भी खासा असर देखने को मिल रहा है. रोजाना करीब 200 से 250 गाड़ियां कोयले का कारोबार होता है. लेकिन पुल टूटने से कोयले की आमद पर ब्रेक लग गया. जिससे रोजाना करीब 4 से 5 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो रहा है. यहीं नहीं कोयले के कारोबार से सरकार को रोजाना 30 लाख की जीएसटी मिलती है. लेकिन कारोबार ठप होने से सरकारी राजस्व का भी नुकसान हो रहा है.

यूपी बिहार को जोड़ने वाले एनएच 2 पर स्थित पुल के टूटने न सिर्फ व्यापारी और उद्यमी परेशान है. बल्कि दिहाड़ी मजदूरों के सामने भी आजीविका की समस्या खड़ी हो गई. पिछले 10 दिनों से दिहाड़ी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. वे पलायन को मजबूर है. तो वहीं सुबह से लेकर शाम तक चहल पहल रहने वाली मंडियों में सियापा पसरा है. अकेले चंदासी कोल मंडी में ही 10 हजार से ज्यादा कामगार है. जो रोज काम की तलाश में आते और समय बिना काम के ही वापस चले जाते है.

वहीं ट्रक ड्राइवरों की स्थिति भी बेहद खराब है. पिछले 10 दिनों गाड़ियां जहां तहां खड़ी हो गई है. दरअसल औद्योगिक नगर और कोयला मंडी एक सिक्के के दो पहलू की तरह है. झारखंड से कोयला व अन्य कच्चा माल लादकर ट्रकें चन्दौली आती है और वापसी के दौरान यहीं ट्रकें औद्योगिक नगर से आटा, मैदा पशु आहार और सीमेंट लेकर बिहार, झारखंड, बंगाल जाती है. लेकिन पुल टूटने की वजह से अबतक अरबो का व्यापार प्रभावित हुआ है. जबकि इस व्यापार से टैक्स के रूप मिलने वाली करोड़ो रूपये राजस्व भी नुकसान हो रहा है.

वॉक थ्रू
बाइट - विकास चौधरी (प्रमुख उद्यमी)
बाइट - धर्मराज यादव (अध्यक्ष कोल मंडी)
बाइट - चंदू मौर्य (ट्रक ड्राइवर)
बाइट - रामअवध (मजदूर)






Conclusion:कमलेश गिरी
चंदौली
9452845730

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